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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (Special Operation Group, SOG) और एटीएस (ATS) ने हाल ही में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वाले 10 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार कर एक बड़ा खुलासा किया है। यह मामला राजस्थान के विभिन्न जिलों से जुड़ा हुआ है, जहां इन कर्मचारियों ने डमी कैंडिडेट, ब्लूटूथ के माध्यम से नकल, और लीक हुए पेपरों का उपयोग कर सरकारी नौकरियों को हासिल किया था।
यह खुलासा न केवल राजस्थान सरकार के लिए बल्कि पूरे राज्य में सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं के प्रति विश्वास को भी चुनौती दे रहा है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कई ऐसे लोग शामिल हैं, जो पिछले 4-5 वर्षों से सरकारी सेवा में कार्यरत थे और अब तक 70 लाख रुपए से अधिक का वेतन प्राप्त कर चुके थे। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि सरकार इन आरोपियों से वेतन की वसूली कैसे करेगी, और क्या इन कर्मचारियों की नौकरियों को रद्द किया जाएगा?
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भर्ती फर्जीवाड़े में प्रमुख गिरफ्तारियां
राजस्थान पुलिस ने इन फर्जीवाड़े में शामिल विभिन्न आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यहां हम उन प्रमुख गिरफ्तारियों की जानकारी देंगे, जो इस मामले में शामिल हैं:
डालूराम मीणा और पत्नी मौसम मीणा
डालूराम मीणा और उनकी पत्नी मौसम मीणा दोनों दौसा जिले के निवासी हैं। डालूराम मीणा ने स्कूल व्याख्याता (हिंदी) भर्ती-2022 में भाभी रेखा मीणा की जगह अपनी पत्नी मौसम मीणा को डमी कैंडिडेट बनाकर परीक्षा दिलवाई थी। यह खुलासा जोधपुर के भोपालगढ़ से गिरफ्तार किए जाने के बाद हुआ। डालूराम मीणा पहले भी एसआई भर्ती 2021 में डमी कैंडिडेट से चयनित हो चुका था।
रिंकू यादव
रिंकू यादव ने धामण हिण्डौन, करौली जिले में एसआई भर्ती 2021 में लीक पेपर से नकल करके परीक्षा दी थी और 126.01 अंक प्राप्त किए। इस मामले में मोबाइल से पेपर हल करने के साक्ष्य भी मिले हैं। इस प्रकरण में अब तक 126 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 55 एसआई अधिकारी शामिल हैं।
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अरुण कुमार मीणा
अरुण कुमार मीणा ने विज्ञान पेपर-2022 में दूसरे से परीक्षा दिलवाई थी। वह अब 5000 रुपए का इनामी है, और उसकी गिरफ्तारी जयपुर से की गई थी।
महेन्द्र कुमार विश्नोई
महेन्द्र कुमार विश्नोई ने शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 में नकल करके नौकरी पाई थी। इस फर्जीवाड़े की जानकारी जोधपुर से मिली और विश्नोई की गिरफ्तारी की गई।
सागर चौधरी
सागर चौधरी ने आरपीएससी पेपर लीक प्रकरण में शामिल होकर फर्जी डिग्री हासिल की। वह जोधपुर से गिरफ्तार किया गया था और यह मामला एक बड़े पेपर लीक प्रकरण से जुड़ा हुआ था।
हेमलता गुर्जर
हेमलता गुर्जर ने झारखंड ताइक्वांडो फेडरेशन का फर्जी ताइक्वांडो प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2021 में चयन पाया था। हेमलता की गिरफ्तारी जयपुर से हुई थी।
मंजू कुमारी
मंजू कुमारी ने महिला पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा में नकल और डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा दी थी।
सुनील बिश्नोई और रामप्रकाश जाट
सुनील बिश्नोई और रामप्रकाश जाट ने हाईकोर्ट जूनियर क्लर्क/लिपिक परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल करके परीक्षा पास की। यह दोनों आरोपियों ने छह महीने तक फरारी की जिंदगी जीने के बाद गिरफ्तारी दी।
महेन्द्र कुमार विश्नोई (बीकानेर)
महेन्द्र कुमार विश्नोई ने शारीरिक शिक्षक भर्ती-2022 में डमी कैंडिडेट बैठवाकर नौकरी दिलवाई थी।
सागर दौलतानी
सागर दौलतानी एक मिडिलमैन था, जो अहमदाबाद से फर्जी बीई/बीटेक डिग्री दिलवाकर एईएन नियुक्ति दिलवाने में मदद कर रहा था।
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राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में हुए फर्जीवाड़े से राज्य के युवा और उन लोगों के बीच चिंता बढ़ गई है जो ईमानदारी से सरकारी नौकरी के लिए मेहनत कर रहे हैं। राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षा में नकल मामला राज्य सरकार की भर्ती प्रणाली में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का संकेत देता है। इस खुलासे ने न केवल आरोपियों को बल्कि पूरी सरकारी भर्ती प्रणाली को सवालों के घेरे में ला दिया है।
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वेतन की वसूली कैसे होगी?
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि सरकार राजस्थान सरकारी भर्ती में फर्जीवाड़ा कर भर्ती हुए कर्मचारियों से उनका वेतन कैसे वसूल करेगी। ये आरोपी अब तक सरकारी सेवा में कार्यरत थे और वे अपने फर्जी चयन से 70 लाख रुपए से अधिक का वेतन ले चुके हैं। अब सरकारी अधिकारियों को यह निर्णय लेना होगा कि क्या वे इनसे पूरा वेतन वसूल करेंगे या फिर इनकी नौकरी से संबंधित फैसले कैसे लिए जाएंगे।