क्या राजस्थान में भी लागू होगा विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान! विपक्ष में मची हलचल

राजस्थान में भी निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूचियों को सटीक बनाने के उद्देश्य से विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू करने की तैयारी की है। बिहार की तरह, अब अन्य राज्यों में भी चुनाव आयोग इस अभियान को आयोजित कर सकता है।

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Nitin Kumar Bhal
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Election Commission of India

Photograph: (The Sootr)

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राजस्थान (Rajasthan) में भी निर्वाचन आयोग (Election Commission of India)  ने मतदाता सूचियों को सटीक बनाने के उद्देश्य से विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू करने की तैयारी की है। बिहार की तरह, अब अन्य राज्यों में भी चुनाव आयोग इस अभियान को आयोजित कर सकता है। इसके दौरान लोगों से उनकी पहचान संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगे जाएंगे, और यह अभियान पूरी तरह से पारदर्शी और सटीक होगा। उधर, विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान की सुबबुगाहट से विपक्ष में हलचल मच गई है। बिहार की तर्ज पर यहां भी इसके विरोध को की आशंका है। बता दें, बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के कुछ अंशों के विरोध में इंडिया गठबंधन (India Alliance)  ने पिछले दिनों जोरदार प्रदर्शन किया था।

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गहन पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य क्या है?

यह अभियान मुख्य रूप से उन मतदाताओं के लिए होगा, जो किसी कारणवश मतदाता सूची में अपना नाम नहीं देख पा रहे हैं या जिनकी जानकारी गलत है। निर्वाचन आयोग का उद्देश्य है कि मतदाता सूची में हर व्यक्ति की सही जानकारी दर्ज हो ताकि आगामी चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो सकें।

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कौन से दस्तावेज होंगे मान्य

इस अभियान के दौरान, मतदाताओं से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगे जाएंगे। यह दस्तावेज आपकी पहचान को प्रमाणित करेंगे। ध्यान रखें कि आपके पास आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र से ज्यादा अन्य दस्तावेज़ों का होना जरूरी है। इसके लिए तीन प्रमुख श्रेणियां निर्धारित की गई हैं:

1. जन्म 1 जुलाई 1987 से पूर्व (Before July 1, 1987)

  • इस श्रेणी में जन्म लेने वाले व्यक्तियों से उनकी पहचान संबंधित दस्तावेज़ की मांग की जाएगी।

2. जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसम्बर 2004 के बीच (Between July 1, 1987, and December 2, 2004)

  • इन व्यक्तियों से उनके दस्तावेज़ के साथ-साथ माता-पिता का भी प्रमाण पत्र मांगा जाएगा।

3. जन्म 2004 के बाद (After 2004)

  • इस श्रेणी के व्यक्तियों से उनके और उनके माता-पिता दोनों के जन्म प्रमाण पत्र तथा जन्म स्थान से संबंधित दस्तावेज़ मांगे जाएंगे।

कौन से दस्तावेज दिखाने होंगे

  • केंद्रीय, राज्य, पीएसयू के कर्मचारी का पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ)

  • सरकार, स्थानीय प्राधिकरण, बैंक या डाकघर की पासबुक

  • एलआइसी या पीएसयू का जुलाई 1987 से पहले का प्रमाणपत्र

  • जन्म प्रमाण पत्र

  • पासपोर्ट

  • शैक्षणिक प्रमाण पत्र

  • मूल निवास प्रमाण पत्र

  • वन अधिकार प्रमाण पत्र

  • ओबीसी/एससी/एसटी या कोई जाति प्रमाण पत्र

  • राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनपीआर)

  • पारिवारिक रजिस्टर या राशन कार्ड

  • भूमि या मकान का आवंटन प्रमाण पत्र

 

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मतदाता बने रहने के लिए क्या करें?

यदि आप भी चुनावों में मतदाता बने रहना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपके पास सभी आवश्यक दस्तावेज़ तैयार हैं। जल्द से जल्द अपने दस्तावेज़ों को अपडेट करें और जांचें कि वे सही हैं। यह अभियान आपके वोट को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे गंभीरता से लें।

 

FAQ

1. मतदाता सूचियों के गहन पुनरीक्षण अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
गहन पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य मतदाता सूचियों को सटीक और अपडेट करना है, ताकि कोई मतदाता अपनी पहचान से वंचित न रहे और चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो सके।
2. कौन-कौन से दस्तावेज़ मतदाता पहचान के लिए मान्य होंगे? 
मतदाता पहचान के लिए सरकारी पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज़ मान्य होंगे।
3. क्या आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र अभियान के दौरान मान्य होंगे? 
नहीं, इस अभियान के दौरान आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र को पहचान के दस्तावेज़ के रूप में नहीं माना जाएगा। आपको अन्य प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी।

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