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JODHPUR: लद्दाख हिंसा मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता और सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें 24 सितंबर को लद्दाख के लेह शहर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार किया गया। वांगचुक पर आरोप है कि उन्होंने युवाओं को उकसाया था, जिसके कारण प्रदर्शनकारियों ने हिंसा शुरू कर दी। इसके बाद, उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की गई।
सोनम वांगचुक जोधपुर शिफ्ट
गिरफ्तारी के बाद सोनम वांगचुक को राजस्थान के जोधपुर शिफ्ट कर दिया गया। जोधपुर सेंट्रल जेल में उन्हें उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में रखा गया है, जहां उनकी 24 घंटे सुरक्षा की जाएगी। वांगचुक को सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है और उनके मेडिकल चेकअप के बाद जेल में प्रवेश कराया गया। जेल प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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देश की सबसे सुरक्षित जेल
सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को जोधपुर की सेंट्रल जेल में रखा गया है, जिसे देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक माना जाता है। यहां पहले भी आतंकवादियों को रखा गया है और जेल की सुरक्षा अत्यधिक कड़ी है। इस जेल में आसाराम बापू भी कैद हैं, लेकिन वह अलग वार्ड में रखे गए हैं। वांगचुक को जेल में गोपनीय और उच्च सुरक्षा के तहत लाया गया, ताकि किसी भी प्रकार की सुरक्षा उल्लंघन न हो।
लद्दाख हिंसा में कितने लोग मारे गए ?
लद्दाख में 24 सितंबर को हुए प्रदर्शनों के दौरान चार लोगों की मौत हो गई और 70 लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने, और लद्दाख के संवेदनशील इकोसिस्टम की सुरक्षा की मांग की थी। हिंसा के बाद, सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज किया और फायरिंग की, जिससे हालात बेकाबू हो गए। इसके बाद लेह शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा।
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सोनम वांगचुक की पहचान
सोनम वांगचुक लद्दाख के एक प्रसिद्ध इंजीनियर, शिक्षक, और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। उन्होंने NIT श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम किया। उनकी प्रेरणा से बॉलीवुड फिल्म "थ्री ईडियट्स" बनी थी। वांगचुक लद्दाख के सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय रूप से शामिल हैं, और उन्होंने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने के लिए आंदोलन किया है।
वांगचुक को लेकर सरकार की प्रतिक्रिया
सोनम वांगचुक पर आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाया, जिसके कारण लेह में हालात बिगड़े। केंद्र सरकार ने वांगचुक के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की थीं और उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की। हालांकि, वांगचुक ने आरोपों का खंडन किया है और कहा कि उनका उद्देश्य लद्दाख के लोगों की सामाजिक और सांस्कृतिक हक की रक्षा करना था।