टीना सुराणा@जयपुर
सीतापुरा में ईपीआईपी (Export Promotion Industrial Park) की स्थापना स्थानीय निर्यात को बढ़ाने के लिए हुई थी। यहां केवल एक्सपोर्ट यूनिट को प्लॉट आवंटित किए जाने थे। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से अब यहां स्कूल और कॉलेज धड़ल्ले से खुल रहे हैं। लगता है यहां भी एजुकेशन माफिया सिक्का जमाने लगे हैं।
यह है उद्देश्य
EPIP की परिकल्पना भारत सरकार की एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य था विदेशी मुद्रा कमाने वाले उद्योगों को विशेष रियायतों के साथ जमीन उपलब्ध कराना, ताकि वहां से उत्पादन और सेवाओं का निर्यात किया जा सके। इसमें निर्यात-उन्मुख निर्माण इकाइयों, फार्मा, इंजीनियरिंग, आईटी कंपनियां आदि का आना अपेक्षित था। रीको (RIICO) ने इसके लिए विशेष प्लॉट मुहैया कराए थे।
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स्कूल सामाजिक सेवा या मुनाफे का मॉडल?
स्कूल और कॉलेज पारंपरिक रूप से नॉन-प्रॉफिट इंस्टिट्यूशन्स माने जाते हैं, लेकिन EPIP जैसे हाई-वैल्यू जोन में करोड़ों की जमीन पर प्राइवेट स्कूल खोलना क्या ये सिर्फ शिक्षा है या जमीन पर कब्जे और मुनाफे का नया तरीका?
सुलगते सवाल
बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई उद्योगपति शिक्षा के नाम पर EPIP में जमीन लेता है और वहां 2 लाख रुपए सालाना औसत फीस वाले स्कूल या कॉलेज खोलता है। क्या वह असल में उद्योग चला रहा है या व्यवसाय?
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केस स्टडीज: EPIP के स्कूल कैसे खुले?
- — SP-6(A) और SP-6(A)/1 भूखंड — विद्याभारती एजुकेशन प्रायवेट लिमिटेड और विद्यासागर करियर इंस्टिट्यूट लिमिटेड को अलॉट किया गया, लेकिन वहां अब वीएसआई इंटरनेशनल स्कूल और अन्य संस्थान संचालित हो रहे हैं। इसके ओनर हैं बालकृष्ण अग्रवाल और बीना शर्मा।
- — ITS-3 और ITS-4 पर चौधरी मूलाराम मेमोरियल एजुकेशन सोसाइटी और बीआरएम इंस्टीटयूट स्कूल और कॉलेज चला रहे हैं। यह जगह आईटी इंडस्ट्री एक्सपोर्ट के लिए थी।
- — ITS-1,2 — ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को मिला आईटी भूखंड, लेकिन वहां अब मयूर स्कूल चल रहा है। इसके सचांलक राजकुमार कंदोई है।
एक्सपोर्ट जोन में बंद हो अन्य गतिविधियां
सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष नीलेश अग्र्रवाल के अनुसार एक्सपोर्ट जोन में स्कूल व काॅलेजों का संचालन किया जा रहा हे, जो ठीक नहीं है। जिस काम के लिए एक्सपोर्ट जोन बना है वहीं गतिविधियां यहां होना चाहिए। इसी प्रकार ईपीआईपी सीतापुरा के सीनियर आरएम आरएस धारीवाल ने यह स्वीकार किया कि यहां लैंडयूज चैंज कर स्कूल काॅलेज संचालित किए जा रहे है।
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