तिरंगा लेकर जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर पहुंचा सोनम वांगचुक समर्थक, पुलिस ने किया डिटेन

राजस्थान में जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर तिरंगा लेकर पहुंचे व्यक्ति को पुलिस ने डिटेन किया, वह सोनम वांगचुक का समर्थन कर रहा था। उसने जोर देकर कहा कि सोनम वांगचुक देशभक्त हैं।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर  शनिवार सुबह तब हड़कंप मच गया जब एक व्यक्ति तिरंगा लेकर पहुंचा और भारत माता की जय के नारे लगाने लगा। उसने दावा किया कि वह सोनम वांगचुक समर्थक है। सोनम वांगचुकऔर लद्दाख के लोग  देशभक्त हैं। यह सोनम वांगचुक समर्थक विजयपाल था, जो सुजानगढ़, जिला चूरू का निवासी है। 

सोनम वांगचुक जोधपुर शिफ्ट

सोनम वांगचुक लद्दाख के एक प्रमुख पर्यावरण कार्यकर्ता और समाजसेवी हैं।उनको शुक्रवार को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (National Security Act) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें लद्दाख से कड़ी सुरक्षा में जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया।  

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जोधपुर में सोनम वांगचुक समर्थक।

विजयपाल का बयान

जब विजयपाल को यह सूचना मिली कि सोनम वांगचुक को जोधपुर लाया गया है, तो वह सुबह साइकिल से सुजानगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचा और फिर ट्रेन पकड़कर जोधपुर पहुंचा। वहां विजयपाल ने बताया कि वह सोनम वांगचुक के समर्थन में आया है। अगर पुलिस डिटेन करती है तो वह भूख हड़ताल भी करेगा।

जोधपुर के रातानाडा थाना पुलिस ने विजयपाल को कहा कि वह उनके साथ बातचीत करना चाहती है। विजयपाल ने शांति से कहा कि वह पैदल चलने के लिए तैयार हैं, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गाड़ी में बैठाकर डिटेन कर लिया।

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सोनम वांगचुक की प्रमुख मांगें

सोनम वांगचुक का मानना है कि लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए और उसे छठी अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए। वह इस संघर्ष को लद्दाख की सांस्कृतिक पहचान और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जरूरी मानते हैं। इसके अलावा, वांगचुक का मानना है कि लद्दाख को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए जाने चाहिए।

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24 सितंबर को लद्दाख में हिंसा 

लद्दाख में 24 सितंबर को लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हिंसा भड़क उठी। इस दौरान सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज तथा फायरिंग करनी पड़ी। इस हिंसा में चार प्रदर्शनकारी मारे गए थे और करीब 70 लोग घायल हुए थे।

सोनम वांगचुक कौन हैं

सोनम वांगचुक लद्दाख के एक प्रतिष्ठित पर्यावरण कार्यकर्ता, इंजीनियर और शिक्षक हैं। उन्होंने NIT श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और उसके बाद शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण कार्य किए। फिल्म "थ्री इडियट्स" में एक  किरदार फुंसुक वांगड़ू सोनम वांगचुक से प्रेरित था। इस किरदार को प्ले करने वाले अभिनेता आमिर खान थे

एनएसए के तहत गिरफ्तारी कब होती है 

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए के तहत किसी व्यक्ति को तब गिरफ्तार किया जा सकता है जब यह संदेह हो कि वह कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है। इस कानून के तहत संदिग्ध को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है।

FAQ

1. सोनम वांगचुक को किस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था?
सोनम वांगचुक को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह कानून तब लागू किया जाता है जब किसी व्यक्ति का व्यवहार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है।
2. विजयपाल ने क्यों सोनम वांगचुक का समर्थन किया?
विजयपाल ने सोनम वांगचुक के समर्थन में तिरंगा लेकर जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर प्रदर्शन किया, क्योंकि वह सोनम वांगचुक को देशभक्त मानता है।
3. लद्दाख में 24 सितंबर को क्या हुआ था?
24 सितंबर को लद्दाख में लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसा हुई थी। इस हिंसा में 4 लोग मारे गए थे और 70 घायल हुए थे।
4. सोनम वांगचुक की प्रमुख मांगें क्या हैं?
सोनम वांगचुक की प्रमुख मांगों में लद्दाख को राज्य का दर्जा देना और इसे छठी अनुसूची में शामिल करना शामिल है। वह इस संघर्ष को लद्दाख की सांस्कृतिक पहचान और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए मानते हैं।
5. एनएसए कानून क्या है और यह कब लागू होता है?
एनएसए एक ऐसा कानून है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे वाले व्यक्तियों को 12 महीने तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। यह कानून तब लागू होता है जब सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून-व्यवस्था में विघ्न डाल रहा है।

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