आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय और कुमार विश्वास की पत्नी भी भर्ती परीक्षाओं की गड़बड़ी में शामिल : हाई कोर्ट

राजस्थान हाई कोर्ट ने आरपीएससी की कार्यप्रणाली पर स्व:प्रेरणा से लिया प्रसंज्ञान, पीआईएल दर्ज करने के लिए सीजे को भेजा मामला। कई लोगों का नाम लेकर सख्त टिप्पणियां भी की।

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Amit Baijnath Garg
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राजस्थान हाई कोर्ट ने एसआई भर्ती 2021 को रद्द करते हुए कहा है कि आरपीएससी यानी राजस्थान लोक सेवा आयोग ने भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों में आरपीएससी सदस्यों की सक्रिया भूमिका रही है। कोर्ट ने कहा है कि सदस्य रामूराम राईका और बाबूलाल कटारा तो पेपर लीक करने वाले थे ही, साथ में आयोग के पूर्व अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय सहित सदस्य मंजू शर्मा, संगीता आर्य और जसवंत राठी भी गड़बड़ियों में संलिप्त थे या जानकारी होने के बावजूद चुप रहकर अनदेखा करते रहे। गौरतलब है कि मंजू शर्मा कवि कुमार विश्वास की पत्नी हैं। 

राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द की एसआई भर्ती 2021, परीक्षा के पेपरों की हुई थी खरीद-फरोख्त

घर का भेदी लंका ढहाए

कोर्ट ने कहा है कि पेपर लीक करने में सिर्फ बाहरी नहीं, बल्कि आयोग के सदस्य भी शामिल थे। पेपर लीक मात्र कुछ जिलों या परीक्षा केंद्रों तक सीमित नहीं था, बल्कि पूरे राज्य में फैला हुआ था। एसआईटी ने मामले के अनुसंधान में शानदार काम किया है। 

बीजेपी सरकार ने निभाया वादा

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सत्ताधारी पार्टी ने 2023 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले पेपर लीक के आरोपियों को पकड़ने के लिए एसआईटी गठित करके भारी गड़बड़ियों को उजागर किया और आरोपी पकड़े गए। 

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याचिका मंजूर करके दिए यह निर्देश

हाईकोर्ट एसआई भर्ती 2021 को रद्ध करने की याचिकाएं मंजूर करते हुए सरकार को निर्देश दिए हैं कि...

  • सरकार आदेश में उल्लेखित कारण व कमियों की रिपोर्ट बनाकर व सपोर्टिंग दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट आरपीएससी को भेजकर एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने की सिफारिश करे। 
  • आयोग कैबिनेट सब-कमेटी की 26 जून, 2025 की सिफारिशों बिंदु संख्या-4 के अनुसार वर्तमान भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों के हित सुरक्षित रखते हुए आरपीएससी या तो तीन फरवरी, 2021 के विज्ञापन के तहत पुन: भर्ती प्रकिया शुरू करे या विकल्प के तौर पर 17 जुलाई, 2025 के विज्ञापन के तहत 2021 के अभ्य​र्थियों के आवेदन लेकर आयु सीमा में छूट देकर विज्ञापित पद बढ़ा ले। 
  • अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी के लिए उचित समय दिया जाए। 
  • आरपीएससी आगामी भर्ती परीक्षा की पवित्रता सुनिश्चित करे।
  • जैसे ही आरपीएससी भर्ती प्रक्रिया रद्द करे तो 2021 की भर्ती प्रक्रिया के आधार पर दी गई नियुक्तियां रद्द कर दे।
  • यदि नियुक्ति पाने वालों को बर्खास्त किया जाता है, तो उन्हें उनकी पूर्व की नौकरी में बहाल किया जाए

अदालत ने लिया स्व:प्रेरणा से प्रसंज्ञान

हाई कोर्ट ने मामले में एसआईटी की रिपोर्ट व चार्जशीट में आरपीएससी की भारी कमियों व गड़बड़ियों में आरपीएससी चेयरमैन व सदस्यों के शामिल होने तथा दो सदस्यों के सीधे तौर पर पेपर लीक करने से व्यथित होकर आयोग की कमियों पर स्व:प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर मामले में जनहित याचिका दायर करने के लिए आदेश को चीफ जस्टिस के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं। 

कोर्ट ने कहा है कि आयोग राजस्थान सरकार के लिए सभी महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों के लिए भर्ती करके प्रशासनिक ढांचे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोर्ट का दायित्व है कि वह कानून का राज स्थापित रखने में सक्रिय रहे। आयोग संविधानिक संस्था है और वह भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षा, स्क्रीनिंग टेस्ट व इंटरव्यू आयोजित करता है। नियुक्तियों, ट्रांसफर व प्रमोशन आदि मुद्दों पर सरकार को सलाह देता है।

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परीक्षा की पवित्रता के उपाय तो किए हैं, लेकिन

कोर्ट ने कहा है कि आयोग ने भर्ती परीक्षाओं की पवित्रता को बनाए रखने के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन एसआईटी ने अनेक कमियां उजागर की हैं। आयोग सदस्य रामूराम राईका और बाबूलाल कटारा ने एसआई भर्ती 2021 का पेपर प्रिटिंग में जाने से पहले ही लीक कर दिया। इससे आयोग की कार्यप्रणाली और प्रतिष्ठा का खोखलापन भी उजागर हुआ है।

इससे लाखों छात्रों और उनके परिजनों की आशाओं और एक सुनहरे व सुरक्षित भविष्य के लिए की गई मेहनत बेकार होती है। कटारा और राईका ने तो पेपर लीक किया ही, लेकिन सदस्य संगीता आर्य, मंजू शर्मा और जसवंत राठी भी सक्रिय रूप से शामिल रहे। पुलिस की चार्जशीट के अनुसार, इन तीनों को सब मालूम था कि कौन क्या कर रहा है, लेकिन यह लोग चुप रहे। 

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चेयरमैन श्रोत्रिय के शामिल होने से मामला गंभीर

पूर्व चेयरमैन संजय श्रोत्रिय के शामिल होने से मामला और ज्यादा गंभीर हो गया है। श्रोत्रिय ने ना केवल राईका को उसके बेटे-बेटी के इंटरव्यू के लिए निर्देश दिए, बल्कि स्वयं ने उस इंटरव्यू पैनल में शामिल होकर पूरी मदद की। एसआई भर्ती के अलावा भी अनेक भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक हुए और यह परीक्षाएं रद्द हुईं। आरएएस 2018 में एसडीएम पद्मा चौधरी की मैरिट गड़बड़ हुई थी। हाईकोर्ट ने इन्हीं कमियों के आधार पर स्व:प्रेरणा से संज्ञान लिया है।

FAQ

Q1: राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती 2021 को क्यों रद्द किया?
हाईकोर्ट ने पेपर लीक और आयोग के सदस्य की संलिप्तता के कारण एसआई भर्ती 2021 को रद्द कर दिया है। इस मामले में एसआईटी की जांच से भी गड़बड़ियां सामने आई थीं।
Q2: आयोग के सदस्य किस प्रकार से संलिप्त थे?
आयोग के सदस्य रामूराम राईका, बाबूलाल कटारा, संजय श्रोत्रिय, मंजू शर्मा, संगीता आर्य और जसवंत राठी ने या तो जानकारी रखी और चुप रहे, या पेपर लीक में सक्रिय रूप से शामिल थे।
Q3: राजस्थान में आगामी एसआई भर्ती प्रक्रिया में क्या बदलाव किए जाएंगे?
राजस्थान सरकार को नए भर्ती विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए गए हैं, और आगामी प्रक्रिया में पवित्रता बनाए रखने के लिए उचित समय और तैयारी का अवसर मिलेगा।

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