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राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के इलाज के लिए शुरू की गई राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) अब कई समस्याओं से जूझ रही है। आरजीएचएस घोटाला अब नई बात नहीं है।
क्लेम भुगतान में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सरकार इस योजना के मॉडल में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है।
मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी
हाल ही में, राजस्थान सरकार ने इस योजना की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (एमएए) योजना चलाने वाली एजेंसी को सौंप दी है। अब राज्य सरकार इस योजना को पूरी तरह से मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (एमएए) योजना में बदलने पर विचार कर रही है या फिर आरजीएचएस योजना से ब्रांडेड दवाओं की सुविधा को समाप्त किया जा सकता है।
सवाल यह है कि आरजीएचएस योजना क्या है। असल में इस योजना के तहत सरकार के सेवारत और रिटायर कर्मचारियों के कैशलेस इलाज का प्रावधान है।
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फर्जी क्लेम का मुद्दा
योजना के अंतर्गत सबसे बड़े भ्रष्टाचार के कारणों में एक फर्जी क्लेम हैं। निजी अस्पतालों के अनुसार, राज्य सरकार के पास करीब 4 लाख क्लेम पेंडिंग हैं, जिनका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। यह राशि लगभग 140 करोड़ रुपए है। इन सभी समस्याओं के चलते, राजस्थान एलायंस ऑफ ऑल हॉस्पिटल्स एसोसिएशंस ने घोषणा की है कि यदि भुगतान नहीं मिलता है तो वे 25 अगस्त से कैशलेस इलाज को बंद कर देंगे।
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आरजीएचएस योजना के संभावित बदलाव
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दो महीने पहले RGHS का संचालन वित्त विभाग से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सौंपा गया था। इसके बाद, विभाग ने जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को योजना की निगरानी सौंप दी है। आरजीएचएस योजना का मॉडल बदलने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (एमएए) योजना
राजस्थान राज्य स्वास्थ्य बीमा एजेंसी की देखरेख में चल रही मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (एमएए) योजना के तहत सवा करोड़ से ज्यादा परिवारों को पंजीकृत किया जा चुका है।
राजस्थान राज्य स्वास्थ्य बीमा एजेंसी की देखरेख में यह योजना चल रही है।
इसमें शामिल होने के लिए प्रत्येक परिवार को 850 रुपए प्रति वर्ष जमा करानी होती है।
पंजीकृत परिवारों को सालाना 25 लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध होता है।
इसके तहत 1800 से अधिक सरकारी और निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। इसमें 2047 उपचार पैकेज शामिल किए गए हैं।
चिकित्सा मंत्री का बयान
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि आरजीएचएस योजना में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी।
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