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Photograph: (the sootr)
राजस्थान में न्यायिक कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर लिए प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। बीते 18 जुलाई से सामुहिक अवकाश पर चल रहे न्यायिक कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट ने 30 जुलाई से काम पर लौटने के निर्देश दिए है।
राजस्थान न्यायिक कर्मचारी हड़ताल व सामुहिक अवकाश के कारण अदालतों का कामकाज प्रभावित हो रहा था, जिसे देश की सबसे बड़ी अदालत ने गंभीरता से लेते हुए फटकार लगाई है। यह कर्मचारी राजस्थान सरकार से कैडर पुनर्गठन की मांग कर रहे थे।
सामूहिक अवकाश और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सोमवार को सुनवाई के दौरान कड़ी प्रतिक्रिया दी। कोर्ट ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में किसी भी तरह की बाधा डालना अवैध है और इससे न्याय की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि मंगलवार को इस मामले में और विस्तार से सुनवाई की जाएगी। शीर्ष अदालत की सख्त टिप्पणी के बाद, राजस्थान में न्यायिक कर्मचारियों का सामूहिक अवकाश समाप्त हो गया।
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राज्य सरकार के साथ हुआ समझौता
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद, प्रदेश न्यायिक कर्मचारी संघ ने सामूहिक अवकाश को समाप्त करने का निर्णय लिया। संघ के पदाधिकारियों ने राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और राज्य के विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल से मुलाकात की।
इस मुलाकात में कर्मचारियों की मांगों पर सकारात्मक आश्वासन प्राप्त हुआ, जिसके बाद कर्मचारियों ने काम पर लौटने का फैसला किया।
30 जुलाई से अदालतों में फिर से शुरू होगा कामकाज
अब 30 जुलाई से राज्य की अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कर्मचारी नियमित रूप से काम पर लौट आए हैं। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी मांगों के लिए संघर्ष जरूर करेंगे, लेकिन न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित नहीं होने देंगे। इससे अदालतों में कामकाजी माहौल सामान्य हो गया है और सुनवाई फिर से शुरू हो गई है।
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न्यायिक कर्मचारियों के मुद्दे व मांगें
राजस्थान के न्यायिक कर्मचारियों ने कई मुद्दों पर आंदोलन किया है, जिसमें मुख्य रूप से कैडर पुनर्गठन (cadre restructuring), वेतन वृद्धि, और कामकाजी सुविधाओं में सुधार शामिल हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से इन मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा उचित ध्यान नहीं दिया गया।
क्या है न्यायिक कर्मचारियों की मांगें ?
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सामूहिक अवकाश के कारण ठप्प था कामकाज
कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के कारण राज्य की अदालतों का कामकाज प्रभावित हो रहा था। अदालतों में लंबित मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही थी, जिसके कारण आम लोग भी परेशान हो रहे थे।
अब सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बुधवार से प्रदेशभर की सभी अदालतों में फिर से सुचारू रूप से कामकाज अदालतों में हो सकेगा। जिससे पेंड़िंग मामलों का निपटारा समय पर हो सकेगा।
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