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Photograph: (the sootr)
मुकेश शर्मा @ जयपुर
गड़बड़ी के आरोपों के बाद कानूनी दांव पेच में फंसी एसआई भर्ती 2021 की जंग में एक जिंदगी हमेशा के लिए हार गई। इस भर्ती में चयनित एसआई राजेंद्र सैनी ने दौसा में सोमवार रात ट्रेन के सामने आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
भरतपुर जिले में भुसावर के पास बलवंतगढ़ का रहने वाला राजेंद्र सैनी धौलपुर में ट्रेनी एसआई के रूप में पदस्थ था। परिजनों के अनुसार, इस भर्ती के भविष्य को लेकर अवसाद में था। उसका अवसाद इसलिए भी बढ़ा हुआ था कि उसके घर पर दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हुए थे। तीन दिन से परिवार में गेहूं नहीं होने और मां की बीमारी के समाचार सुनकर वह अधिक तनाव में आ गया।
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बहन की शादी और पिता की बीमारी से परेशान
बताया जाता है कि मृतक राजेंद्र सिंह ने ट्रेनिंग कर रहे अपने साथियों के वॉट्सऐप ग्रुप में तीन सितंबर को अवसाद भरी यह पोस्ट लिखी थी, मैं शादी करूं या सिस्टर की या आगे पढ़ाई करूं। कुछ समझ नहीं आ रहा। पापा की तबीयत ऐसी है कि कब स्वर्ग सिधार जाएं, पता नहीं। इस पोस्ट को पढ़ने के बाद राजेंद्र सैनी के साथियों ने हिम्मत देने वाले मैसेज किए थे, लेकिन उसने किसी मैसेज का जवाब नहीं दिया। कुछ साथियों ने फोन पर बात करके उसे हिम्मत बंधाई थी। इससे यह तो साफ है कि मृतक राजेंद्र बेहद तनाव में था
अब तो न्यायपालिका से भी विश्वास उठ गया
मृतक राजेंद्र सैनी के भाई जितेंद्र का कहना है कि उसके भाई ने बलिदान दिया है, क्योंकि भर्ती रद्द होने के बाद से वह फ्रॉड का टैग लगने से बेहद तनाव में था। वह खुद को प्रताड़ित महसूस कर रहा था। जितेंद्र के अनुसार, उसका भर्ती रद्द होने के कारण न्यायपालिका और सरकार से विश्वास उठ गया है। कुछ लोगों के कारण 800 अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हो रहा है। अगर इनके साथ कुछ हुआ तो 800 बच्चों के परिवार को जवाब कौन देगा?
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तीन दिन से गेहूं नहीं थे घर में
भाई जितेंद्र के अनुसार, वह बीएड पास है। दौसा में रहकर सेकेंड ग्रेड टीचर की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। सोमवार को ही राजेंद्र सैनी ने धौलपुर से उसे कमरे का किराया दो हजार रुपए देने आया था। उसी दौरान उनकी मां का फोन आया था और वह बीमारी और घर में तीन दिन से गेहूं नहीं होने के कारण चावल खाकर गुजारा करने के कारण रो रही थी। इस पर वह अपनी मां को डॉक्टर को दिखाने और गेहूं दिलवाने के लिए गांव रवाना हो गया था। इस बीच, रास्ते में उसे सूचना मिली कि भाई राजेंद्र सैनी रात में मालगाड़ी से कट गया है।
पुलिस का दावा, नहीं मिला सुसाइड नोट
उधर, रेलवे पुलिस का कहना है कि उसके पास एक युवक के मालगाड़ी की चपेट में आने की सूचना आई थी। इसमें बताया गया कि एक युवक पटरी पार करते हुए मालगाड़ी से कट गया है। क्या युवक ने सुसाइड किया, इस पर रेलवे पुलिस का कहना है कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट या अन्य कागजात नहीं मिले। पुलिस के अनुसार, मृतक का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
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भर्ती रद्द हुई तो पुरानी बाइक भी बिक गई
भाई जितेंद्र सैनी का कहना है कि वह छह भाई और दो बहनें हैं। वह मृतक राजेंद्र से छोटा है। उसके अनुसार, उसके माता-पिता ने भाइयों को जमीन बेचकर पढ़ाया है। अब मुश्किल से उनके पास दो-ढाई बीघा जमीन बची है। उसका कहना है कि राजेंद्र ने आठ नौकरियों में सलेक्शन होने के बावजूद एसआई की नौकरी करना तय किया था। घर में एक पुरानी बाइक थी, लेकिन भर्ती रद्द करने की कानूनी लड़ाई में आर्थिक तंगी के कारण वह भी बिक गई।
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अब तक 55 अभ्यर्थी गिरफ्तार
राजस्थान एसओजी ने अब तक एसआई भर्ती में 55 अभ्यथियों को लीक पेपर खरीदकर, नकल करके और डमी कैंडिडेट्स के जरिए भर्ती परीक्षा पास करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इनके अलावा 71 आरोपी पेपर लीक करने वाले, नकल करवाने वाले और डमी कैंडिडेट के तौर पर परीक्षा देने वाले गिरफ्तार हुए हैं। इनमें से कई आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं।
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एसबी ने रद्द की, डीबी ने रोक लगाई
राजस्थान हाई कोर्ट की एकल पीठ ने करीब एक साल तक चली सुनवाई के बाद 28 अगस्त, 2025 को एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश को सलेक्टेड कैंडिडेट्स ने खंडपीठ में चुनौती दी। खंडपीठ ने आठ सितंबर को एकल पीठ के आदेश की पालना पर अंतरिम रोक लगाते हुए मामले में सुनवाई 8 अक्टूबर को तय की है। खंडपीठ के इस अंतरिम आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिस पर अगले कुछ दिनों में सुनवाई होनी है।
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प्रशासन के साथ नहीं बनी सहमति
दौसा में जिला अस्पताल की मोर्चरी के बाहर मृतक के पिता व भाई सहित अन्य परिजनों के साथ मृतक के साथी और समाज के लोग बैठे हैं। यह लोग पांच करोड़ रुपए का मुआवजा, सरकारी नौकरी और मनोज को शहीद का दर्जा देने और मांग पूरी होने के बाद ही मृतक का अंतिम संस्कार करने की बात कह रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार परिवार में एक व्यक्ति को अनुकंपा नियुक्ति देने के साथ ही 15 लाख रुपए मुआवजा देने को कह रही है, लेकिन परिजन और समाज खबर लिखे जाने तक अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।