NCRB रिपोर्ट : राजस्थान में पुलिस की हिरासत सुरक्षित नहीं, आरोपियों की मौत के मामलों में बढ़ोतरी

राजस्थान में पुलिस हिरासत में कैदियों की मौत के मामले बढ़ने लगे हैं। आए दिन उनकी मौत और फरार होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में डूंगरपुर थाने में युवक की तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में मौत हो गई।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान पुलिस की हिरासत जानलेवा होती जा रही है। पुलिस हिरासत में से आरोपी तो फरार हो रहे हैं, वहीं पुलिस प्रताड़ना से मौतें भी होने लगी हैं। हाल ही पुलिस पूछताछ में डूंगरपुर के दोवड़ा थाने में एक युवक दिलीप अहारी की तबीयत बिगड़ने और अस्पताल में भर्ती होने के दौरान मौत हो गई। 

मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए मुआवजा और सरकारी नौकरी को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। दो दिन तक चले धरने प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने 1 अक्टूबर को थानाधिकारी तेजकरण सिंह समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। परिजनों को मुआवजा और संविदा नौकरी देने पर सहमति बनी। 

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लगातार मारपीट के आरोप

पुलिस हिरासत में ऐसे मामले बढ़ने लगे हैं। मारपीट के आरोप तो आए दिन सामने आ रहे हैं, वहीं अब तो मौतें भी होने लगी है। जिसके चलते कई बार बड़े विरोध प्रदर्शन भी हो चुके हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2023 की रिपोर्ट भी पुलिस हिरासत में मौतें होने और आरोपियों के भागने की कड़वी सच्चाई बयां कर रही है। 

राजस्थान पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने वाली रिपोर्ट में हवाला दिया गया है कि वर्ष 2023 में पुलिस हिरासत के दौरान सात जनों की मौत हुई। मौतों का कारण मारपीट और अत्यधिक प्रताड़ना देना सामने आया है। इसी तरह पुलिस हिरासत के दौरान 90 बंदी भी फरार हो गए थे, जो कि पुलिस की लचर व लापरवाही पूर्ण कार्यों की तरफ इशारा करती है।

हिरासत में मौतों पर गंभीर सवाल

एनसीआरबी रिपोर्ट पुलिस की प्रताड़ना और गलत व्यवहार को दर्शा रही है। हालात यह है कि पुलिस हिरासत में न तो बंदी सुरक्षित हैं और ना ही आरोपी की हिफाजत हो पा रही है। राजस्थान पुलिस की हिरासत में आरोपियों की मौत का मामला बेहद गंभीर है। 2023 में राजस्थान में 7 लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हुई, जिनमें से मरने वालों में से 6 कैदी पुलिस व न्यायिक हिरासत पर थे। वहीं एक आरोपी की बिना पुलिस हिरासत व न्यायिक अभिरक्षा के दौरान मौत हुई।

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प्रताड़ना व गंभीर मारपीट के आरोप

इन मामलों में पुलिस के खिलाफ प्रताड़ना व गंभीर मारपीट के आरोप भी लगे, लेकिन पुलिस जांच में पांच आरोपियों की मौत के मामले की वजह बीमारी होना बताया गया, तो दो मामलों में आत्महत्या करना बताया गया है। पुलिस प्रताड़ना व मारपीट के आरोपों को गलत बताया गया था।

हालांकि पुलिस जांच के बाद भी मौत के मामलों में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। परिजन पुलिस प्रताड़ना की शिकायत करते हैं। मामले भी दर्ज करवाते हैं, न्यायिक जांच भी होती है, लेकिन ठोस कार्यवाही नहीं होने से पुलिस हिरासत में मारपीट व मौतों के आंकड़े लगातार बढ़ ही रहे हैं। हाल ही डूंगरपुर जिले में दिलीप की मौत होना इसका ज्वलंत उदाहरण है।

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हर चौथे दिन एक बंदी फरार

एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस हिरासत से आरोपी व बंदी भी फरार हो रहे हैं। हर चौथे दिन एक आरोपी फरार हो रहा है। लापरवाही के चलते कैदी और आरोपी दिन दहाड़े फरार हो रहे हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। अब तो केंद्रीय जेल भी सुरक्षित नहीं है। कुछ दिन पहले जयपुर की जेल से दो कैदी बैरक तोड़कर और बिजली करंट वाली दीवार को फांदकर फरार हो गए। जेलकर्मियों को कैदियों के भागने की भनक तक नहीं लगी। कैदियों की गणना में मामला पकड़ में आया। दो दिन बाद कैदी पकड़ में आए। 

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2023 में हिरासत से 90 बंदी फरार

2023 में राजस्थान पुलिस की हिरासत से 90 बंदी फरार हुए थे, जिनमें पुलिस लॉकअप से तीन तो 87 कैदी लॉकअप के बाहर पेशी, पुलिस अनुसंधान के दौरान फरार हो गए। पुलिस ने फरार आरोपियों में से 53 को फिर से गिरफ्तार कर लिया था। कुछ कई दिनों की मशक्कत के बाद अरेस्ट हुए।

गैंगस्टर आनंद पाल सिंह व उसके साथी भी पेशी के दौरान पुलिसकर्मियों को नशीला पदार्थ खिलाकर फरार हो गए थे। बाद में पुलिस एनकाउंटर में आनंद पाल की गोली से मौत हो गई थी। पुलिस हिरासत में फरार हुए आरोपियों के मामले में 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभाग ने कार्यवाही करते हुए निलंबित किया और उन्हें चार्जशीट भी दी गई।

FAQ

1. 2023 में राजस्थान में पुलिस हिरासत में कितनी मौतें हुईं?
2023 में राजस्थान में पुलिस हिरासत के दौरान सात मौतें हुईं, जिनमें से छह कैदी पुलिस और न्यायिक हिरासत में थे।
2. राजस्थान में पुलिस हिरासत से कितने आरोपी फरार हुए?
2023 में राजस्थान में पुलिस हिरासत से 90 आरोपी फरार हुए थे, जिनमें से कई को बाद में गिरफ्तार किया गया।
3. राजस्थान पुलिस की कार्यशैली में सुधार के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
राजस्थान पुलिस की कार्यशैली में सुधार के लिए अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, लेकिन कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है।

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