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Jaipur. राजस्थान में उदयपुर जिले के वल्लभनगर स्थित नवानिया पशु चिकित्सा कॉलेज में जूनोसिस बीमारी का प्रसार होने की खबर ने छात्रों और स्टाफ की चिंता बढ़ा दी है। जुलाई के महीने में कॉलेज में एक वर्कशॉप आयोजित की गई थी, जिसमें 94 लोगों के सैंपल लिए गए थे। इन सैंपलों की जांच के बाद 31 लोग ब्रुसेलोसिस और लेप्टोस्पायरोसिस जैसी जूनोसिस बीमारियों से संक्रमित पाए गए। ये दोनों बीमारियां जूनो​सिस श्रेणी में आती हैं। यानी पशुओं से इंसानों में फैलती है। इन संक्रमित व्यक्तियों में एक डॉक्टर, दो पशुधन सहायक (LSA) और 28 छात्र शामिल हैं। जांच रिपोर्ट जयपुर के एसएमएस अस्पताल में की गई थी।
जांच रिपोर्ट और छात्र-प्रोफेसर की प्रतिक्रिया
यह जांच रिपोर्ट 25 जुलाई को आ चुकी थी, लेकिन इसे कॉलेज प्रशासन ने छात्रों और स्टाफ के साथ साझा नहीं किया। एक सप्ताह पहले ही, छात्रों को इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी मिली है। रिपोर्ट में 21 सैंपल में ब्रुसेलोसिस और 10 सैंपल में लेप्टोस्पाइरोसिस के लक्षण पाए गए थे। हालांकि, इन 31 संक्रमित व्यक्तिय अभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। कई छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया, क्योंकि उन्हें समय पर इस बारे में सूचित नहीं किया गया।
कॉलेज प्रशासन का बयान
कॉलेज के डीन डॉ. शिव शर्मा ने पुष्टि की है कि जिन 31 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, वे सभी अब भी पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में और पुष्टि के लिए उन सभी 31 व्यक्तियों के सैंपल दोबारा लिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट अगले सात दिनों में आएगी। यदि दोबारा जांच में कोई व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है, तो उनका इलाज तुरंत शुरू किया जाएगा।
डॉक्टरों की सलाह और उपचार
उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के सीनियर फिजिशियन डॉ. महेश दवे ने बताया कि कुछ छात्र एमबी अस्पताल में भी इलाज के लिए आए थे। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखे। इस समय, संक्रमित व्यक्ति को उपचार की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सभी मरीज स्वस्थ हैं और किसी भी तरह के लक्षणों से मुक्त हैं।
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कॉलेज प्रशासन पर लगे आरोप
जांच रिपोर्ट के बाद कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने जांच रिपोर्ट को देर से साझा किया। कई छात्रों का कहना है कि अगर समय रहते उन्हें इस बारे में जानकारी मिल जाती तो वे तुरंत एहतियाती कदम उठा सकते थे। वहीं, कॉलेज प्रशासन ने यह स्पष्ट किया कि रिपोर्ट साझा करने में कोई जानबूझकर देरी नहीं की गई, बल्कि रिपोर्ट की सटीकता सुनिश्चित करने के बाद ही इसे सार्वजनिक किया गया।
फिर से परीक्षण और आगे की कार्रवाई
छात्रों की चिंता को देखते हुए उदयपुर का वल्लभनगर पशु चिकित्सा कॉलेज प्रशासन दोबारा सैंपल ले रहा है। नए सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद, कॉलेज प्रशासन स्थिति का और मूल्यांकन करेगा और आवश्यकता होने पर उचित चिकित्सा उपाय किए जाएंगे।
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पशुओं से इंसानों में फैलती है बीमारीजूनोसिस बीमारियों की वह श्रेणी है जो पशुओं से इंसानों में फैलती है। ब्रुसेलोसिस और लेप्टोस्पाइरोसिस जैसी बीमारियां खासतौर पर पशुओं के खून से संपर्क में आने पर इंसानों को संक्रमित कर सकती हैं। इन बीमारियों के सामान्य लक्षण बुखार और बदन दर्द हो सकते हैं। इंसानों में बांझपन और अन्य शारीरिक समस्याएं भी सामने आती हैं। इस स्थिति में, कॉलेज प्रशासन को लापरवाही बरतने के आरोपों का सामना भी करना पड़ रहा है। | |
एहतियाती कदमों की आवश्यकता
यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि पशु चिकित्सा कॉलेज में काम करने वाले छात्रों और स्टाफ को अधिक सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है। ऐसे मामलों से बचने के लिए, कॉलेज को अपने बायो-सेफ्टी मानकों को और मजबूत करने की जरूरत है। इसके अलावा, कर्मचारियों और छात्रों को नियमित रूप से जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि वे ऐसी बीमारियों से बच सकें।
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