राजस्थान में नए पुलिस मुखिया के लिए लॉबिंग, राजीव शर्मा का नाम सबसे आगे

राजस्थान में नए पुलिस मुखिया (डीजीपी) के पद के लिए लॉबिंग तेज, राजीव शर्मा का नाम प्रमुख, भाजपा नेताओं की सक्रियता और वरिष्ठता के आधार पर चयन की प्रक्रिया।

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Amresh Kushwaha
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राजस्थान में डीजीपी (Director General of Police) के पद के लिए लम्बी मंथन प्रक्रिया शुरू हो गई है। हाल ही में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी उत्कल रंजन साहू को लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। ऐसे में यहां डीजीपी का पद रिक्त हो गया। फिलहाल राज्य सरकार ने 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी रवि प्रकाश मेहरड़ा को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया है, लेकिन वह 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए नामों का चयन किया जाएगा।

राज्य सरकार ने इस पद के लिए केंद्र सरकार को सात नाम भेजे हैं। इनके पक्ष में भाजपा के बड़े नेता लॉबिंग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसाार सेवा में वरिष्ठम अफसरों को ही इन पदों पर नियुक्ति दी जा सकती है। ऐसे में डीजीपी पद के लिए सीनियर आईपीएस राजीव शर्मा, संजय अग्रवाल और आनंद श्रीवास्तव जैसे अधिकारियों के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि डीजीपी राजीव शर्मा के नाम पर मुहर लग सकती है।

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केंद्र सरकार को भेजे गए सात नाम

राजस्थान सरकार ने नए डीजीपी के लिए सात नामों को केंद्र सरकार को भेजा है। इन नामों में से तीन अधिकारी वर्तमान में केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इन अधिकारियों का चयन वरिष्ठता, सर्विस रिकॉर्ड और प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। पैनल में प्रमुख नामों में राजीव शर्मा, संजय अग्रवाल और आनंद श्रीवास्तव शामिल हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि इनकी नियुक्ति की संभावना सबसे ज्यादा है।

पैनल में प्रमुख नाम

यूपीएससी को भेजे गए पैनल में सबसे सीनियर अधिकारी के रूप में राजीव शर्मा का नाम है। वह 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। राजीव शर्मा वर्तमान में दिल्ली में केंद्रीय ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट में डीजी के पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा, आनंद श्रीवास्तव 1994 के बैच के अधिकारी हैं। वे 11 दिन पहले ही डीजे रैंक में प्रमोट हुए हैं। वर्तमान में आर्म्ड बटालियन में एडीजी पद पर हैं। राजेश निर्वाण 1992 बैच के अधिकारी हैं। केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी में डीजी हैं।

संजय कुमार अग्रवाल 1992 के बैच के अधिकारी हैं। प्रदेश में खुफिया विभाग के डीजी हैं। गोविंद गुप्ता 1993 के बीच के अधिकारी हैं। वर्तमान में वे डीजी जेल हैं। राजेश आर्य 1994 के बैच के अधिकारी हैं। अभी वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में कार्यरत हैं। राजेश आर्य चेयरमैन नेशनल टेक्निकल रिसर्च आर्गेनाईजेशन में कार्य कर रहे हैं। इसी तरह अनिल पालीवाल 1994 के बैच के अधिकारी हैं। वर्तमान में अनिल पालीवाल प्रदेश में टेक्निकल सर्विसेज एंड ट्रैफिक में डीजी हैं।

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राजीव शर्मा के परिवारिक कनेक्शन

सूत्रों की मानें तो आईपीएस राजीव शर्मा के नाम पर जोर क्यों दिया जा रहा है, इसके पीछे कुछ पारिवारिक और राजनीतिक कनेक्शन भी हैं। वह मथुरा के मूल निवासी हैं, और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पारिवारिक संबंध होने की चर्चा है। मुख्यमंत्री और राजीव शर्मा दोनों ही ब्रजभूमि से ताल्लुक रखते हैं, जिससे यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि डीजीपी के पद पर उनकी नियुक्ति हो सकती है।

डीजी रैंक के दो पद होंगे खाली

आरपीएससी के अध्यक्ष बने उत्कल रंजन साहू और कार्यवाहक डीजीपी रवी प्रकाश मेहरड़ा इसी महीने 30 जून को सेवानिवृत हो जाएंगे। ऐसे में राज्य में डीजी रैंक के दो पद खाली हो जाएंगे। 1994 बैच के एडीजी अशोक कुमार राठौड़ और मालिनी अग्रवाल का डीजी रैंक में प्रमोशन हो जाएगा। कार्मिक विभाग ने फिलहाल उनके नाम यूपीएससी को पैनल में नहीं भेजे हैं। लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही उनके नाम यूपीएससी को भेज दिए जाएंगे।

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कानून व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती 

राजस्थान में नए डीजीपी के सामने प्रदेश की कानून व्यवस्था को बरकरार रखना बड़ी चुनौती होगी। प्रदेश में अपराध, अपहरण, बलात्कार, बजरी माफिया का आतंक लगातार बना हुआ है। नए डीजीपी को इन पर अंकुश लगाना होगा।

लॉबिंग कर रहे नेता  

राजस्थान में नए डीजीपी की चयन प्रक्रिया में लॉबिंग करने में कुछ बड़े नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। राजीव शर्मा भाजपा के बड़े नेता के करीबी रिश्तेदार बताए जाते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल और सीएम के एसीएस शिखर अग्रवाल संजय अग्रवाल के पक्ष में पैरवी कर रहे हैं। इसके साथ ही, आनंद श्रीवास्तव के भी दिल्ली में भाजपा हाईकमान से अच्छे रिश्ते बताए जा रहे हैं। राजेश निर्वाण जोधपुर के रहने वाले हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के करीबी माने जाते हैं।

वरिष्ठता से होगा चयन 

नियमानुसार यूपीएससी को वरिष्ठता के आधार पर तीन नाम का चयन करना होता है। यदि किसी अफसर का रिकॉर्ड खराब है तो वह चयन प्रक्रिया से स्वतः बाहर हो जाता है। जानकारी के मुताबिक पैनल में जिन लोगों का नाम भेजा गया है। उनमें से किसी का भी सर्विस रिकॉर्ड खराब नहीं बताया गया है। ऐसे में राजीव शर्मा, राजेश निर्माण और संजय अग्रवाल इस पद के लिए योग्य दावेदार हैं।

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