राजस्थान पत्थर उद्योग हड़ताल : 2200 क्रेशर और 10 हजार खानें बंद, जानें सरकार और आम लोगों पर असर

राजस्थान में शुक्रवार रात से पत्थर उद्योग की अनिश्चितकालीन हड़ताल से राज्य की अर्थव्यवस्था और श्रमिकों की आजीविका पर संकट। सरकार से समाधान की मांग।

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Nitin Kumar Bhal
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Rajasthan Stone Crusher and Small Mines Cheja Stone Lease Holder Association

Photograph: (The Sootr)

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राजस्थान (Rajasthan) में पत्थर उद्योग (Stone Industry) से जुड़े संगठनों ने शुक्रवार यानि 1 अगस्त 2025 की रात 12 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) शुरू कर दी है। इस हड़ताल में राजस्थान स्टोन क्रेशर और स्मॉल माइंस चेजा पत्थर लीज होल्डर एसोसिएशन (Rajasthan Stone Crusher Small Mines Stone Lease Holder Association) शामिल हैं। राज्य भर में 2200 से अधिक क्रेशर और लगभग 10 हजार चेजा पत्थर खानों (Stone Mines) में यह हड़ताल व्यापक असर रख रही है।

 

  • 2200+ क्रेशर और 10,000 पत्थर खानों में पूरी तरह बंद।

  • लाखों श्रमिकों की आजीविका संकट में।

  • निर्माण क्षेत्र में पत्थर की आपूर्ति बंद।

  • सरकार को नियमों में संशोधन और संवाद की मांग।

  • आर्थिक प्रभाव से राज्य में रोजगार और विकास प्रभावित।

पत्थर उद्योग हड़ताल का क्या प्रभाव होगा?

इस हड़ताल के कारण लाखों श्रमिकों की आजीविका (Livelihood) प्रभावित हो रही है। साथ ही मकान, सड़क और अन्य निर्माण कार्यों के लिए आवश्यक रोड़ी और चुनाई पत्थर की आपूर्ति पूरी तरह रुक गई है। इस वजह से पूरे निर्माण क्षेत्र में ठहराव आने की आशंका जताई जा रही है। खनन कार्य (Mining Operations) पूरी तरह बंद हो गए हैं, जिससे न केवल खनन क्षेत्र बल्कि ट्रांसपोर्ट, निर्माण, और श्रम क्षेत्र पर भी बुरा असर पड़ा है। इससे जुड़े हजारों कर्मचारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो रहे हैं।

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एसोसिएशन अध्यक्ष योगेश कटारा (Yogesh Katara) और संरक्षक पवन शर्मा (Pawan Sharma) ने बताया कि लंबे समय से उद्योगों की समस्याएं सरकार के सामने रखी जा रही थीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार सिर्फ राजस्व वसूली (Revenue Collection) पर केंद्रित है और छोटे उद्योगों एवं जनहित के मुद्दों के प्रति संवेदनशील नहीं है।

राजस्थान पत्थर उद्योग हड़ताल की प्रमुख मांगें क्या हैं?

  • मौजूदा अव्यवहारिक नियमों की समीक्षा और आवश्यक संशोधन।

  • उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ सीधी बातचीत।

  • जल्दी राहत और समाधान सुनिश्चित करना।

एसोसिएशन का स्पष्ट कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, हड़ताल जारी रहेगी।

 

राजस्थान में चेजा पत्थर खनन उद्योग क्या है?

  • महत्वपूर्ण भूमिका: राजस्थान का चेजा पत्थर खनन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में खासा योगदान देता है, विशेषकर निर्माण क्षेत्र में। इस उद्योग का मुख्य केंद्र जयपुर, कोटपूतली और अन्य आसपास के क्षेत्र हैं।

  • मुख्य उपयोग: चेजा पत्थर का उपयोग निर्माण कार्यों में किया जाता है, जैसे घरों, सड़कों और अन्य संरचनाओं के लिए रोड़ी और चुनाई पत्थर के रूप में।

  • खनन क्षेत्र: यह खनन कार्य मुख्य रूप से जयपुर, कोटपूतली, नीम का थाना और अन्य क्षेत्रों में किया जाता है, जहां से चेजा पत्थर निकाला जाता है।

  • अवैध खनन की समस्या:नीम का थाना क्षेत्र में अवैध खनन एक बड़ी समस्या बन चुकी है, जहां 21 खानों से 3.85 करोड़ टन पत्थर का अवैध खनन हुआ है। अवैध खनन के कारण सरकार को रॉयल्टी से होने वाले राजस्व का नुकसान हो रहा है।

  • पर्यावरणीय प्रभाव: गहरे खनन और अवैध ब्लास्टिंग से पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप पानी का स्त्रोत सूखने और भूस्खलन का खतरा बढ़ रहा है।

  • श्रमिकों की आजीविका पर असर: अवैध खनन और हड़तालों के कारण श्रमिकों की आजीविका पर असर पड़ रहा है, जिससे काम ठप हो जाता है और एक गंभीर संकट उत्पन्न हो जाता है।

  • हड़ताल और सरकार से मांग: राजस्थान स्टोन क्रेशर और राजस्थान स्मॉल माइंस चेजा पत्थर लीज होल्डर एसोसिएशन ने 2200 से अधिक क्रेशर और 10,000 चेजा पत्थर की खानों में अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। उन्होंने सरकार से मौजूदा नियमों की समीक्षा और संशोधन की मांग की है।

 

 

 

Rajasthan Stone Crusher and Small Mines Cheja Stone Lease Holder Association
Photograph: (The Sootr)

 

 

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पत्थर उद्योग हड़ताल के संभावित आर्थिक प्रभाव क्या हैं?

यदि समस्या का समाधान शीघ्र नहीं निकला, तो इस हड़ताल का राज्य की अर्थव्यवस्था (Economy of Rajasthan) पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। निर्माण क्षेत्र के ठप होने से निवेश में गिरावट और रोजगार संकट गहरा सकता है।

 

Rajasthan Stone Crusher and Small Mines Cheja Stone Lease Holder Association
Photograph: (The Sootr)

 

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पत्थर उद्यमियों ने सरकार से क्या अपील की है?

एसोसिएशन ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वे सकारात्मक कदम उठाएं, जिससे खनन और पत्थर उद्योग सुचारू रूप से पुनः शुरू हो सकें और श्रमिकों को राहत मिल सके।

FAQ

1. राजस्थान में पत्थर उद्योग की हड़ताल क्यों शुरू हुई?
राजस्थान पत्थर उद्योग की हड़ताल मुख्य रूप से गैर यथार्थवादी नियमों और सरकार द्वारा समस्याओं की अनदेखी के विरोध में की गई है। उद्योग प्रतिनिधि सरकार से नियमों में संशोधन और सीधे संवाद की मांग कर रहे हैं।
2. राजस्थान में पत्थर उद्योग की हड़ताल का निर्माण क्षेत्र पर क्या असर होगा?
हड़ताल के कारण मकान, सड़क और अन्य निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाली रोड़ी और चुनाई पत्थर की आपूर्ति पूरी तरह रुक गई है, जिससे निर्माण क्षेत्र ठप हो सकता है और आर्थिक नुकसान हो सकता है।
3. सरकार ने पत्थर उद्योग की हड़ताल को लेकर क्या कदम उठाए हैं?
अभी तक सरकार की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं आया है। एसोसिएशन ने सरकार से शीघ्र संवाद और नियमों में संशोधन की अपील की है ताकि हड़ताल खत्म की जा सके और उद्योग पुनः सुचारु हो सके।

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