पुलिस महकमे में अब न्यायालयी कार्य होंगे डिजिटल, तकनीक के उपयोग से तेजी से होंगे काम

राजस्थान के पुलिस महकमे में अब न्यायालयी कार्य डिजिटल होंगे। एफआईआर और शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करने के बाद आरोप-पत्र और एफआईआर कोर्ट को CIS एप्लीकेशन के जरिए भेजेंगे।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान पुलिस अब न्यायालयी कार्यों में भी डिजिटल कदम बढ़ाने जा रही है। एफआईआर और शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करने के बाद अब आरोप-पत्र और एफआईआर सीधे न्यायालय को CIS (Case Information System) एप्लीकेशन के माध्यम से भेजी जाएंगी।

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इस नई व्यवस्था के तहत पुलिस और न्यायालय के बीच दस्तावेजों का आदान-प्रदान डिजिटल माध्यम से होगा। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि कागजी कार्रवाई की जटिलताओं में भी कमी आएगी। साथ ही, मामलों की निगरानी और त्वरित निस्तारण में आसानी होगी। 

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41 जिलों के 52 थाने, 2 जीआरपी भी

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 41 जिलों के 52 थाने तथा अजमेर व जोधपुर जीआरपी थाने को चयनित किया गया है। इन थानों से आरोप-पत्र और एफआईआर न्यायालय को अब डिजिटल रूप में भेजे जाएंगे। इस पहल से केस मैनेजमेंट और ट्रैकिंग सिस्टम मजबूत होगा।

साथ ही, आरोपियों और पीड़ितों से जुड़े मामलों में तेजी से न्याय की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। पुलिस विभाग का यह कदम ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के साथ ही न्याय व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में अहम साबित हो सकेगा।

नए सिस्टम के फायदे

  • समय की बचत : दस्तावेज तुरंत अदालत तक पहुंचेंगे।
  • कागजी काम कम होगा : दस्तावेजी साक्ष्यों की जरूरत घटेगी।
  • ई-गवर्नेंस को बढ़ावा : डिजिटल इंडिया पहल को मजबूती मिलेगी।
  • न्याय प्रक्रिया में तेजी : पुलिस और अदालत के बीच समन्वय आसान होगा।

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ये थाने पायलट प्रोजेक्ट में शामिल

अजमेर का नसीराबाद, अलवर से लक्ष्मणगढ़, अनूपगढ़, बालोतरा, बांसवाड़ा, कोतवाली बारां, कोतवाली बाड़मेर, जैतारण, मथुरागेट भरतपुर, सुभाषनगर भीलवाड़ा, भिवाड़ी का तिजारा, बीकानेर से नोखा, बूंदी से हिंडौली, चितौड़गढ़ से निम्बाहेड़ा, चूरू का सरदारशहर, दौसा का कोतवाली, डीग का पहरी, धौलपुर कोतवाली, डीडवाना-कुमाचन का कुचामन सिटी, डूंगरपुर का कोतवाली, गंगानगर का सादुलशहर, हनुमानगढ़ का गोगामेड़ी, जयपुर वेस्ट का विश्वकर्मा, जयपुर सिटी ईस्ट का मालवीय नगर, जयपुर सिटी नॉर्थ का विद्याधरनगर, जयपुर सिटी साउथ का मुहाना, जयपुर रूरल का शाहपुरा थाना इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं। 

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इनका भी किया गया चयन

इसके अलावा जैसलमेर, जालौर का भीनमाल, झालावाड़ कोतवाली, झुंझुनूं गुढ़ा, जोधपुर सिटी ईस्ट का महा मंदिर, जोधपुर सिटी वेस्ट का लूणी, जोधपुर रूरल का खेड़ापा, करौली, खैरथल-तिजारा का खैरथल, कोटा सिटी का उद्योगनगर, कोटा रूरल का इटावा, कोटपूतली-बहरोड़, नागौर कोतवाली, कोतवाली पाली, फलौदी, प्रतापगढ़, राजसमंद का खमनौर, सलूम्बर, सांचौर, सवाई माधोपुर का बोनली, सीकर सदर, सिरोही का आबू रोड सदर, टोंक का घर, उदयपुर के प्रतापनगर थाने सहित अजमेर व जोधपुर जीआरपी थाने का चयन किया गया है।

FAQ

Q1: राजस्थान पुलिस ने डिजिटल प्रणाली को लागू क्यों किया है?
राजस्थान पुलिस ने डिजिटल प्रणाली (Digital System) को लागू किया है ताकि एफआईआर और आरोप-पत्र जैसे दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान जल्दी और सुरक्षित तरीके से किया जा सके। इस से कागजी कार्य में कमी आएगी और न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी।
Q2: पायलट प्रोजेक्ट में कौन से थाने शामिल हैं?
राजस्थान के 41 जिलों के 52 थानों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित किया गया है, जिनमें अजमेर, जोधपुर, बीकानेर, अलवर और जयपुर के प्रमुख थाने शामिल हैं। इन थानों में एफआईआर और आरोप-पत्र अब डिजिटल तरीके से भेजे जाएंगे।
Q3: इस नई प्रणाली के क्या लाभ होंगे?
इस नई प्रणाली से समय की बचत (Time-saving), कागजी कार्य में कमी (Less Paperwork), न्याय प्रक्रिया में गति (Faster Legal Process), और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा (Boost to E-Governance) जैसे लाभ होंगे। यह प्रणाली न्याय व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी (Effective) बनाएगी।

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