स्कूल खुलने से पहले गिरा बरामदा, बड़ा हादसा टला, विभाग-प्रशासन की लापरवाही फिर उजागर

राजस्थान के सवाई माधोपुर के एचेर गांव में स्कूल खुलने से कुछ घंटे पहले जर्जर भवन का बरामदा गिर गया, बड़ा हादसा टला। शिक्षा विभाग की लापरवाही पर एक बार फिर उठ रहे सवाल।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा तहसील क्षेत्र के एचेर गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बीते शनिवार को एक बड़ी घटना घटी। सुबह के समय विद्यालय का बरामदा और अन्य हिस्से अचानक गिर गए। गनीमत यह रही कि यह घटना विद्यालय खुलने से कुछ घंटे पहले हुई, वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था। 

पिछले कुछ दिनों से जिले में हुई मूसलाधार बारिश के बाद कई पुरानी और जर्जर इमारतें कमजोर हो गई थीं। इस घटना के बाद शिक्षा विभाग की लापरवाही पर सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि पहले ही इस भवन को जर्जर घोषित किया जा चुका था, लेकिन इसे हटाया नहीं गया था।

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शिक्षा विभाग की लापरवाही पर नाराजगी

विद्यालय की प्रधानाचार्य कविता ने इस मामले में बताया कि उन्होंने पहले ही शिक्षा विभाग को इस भवन के जर्जर होने की सूचना दी थी। इसके बाद ही इसे जर्जर घोषित किया गया था और इसे गिराने के आदेश भी दिए गए थे, लेकिन विभाग ने कार्रवाई करने में देरी की।

प्रधानाचार्य ने कहा कि हम बच्चों को यहां नहीं बैठाते थे, लेकिन कई बार वे खेलते हुए इस स्थान पर चले जाते थे। यदि यह घटना स्कूल के समय होती, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था।

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ग्रामीणों की प्रतिक्रिया और घटनाक्रम

ग्रामीण हनुमान प्रसाद जांगिड़ ने बताया कि इस विद्यालय के 10 कमरों और बरामदे की स्थिति कई सालों से खराब थी। उन्होंने कहा कि इस साल झालावाड़ हादसे के बाद इन कक्षाओं में बच्चों को बैठाने से मना कर दिया गया था, लेकिन बच्चे फिर भी खेलते समय इन जर्जर हिस्सों के पास चले जाते थे।

ग्रामीण जांगिड़ ने कहा कि विभाग ने जर्जर भवन को हटाने के निर्देश तो दिए थे, लेकिन मौके पर कार्रवाई नहीं होने के कारण यह घटना घटी। उनका कहना है कि अगर स्कूल के समय में यह हादसा हुआ होता, तो किसी न किसी बच्चे की जान खतरे में पड़ सकती थी।

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शिक्षा विभाग और प्रशासन की जवाबदेही

इस घटना के बाद लोगों में नाराजगी बढ़ गई है। उनका कहना है कि जब जर्जर स्कूल भवन को पहले ही चिन्हित किया गया था और उसे हटाने के आदेश दिए गए थे, तो विभाग ने समय रहते उसे क्यों नहीं हटाया। यह लापरवाही न केवल बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही थी, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाती है।

FAQ

Q1: क्या जर्जर भवन में बच्चों को बैठाने पर पाबंदी थी?
हां, शिक्षा विभाग ने जर्जर भवन को लेकर आदेश जारी किए थे कि बच्चों को इन कक्षाओं में नहीं बैठाया जाएगा। फिर भी, कुछ बच्चे यहां खेलते वक्त इन जर्जर हिस्सों में चले जाते थे।
Q2: इस घटना में किसकी लापरवाही सामने आई है?
यह घटना शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण हुई, क्योंकि भवन को पहले ही जर्जर घोषित किया जा चुका था, लेकिन उसे हटाने की कार्रवाई नहीं की गई।
Q3: क्या इस घटना से कोई बड़ा हादसा टल गया?
हां, गनीमत रही कि यह घटना विद्यालय खुलने से कुछ घंटे पहले हुई। यदि यह घटना स्कूल के समय होती, तो बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी।

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