राजस्थान में अब वार्डों का होगा पुनर्गठन, सवा लाख हो जाएगी वार्डों की संख्या, कलेक्टरों को दिए गए निर्देश

राजस्थान में जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के वार्डों के पुनर्गठन और पुर्नसीमांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिससे प्रदेश में सवा लाख से अधिक वार्ड बनेंगे। इस प्रक्रिया से प्रदेश में 15 से 20 हजार वार्ड बढ़ जाएंगे।

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Kamlesh Keshote
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान में जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन और पुर्नसीमांकन के बाद अब वार्डों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस प्रक्रिया के बाद प्रदेश में पंचायत राज संस्थाओं में सवा लाख से अधिक वार्ड बनने का अनुमान है। जो पिछली बार के मुकाबले 15 से 20 हजार अधिक होंगे। इस बदलाव से पंचायतों की कार्यक्षमता और संगठन में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

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वार्डों का पुनर्गठन और पुर्नसीमांकन

प्रत्येक पंचायत राज संस्था में वार्डों की संख्या विषम रखी जाएगी। इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और समान बनाना है। ग्राम पंचायतों के वार्ड पुनर्गठन और पुर्नसीमांकन की जिम्मेदारी उपखण्ड अधिकारियों की होगी। जबकि पंचायत समिति और जिला परिषद में यह कार्य जिला कलक्टर के अधीन होगा।

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31 दिसंबर तक पूरा होगा कार्य

पंचायत राज विभाग के अनुसार सभी पंचायत राज संस्थाओं में वार्डों का पुनर्गठन और पुर्नसीमांकन 31 दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाएगा। विभाग ने जिला कलक्टरों को आदेश जारी कर दिए हैं कि वे इस प्रक्रिया को दो सप्ताह के भीतर संपन्न करें। पहले सात दिन में वार्डों का पुनर्गठन और पुर्नसीमांकन किया जाएगा और नोटिस जारी किया जाएगा। अगले सात दिनों में प्राप्त दावों और आपत्तियों की सुनवाई करके उनका निस्तारण किया जाएगा।

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वार्डों का गठन आबादी के हिसाब से होगा 

वार्डों की संख्या हर पंचायत राज संस्था में आबादी के हिसाब से तय की जाएगी। ग्राम पंचायतों में 3 हजार तक की आबादी पर 7 वार्ड बनाए जाएंगे और प्रत्येक अतिरिक्त 1,000 की आबादी पर 2 नए वार्ड बनाए जा सकेंगे। पंचायत समितियों में 1 लाख तक की आबादी पर 15 वार्ड का प्रावधान होगा। जबकि प्रत्येक अतिरिक्त 15 हजार की आबादी पर 2 नए वार्ड बनाए जाएंगे। जिला परिषदों में 4 लाख तक की आबादी पर 17 वार्ड बनाए जाएंगे और इसके बाद हर 1 लाख की आबादी पर 2 अतिरिक्त वार्ड गठित किए जाएंगे।

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पहले और अब वार्डों की संख्या में वृद्धि

पिछले वर्ष की तुलना में इस बार वार्डों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। जिला परिषद में पहले 33, नए 8, कुल 41, पंचायत समिति में पहले 365, नए 85, कुल 450, ग्राम पंचायत में पहले 11,194, नए 3,441, कुल 14,635 वार्ड हो गए।

पहले वार्डों की स्थिति इस प्रकार थी। जिला परिषद में 1,014, पंचायत समिति में 6,426, ग्राम पंचायत में 1,07,707 वार्ड थे। इन पंचायत राज संस्थाओं में पहले करीब 1.15 लाख वार्ड थे। जो अब बढ़कर 1.30 लाख से अधिक हो सकते हैं।

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चुनावों में पारदर्शिता और समानता को बढ़ावा 

राजस्थान में यह परिवर्तन पंचायत चुनावों में पारदर्शिता और समानता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल प्रशासनिक सुधार होंगे। बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नए अवसर भी खुलेंगे। पंचायतों का आकार बढ़ने से उनके पास अधिक संसाधन और अधिकार होंगे। जिससे स्थानीय स्तर पर योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा।

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मुख्य बिंदु 

वार्ड पुनर्गठन: राजस्थान में वार्डों का पुनर्गठन और पुर्नसीमांकन 31 दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।

गठन के मानक: वार्डों का गठन पंचायत राज संस्थाओं की आबादी के आधार पर किया जाएगा। जिसमें ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के लिए अलग-अलग मानक होंगे।

नए वार्ड: पंचायत राज संस्थाओं में कुल मिलाकर करीब 1.30 लाख वार्ड बनने का अनुमान है। जो पहले की तुलना में 15 से 20 हजार अधिक होंगे।

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