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राजस्थान (Rajasthan) सरकार पर्यटन को बेहतर और विकसित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य के पांच शहरों को केंद्र सरकार की आरसीएस योजना में शामिल किया जाएगा। इन शहरों में माउंट आबू, सीकर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा और श्रीगंगानगर शामिल है।
राज्य सरकार ने इन शहरों को आरसीएस योजना (Regional Connectivity Scheme) में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इससे राजस्थान में पर्यटन और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। जबकि प्रदेश के तीन शहरों में क्षेत्रीय हवाई संपर्क के तहत उड़ाने संचालित है। आइए जानते हैं केंद्र सरकार की क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के बारें में।
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क्या है क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना
क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना को उड़ान योजना के नाम से भी जाना जाता है। यह केंद्र सरकार की योजना है। इस योजना का उद्देश्य छोटे शहरों और कस्बों को बड़े शहरों से हवाई मार्ग से जोड़ना है। इससे आमजन के लिए हवाई यात्रा सुलभ हो सके।
उड़ान योजना के तहत हवाई किराए को किफायती रखने के लिए एयरलाइनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। ताकि आम आदमी हवाई यात्रा कर सके। इस योजना का संचालन केंद्र, राज्य सरकार, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और निजी हवाई अड्डा संचालकों के समन्वय से किया जाता है।
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विमान ईंधन पर घटाया वैट
राजस्थान के नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री गौतम दक ने कहा कि राज्य सरकार ने नागरिक उड्डयन के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना की उड़ानों के लिए विमान ईंधन पर वैट को 26 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया है। उन्होंने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण तथा किशनगढ़ हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार के लिए निशुल्क एवं बैरियर फ्री भूमि उपलब्ध करवाई गई है। साथ ही उदयपुर हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार तथा उत्तरलाई (बाड़मेर) में सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए भी निशुल्क भूमि आवंटन प्रक्रियाधीन है।
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राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को भेजा प्रस्ताव
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री गौतम दक (Gautam Dak) ने शुक्रवार को देहरादून में आयोजित उत्तरी क्षेत्र नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि राजस्थान में पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल, औद्योगिक क्षेत्र और शैक्षिक संस्थान बड़ी संख्या में हैं। इसके तहत क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना राज्य के लिए अत्यंत महत्पूर्ण है।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य में तीन हवाई अड्डों से आरसीएस उड़ानें संचालित हैं। राज्य सरकार ने माउंट आबू, सीकर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा और श्रीगंगानगर जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को भी इस योजना में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है। इससे प्रदेश में पर्यटन और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
इसके साथ ही बीकानेर, जोधपुर और किशनगढ़ से मुम्बई, कोलकाता, सूरत और बेंगलुरू जैसे महानगरों के लिए नियमित उड़ानें शुरु किए जाने का भी केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया है।
ऐसे समझें पूरा मामला...
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राजस्थान सरकार ने 5 शहरों को RCS/UDAN योजना में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।
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इसका मकसद छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ना है।
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विमान ईंधन पर वैट 1% किया गया और हवाई सुविधाओं में निवेश बढ़ाया गया।
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सी-प्लेन, हेलीकॉप्टर सेवाओं और नए एफटीओ खोलने की योजना है।
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इससे पर्यटन और कनेक्टिविटी बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
राज्य सरकार के पास 19 हवाई पट्टियां
नागरिक उड्डयन मंत्री गौतम दक ने बताया कि राज्य सरकार की 19 हवाई पट्टियां हैं। जिनकी लम्बाई 3,300 फीट से लेकर 9,800 फीट तक है। इन हवाई पट्टियों को विभिन्न गतिविधियों जैसे- फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन, एयर स्पोर्ट्स एवं एमआरओ संचालन आदि के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है।
निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का सफल आयोजन किया गया है। साथ ही राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम में भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। दक ने बताया कि किशनगढ़ में एक एफटीओ कार्यरत है।
भीलवाड़ा में अगस्त 2025 से नया एफटीओ शुरू होगा। निवेशकों से अब तक 10 से अधिक एमओयू (MoU) किए जा चुके हैं। जिनसे लगभग 1500 करोड़ रुपए का निवेश संभावित है।
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राजस्थान में हेलीकॉप्टर सेवाओं की अपार संभावनाएं
उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर सेवाओं के क्षेत्र में भी राजस्थान में अपार संभावनाएं हैं। राज्य में लगभग 118 हैलीपेड हैं। राज्य सरकार द्वारा सभी जिला मुख्यालयों सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों तथा चिकित्सा सहायता एवं इमरजेंसी रेस्पॉंंन्स के लिए भी अतिरिक्त हैलीपेड का निर्माण प्रक्रियाधीन है।
उन्होंने बताया कि राज्य में हेलीकॉप्टर पर्यटन, धार्मिक यात्रा, जॉय राइड जैसी सेवाओं की योजना प्रस्तावित है। इसके साथ ही हेलीकॉप्टर आपात चिकित्सा सेवा की व्यवस्था पर भी कार्य किया जा रहा है। इसके लिए व्यावहारिक ऑपरेशनल मॉडल के विकास एवं मानक प्रक्रियाओं के निर्धारण में केन्द्र सरकार से सहयोग अपेक्षित है।
सी-प्लेन की सेवाओं पर मंथन
मंत्री गौतम कुमार दक ने कहा कि राज्य के कुछ जिले जैसे उदयपुर, कोटा (चम्बल), बांसवाड़ा, टोंक (बीसलपुर) आदि सी-प्लेन सेवाओं के लिए संभावनाशील हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार से इन स्थलों की व्यवहार्यता का अध्ययन करवाए जाने तथा सी-प्लेन संचालन के लिए इन स्थलों को आरसीएस योजना के अंतर्गत शामिल किए जाने का अनुरोध किया।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2024 में नागरिक उड्डयन नीति लागू की है। इसके तहत हम पूरे क्षेत्र का सुनियोजित और सतत विकास करना चाहते हैं। उन्होंने इस कार्य में केन्द्र सरकार से वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और नीतिगत सहयोग की अपेक्षा की जताई है।
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