राजस्थान में निजी स्कूलों का प्रवेश के नाम पर फर्जीवाड़ा, शिक्षा विभाग ने भी साधी चुप्पी

राजस्थान में जयपुर सहित कई जिलों के निजी स्कूल 5वीं-8वीं की मान्यता के बावजूद 10वीं-12वीं तक के बच्चों को प्रवेश दे रहे हैं। इस धोखे पर शिक्षा विभाग ने चुप्पी साध रखी है।

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Amit Baijnath Garg
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10-12 school

Photograph: (the sootr)

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राजस्थान में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही कई निजी स्कूलों ने प्रवेश के लिए फर्जीवाड़ा और हेराफेरी शुरू कर दी है। इन स्कूलों में मान्यता केवल 5वीं से 8वीं कक्षा तक है, लेकिन इसके बावजूद ये स्कूल 10वीं और 12वीं कक्षा में बच्चों का प्रवेश ले रहे हैं। 

अभिभावकों को धोखा देने के लिए स्कूलों के प्रचार बोर्ड पर झूठे विज्ञापन दिए जा रहे हैं, जिससे लोग यह समझते हैं कि यहां 10वीं और 12वीं कक्षाओं की मान्यता भी है। इस धोखाधड़ी पर शिक्षा विभाग चुप्पी साधे हुए है। जयपुर सहित कई जिलों में यह समस्या बनी हुई है।

परीक्षा और मार्कशीट दूसरी शाखा से

कई स्कूलों ने अपनी दूसरी शाखाएं खोल रखी हैं, जिनकी मान्यता केवल 5वीं और 8वीं कक्षा तक की है। इन स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं के बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है और उनकी परीक्षा तथा मार्कशीट अन्य स्कूलों से जारी की जा रही हैं। यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है, क्योंकि इस प्रकार की गतिविधियों से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

शिक्षा विभाग ने धारण किया मौन

कई स्कूलों का कहना है कि वे मान्यता के लिए अपील कर चुके हैं और जल्द ही मान्यता मिल जाएगी। जयपुर के गैलेक्सी मॉडर्न स्कूल ने दावा किया कि उनकी मान्यता 8वीं तक है, लेकिन 10वीं कक्षा का संचालन किया जा रहा है। प्रिंसिपल ने स्कूल के 10वीं कक्षा में प्रवेश के बारे में सवाल करने पर कहा कि यह कोई मामला नहीं है।

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स्कूलों में प्रवेश के बारे में भ्रामक जानकारी

खोरी रोड स्थित राधा ब्राइट लर्नर्स एकेडमी स्कूल में 10वीं कक्षा के प्रवेश के बारे में पूछा, तो स्कूल ने 27,000 रुपए की फीस बताई। वहीं जब शिक्षा विभाग से इसकी जांच की गई, तो पता चला कि इस स्कूल की मान्यता की फाइल अभी प्रक्रिया में है। स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों से कहा कि मान्यता पूरी हो चुकी है और कोई समस्या नहीं आएगी।

स्कूल कर रहे फर्जी प्रचार

केएन ग्लोबल एकेडमी की मान्यता 8वीं तक है, उसने 10वीं कक्षा के प्रवेश के बारे में प्रचार करना शुरू कर दिया है। स्कूल के डायरेक्टर सत्यदेव का कहना है कि यह बोर्ड किसी ने गलत तरीके से लगा दिया है, जबकि मान्यता 8वीं तक है। इसी तरह, वी वेदांता एकेडमी स्कूल ने भी 8वीं तक की मान्यता के बावजूद 10वीं कक्षा के बच्चों को प्रवेश देना शुरू कर दिया है।

शिक्षा मंत्री का कार्रवाई का वादा

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि किसी स्कूल को बिना मान्यता के 10वीं और 12वीं कक्षा में प्रवेश नहीं देना चाहिए। अगर ऐसी शिकायतें आती हैं, तो शिक्षा विभाग जांच करेगा और दोषी पाए गए स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हम बच्चों के भविष्य के साथ किसी भी कीमत पर खिलवाड़ नहीं होने देंगे।

FAQ

1. क्या राजस्थान में निजी स्कूलों को 10वीं और 12वीं कक्षा का प्रवेश देने का अधिकार है?
नहीं, यदि स्कूल की मान्यता केवल 5वीं से 8वीं तक है तो उन्हें 10वीं और 12वीं कक्षा में प्रवेश नहीं देना चाहिए। अगर कोई स्कूल ऐसा कर रहा है तो वह नियमों का उल्लंघन कर रहा है।
2. अगर कोई स्कूल मान्यता के बिना बच्चों का प्रवेश लेता है तो क्या कार्रवाई होगी?
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के अनुसार, ऐसे स्कूलों के खिलाफ जांच की जाएगी और जरूरी कदम उठाए जाएंगे, जिसमें प्रवेश को निरस्त करना और जुर्माना लगाना शामिल हो सकता है।
3. क्या अभिभावकों को स्कूल के मान्यता के बारे में जानकारी कैसे मिल सकती है?
अभिभावकों को स्कूल की मान्यता के बारे में सही जानकारी के लिए शिक्षा विभाग से संपर्क करना चाहिए, ताकि कोई धोखाधड़ी या गलत प्रवेश से बच सकें।

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