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Photograph: (the sootr)
उदयपुर के पैसिफिक डेंटल कॉलेज में बीडीएस फाइनल ईयर की छात्रा श्वेता सिंह ने 24 जुलाई की रात को आत्महत्या कर ली। 25 वर्षीय श्वेता सिंह, जो जम्मू-कश्मीर की निवासी थी, कॉलेज के हॉस्टल में रह रही थी। रात करीब 11 बजे उसकी रूममेट ने कमरे में उसे पंखे से लटका हुआ पाया। उसे तुरंत पंखे से उतारकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सुसाइड नोट में कॉलेज प्रशासन पर आरोप
पुलिस को श्वेता के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें कॉलेज प्रशासन और कुछ स्टाफ सदस्य पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सुसाइड नोट में लिखा था कि कॉलेज का स्टाफ मनमानी करता है, मेहनती छात्रों को फेल कर देता है और परीक्षाएं समय पर नहीं करवाई जाती हैं। श्वेता के पिता पुलिस में कांस्टेबल हैं और वह उनकी इकलौती बेटी थी। घटना के बाद छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया और कार्रवाई की मांग की।
टीचर्स पर लगाए गए आरोप
सुसाइड नोट में दो टीचर्स के नाम का उल्लेख किया गया है। एक का नाम नैनी मैम और दूसरे का नाम भगवत सर था। श्वेता ने लिखा था कि ये टीचर्स छात्रों का शोषण कर रहे थे और कई छात्रों को पैसे लेकर पास कर दिया गया था। उसने आरोप लगाया कि जो छात्र पैसे नहीं देते थे, उन्हें जानबूझकर फेल कर दिया जाता था। उसने इन टीचर्स के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की और लिखा कि उन्हें जेल में डाला जाना चाहिए।
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मामले की जांच और कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। श्वेता सिंह के सुसाइड नोट को ध्यान में रखते हुए कॉलेज प्रशासन और स्टाफ के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की मांग की जा रही है। छात्र और अभिभावक दोनों ही इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं।
पूर्व में भी हुई आत्महत्याएं
यह घटना अकेली नहीं है, इससे पहले जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल के एक रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. राजेश बिश्नोई ने भी आत्महत्या कर ली थी। वह अपने एचओडी से परेशान थे, जिन्होंने उनकी पीजी की थीसिस को रोक दिया और पैसों की मांग की। परेशान होकर उन्होंने जहर खा लिया। इस घटना ने भी डॉक्टरों और छात्रों के बीच चिंता बढ़ा दी है।
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