रूस में धोखे से यूक्रेन बॉर्डर भेजे गए भारतीय छात्र, लड़ाई में जबरन सैनिक बनाया, बचाने की गुहार

रूस में पढ़ाई कर रहे राजस्थान के सीकर के छात्र संदीप सुंडा को धोखे से यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में भेजे जाने का मामला सामने आया है। वह भारत सरकार से अपनी जिंदगी बचाने की गुहार लगा रहे हैं।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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रूस में पढ़ाई कर रहे कुछ भारतीय छात्रों को धोखे से यूक्रेन सीमा पर युद्ध में शामिल होने के लिए भेजे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इन छात्रों को रूस में पढ़ाई के दौरान सैन्य सेवा में भर्ती कर लिया गया था और उन्हें बिना किसी सैन्य प्रशिक्षण के यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया। छात्रों में से एक राजस्थान के सीकर के संदीप सुंडा ने एक वीडियो संदेश भेजकर भारत सरकार से अपनी जिंदगी बचाने की गुहार लगाई है।

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संदीप सुंडा का वीडियो संदेश

रूस में पढ़ाई कर रहे सीकर जिले के दीपपुरा राजाजी निवासी संदीप सुंडा ने बताया कि उन्हें सेना की वर्दी पहनाकर और हाथ में हथियार देकर यूक्रेन के सीमा क्षेत्र में भेजा गया। संदीप के अनुसार, उन्हें कभी भी सैन्य प्रशिक्षण नहीं दिया गया और न ही हथियार चलाने का कोई अनुभव था। इस सब के बाद वे अब अपनी जान को खतरे में देख रहे हैं और भारत सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं।

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विदेशी नौकरी का झांसा

जानकारी के अनुसार, संदीप रूस में एक स्टोर पर पार्ट-टाइम काम कर रहे थे, जब उन्हें एक रशियन एजेंसी से ड्राइवर की नौकरी का प्रस्ताव मिला। प्रस्ताव में उन्हें मासिक 2 लाख रुपए वेतन का वादा किया गया था, जिसे सुनकर उन्होंने नौकरी स्वीकार कर ली। हालांकि संदीप को जो कॉन्ट्रैक्ट दिया गया, वह रशियन भाषा में था, जिसे वे समझ नहीं पाए। बाद में पता चला कि यह धोखाधड़ी थी और उन्हें यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया।

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बॉर्डर पर हथियार थमाकर भेजा गया

संदीप ने सीमा क्षेत्र से एक वीडियो भेजा, जिसमें उन्होंने बताया कि बिना किसी सैन्य प्रशिक्षण के उन्हें वर्दी पहनाकर हथियार थमा दिए गए और युद्ध में भेजा गया। संदीप ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह कभी भी हथियार चलाना नहीं जानते थे और अब उन्हें जबरन युद्ध में भेजा जा रहा है, जिससे उनकी जान खतरे में है। उन्होंने भारत सरकार से तुरंत कार्रवाई करने की अपील की है।

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संदीप की सुरक्षित वापसी की मांग

संदीप के परिवार और गांव में इस घटना के बाद गहरी चिंता का माहौल है। दीपपुरा राजाजी के ग्रामीणों ने सीकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर संदीप की सुरक्षित वापसी की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि संदीप ने कभी भी सैन्य सेवा की नौकरी स्वीकार नहीं की थी और उसे धोखे से युद्ध क्षेत्र में भेजा गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया का कहना है कि विदेश मंत्रालय और रूस स्थित भारतीय दूतावास इस मामले पर गंभीरता से काम कर रहे हैं और जल्द ही इस मामले में सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है।

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विदेश मंत्रालय और दूतावास की कार्रवाई

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने बताया कि विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और संदीप की सुरक्षित वापसी के लिए कदम उठा रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार इस मामले में हरसंभव प्रयास करेगी और परिवार को राहत मिलेगी।

FAQ

1. रूस में भारतीय छात्रों को यूक्रेन बॉर्डर क्यों भेजा गया?
इन छात्रों को धोखे से यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में भेजा गया था, जहां उन्हें बिना किसी सैन्य प्रशिक्षण के लड़ाई में शामिल किया गया।
2. संदीप सुंडा ने मदद की गुहार किसे भेजी?
संदीप ने वीडियो संदेश के माध्यम से भारत सरकार से अपनी जिंदगी बचाने की गुहार लगाई है।
3. संदीप के साथ और कौन से छात्र युद्ध क्षेत्र में भेजे गए हैं?
संदीप के साथ लगभग एक दर्जन और भारतीय छात्र भी युद्ध क्षेत्र में भेजे गए थे, जिनकी मदद की अपील की जा रही है।

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