जूली बोले-केंद्र की पर्ची की मार जनता पर भारी, प्रदेश में स्मार्ट मीटर जबरन थोप रही सरकार

राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा को मिले बॉन्ड की एवज में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दिए 10 हजार करोड़ रुपए के टेंडर। जांच कराने की मांग।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रदेश में रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत घरों में जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जाने का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस केंद्र सरकार की पर्ची की मार प्रदेश की जनता पर नहीं पड़ने देगी और इसके लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी।
जूली ने केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी को चंदे के तौर पर दिए बॉन्ड की एवज में सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर गोवा की ब्लैक लिस्टेड कम्पनी मैसर्स जीनस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 10 हजार करोड़ के टेंडर जारी कर दिए। 
उन्होंने कहा कि कम्पनी के ब्लैक लिस्टेड होने के मात्र 23 दिन बाद ही कम्पनी को टेंडर जारी करने से यह साबित होता है कि कितना बड़ा घोटाला है। जूली ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि करीब डेढ़ करोड़ उपभोक्ताओं के मीटर लगाने के लिए प्रदेश के तीनों बडे़ डिस्कॉम जयपुर, अजमेर और जोधपुर ने एक ही कम्पनी को टेंडर दे दिया। 

जारी कर दिए हजारों करोड़ के टेंडर 

जूली ने कहा कि पांच अगस्त, 2024 को गोवा सरकार के उर्जा विभाग के चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर स्टीफन फर्नांडिस के हस्ताक्षर से मैसर्स जीनस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. और एचपीएल इलेक्ट्रिक एण्ड पावर लि. को ब्लैक लिस्ट करने का आदेश जारी किया गया था। इसके ठीक 23 दिन बाद ही अजमेर डिस्कॉम ने 1269 करोड़, जयपुर डिस्कॉम ने 3121 करोड़ और इसी तरह जोधपुर डिस्कॉम ने भी हजारों करोड़ के टेंडर जारी कर दिए। 

बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने के संकेत

उन्होंने कहा कि बिजली कम्पनियों ने केन्द्र के इशारे पर भाजपा की लाभ प्रदाता कम्पनी की मदद के लिए नियमों को भी ताक पर रख दिया। राजस्थान सरकार के टेंडर नियमों में साफ लिखा है कि ब्लैक लिस्टेड फर्म को टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद ब्लैक लिस्टेड कम्पनी को टेंडर जारी किए जाने से यह साबित होता है कि बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है।

क्यों थोप रहे हो स्मार्ट मीटर

जूली ने प्रदेश की जनता पर जबरन स्मार्ट मीटर थोपे जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पुराने बिजली के मीटर भली प्रकार काम कर रहे हैं, तो स्मार्ट मीटर क्यों थोपे जा रहे हैं! उपभोक्ता स्मार्ट मीटरों के कारण बिजली के बिलों में 10 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होने की शिकायत कर हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने घाटे में चल रही कम्पनियों के जिम्मे करीब 14 हजार करोड़ रुपए की स्मार्ट मीटर योजना लाद दी है।

तत्काल बंद हो स्मार्ट मीटर योजना

जूली ने कहा कि प्रदेश की जनता में जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जाने को लेकर जबर्दस्त आक्रोश है और कई जिलों में तो मारपीट तक की नौबत आ रही है। कांग्रेस जनहित पर पार्टी हित को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और सरकार की दमनकारी नीति और भ्रष्टाचार का कड़ा विरोध करेगी। जूली ने सरकार से आमजन के हित में स्मार्ट मीटर योजना को तत्काल बंद करने और टेंडरों के जारी किए जाने में हुए घोटाले की उच्च स्तरीय जांच करवाए जाने की मांग की है।

FAQ

1. क्यों स्मार्ट मीटर लगाने के खिलाफ विरोध हो रहा है?
स्मार्ट मीटर के कारण उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 10-30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो रही है, जिससे जनता में गुस्सा है और कई जिलों में हिंसक घटनाएं हो रही हैं।
2. जूली ने किस कंपनी को टेंडर दिए जाने पर आरोप लगाए हैं?
टीकाराम जूली ने गोवा की ब्लैक लिस्टेड कंपनी, मैसर्स जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड पर आरोप लगाया है कि सरकार ने बिना किसी जांच के उसे 10,000 करोड़ रुपये के टेंडर दिए।
3. क्या कांग्रेस सरकार स्मार्ट मीटर योजना का विरोध करेगी?
हां, टीकाराम जूली ने कांग्रेस पार्टी की ओर से स्मार्ट मीटर योजना के खिलाफ संघर्ष करने का ऐलान किया है। उन्होंने सरकार से इसे तुरंत बंद करने की मांग की है।

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