ट्रॉमा सेंटर जलकर खाक, आईसीयू शुरू होने में लग सकता है 3 महीने का समय, मरीजों को होगी परेशानी

राजस्थान के जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने के बाद आईसीयू को फिर से शुरू होने में तीन महीने का समय लग सकता है। इससे मरीजों के इलाज पर असर पड़ रहा है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में हाल ही में आग लगने से आईसीयू और ऑपरेशन थियेटर को गंभीर नुकसान हुआ है। इस हादसे के बाद से आईसीयू बंद हो गया है, जिससे गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वर्तमान में केवल आपातकालीन और जरूरी ऑपरेशनों का ही संचालन हो पा रहा है, और गंभीर मरीजों को दूसरे वार्डों में भेजा जा रहा है।

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ट्रॉमा सेंटर की सेवाएं प्रभावित

एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मृणाल जोशी के अनुसार, आग लगने के कारण ट्रॉमा सेंटर का आईसीयू और ऑपरेशन थियेटर बंद कर दिया गया है। अस्पताल प्रशासन का पहला उद्देश्य पानी के लीकेज को ठीक करना और छत की मरम्मत करना है। इसके बाद आईसीयू और ऑपरेशन थियेटर को फिर से रिनोवेट कर मरीजों के लिए तैयार किया जाएगा। इस प्रक्रिया में लगभग तीन महीने का समय लगने की संभावना जताई जा रही है। अस्पताल प्रशासन ने यह भी बताया कि इस आग में आईसीयू और सेमी-आईसीयू दोनों को नुकसान पहुंचा है, जिसे मर्ज करके एक नया आईसीयू तैयार किया जाएगा।

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मरीजों की सुरक्षा सबसे अहम

ट्रॉमा सेंटर में रोजाना सड़क हादसों और अन्य दुर्घटनाओं के कारण घायल लोग इलाज के लिए आते हैं। इनमें से कई को तत्काल आईसीयू की जरूरत होती है, लेकिन फिलहाल यह सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। ट्रॉमा सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. बीएल यादव ने कहा कि आग लगने वाली जगह का निरीक्षण किया गया है और पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर जल्द ही ऑपरेशन थियेटर और आईसीयू को नए सिरे से तैयार करने की योजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन ने एक कमेटी भी बनाई है, जो अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेगी। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए फायर सेफ्टी मानकों को सख्त किया जाएगा।

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अग्निकांड में 8 मरीजों की मौत

6 अक्टूबर को एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने के कारण गंभीर हादसा हुआ। इस हादसे में 8 मरीजों की मौत हो गई, जबकि आधा दर्जन से अधिक मरीज घायल हो गए। 

इसके बाद राजस्थान सरकार ने कार्रवाई करते हुए एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी और ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ को उनके पद से हटा दिया। साथ ही, एसएमएस में कार्यरत अधिशाषी अभियंता मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। फायर सेफ्टी के लिए जिम्मेदार एजेंसी की निविदा भी निरस्त कर दी गई और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई।

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आईसीयू के फिर से शुरू होने की प्रक्रिया

एसएमएस हॉस्पिटल प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि अग्निकांड के बाद आईसीयू और ऑपरेशन थियेटर को जल्द से जल्द तैयार किया जाएगा। हालांकि इस प्रक्रिया में तीन महीने तक का समय लग सकता है। इस दौरान गंभीर मरीजों को वैकल्पिक इलाज के लिए अन्य वार्डों में भेजा जा रहा है। प्रशासन ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो। इसके लिए फायर सेफ्टी मानकों को कड़ा किया जाएगा।

FAQ

1. एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने के बाद क्या कार्रवाई की गई?
आग के बाद ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू और ऑपरेशन थियेटर को बंद कर दिया गया। जल्द ही पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे आईसीयू को तीन महीने में फिर से शुरू किया जा सके।
2. इस अग्निकांड में कितने मरीजों की जान गई?
6 अक्टूबर को हुए इस अग्निकांड में 8 मरीजों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
3. भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
अस्पताल प्रशासन ने फायर सेफ्टी मानकों को सख्त करने और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए एक कमेटी बनाई है। भविष्य में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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