विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में अहम बदलाव, अब मुफ्त में पढ़ राजस्थान में तलाशनी होगी जॉब, छात्राओं का कोटा बढ़ा

राजस्थान सरकार ने विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में नए बदलाव किए हैं, जिसमें छात्रों को विदेश और देश में मुफ्त शिक्षा लेने के बाद राजस्थान में नौकरी ढूंढनी होगी।

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Nitin Kumar Bhal
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राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना (Swami Vivekananda Scholarship for Academic Excellence) के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनमें कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। इन नए नियमों के तहत, अब सरकारी खर्च पर विदेश और देश के प्रतिष्ठित संस्थानों (Reputed Institutions) में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का सामना करना होगा। उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सबसे पहले राजस्थान (Rajasthan) में नौकरी (Job) तलाशनी होगी। इस निर्णय के पीछे सरकार का उद्देश्य राज्य में नौकरी की संभावना को बढ़ावा देना और राज्य के विकास में योगदान सुनिश्चित करना है।

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विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना के प्रमुख बदलाव क्या हैं?

विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना के तहत छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के बाद, केवल राजस्थान में ही नौकरी की तलाश करनी होगी। इससे पहले छात्रों को देश और विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के बाद कहीं भी नौकरी करने की स्वतंत्रता थी, लेकिन अब यह बदलाव किया गया है। सरकार का मानना है कि इस कदम से राज्य में योग्य और शिक्षित कार्यबल (Skilled Workforce) तैयार होगा, जो राज्य के विकास में सहायक होगा।

साथ ही, सरकार ने विदेश में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में भी कटौती की है। पहले 500 छात्रों को विदेश में पढ़ाने का प्रावधान था, लेकिन अब यह संख्या घटाकर 300 कर दी गई है। इसके अलावा, सरकार ने छात्रों के लिए कुछ अन्य नए नियम भी लागू किए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा।

स्वामी विवेकानन्द स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना (Vivekanand Scholarship for Academic Excellence) राजस्थान सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो राजस्थान के प्रतिभाशाली छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत, छात्र दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में अपनी पढ़ाई के लिए जरूरी आर्थिक मदद पा सकते हैं। राजस्थान में विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना के नए नियम जारी किए गए हैं।

विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना की नई गाइडलाइन क्या है?

  1. परिवार में दो बच्चों तक सीमित: अब स्कॉलरशिप एक परिवार में केवल दो बच्चों को ही दी जाएगी। यदि पहले किसी छात्र को स्कॉलरशिप मिल चुकी है, तो भविष्य में E1 और E2 कैटेगरी में एक और छात्र को स्कॉलरशिप मिल सकती है।
  2. कोर्स छोड़ने पर वसूली: अगर कोई छात्र बीच में ही कोर्स छोड़ देता है, तो सरकार उस पर खर्च की गई राशि की वसूली करेगी।
  3. सरकार की योजनाओं का अध्ययन: चयनित छात्रों को राजस्थान सरकार की योजनाओं का तुलनात्मक अध्ययन और सुधार रिपोर्ट तैयार करनी होगी।
  4. तकनीकी रिपोर्ट में मदद: इंजीनियरिंग और तकनीकी कोर्स की तैयारी कर रहे छात्र सरकारी योजनाओं के लिए तकनीकी रिपोर्ट तैयार करेंगे।
  5. ऑनलाइन इंटरेक्शन अनिवार्य: छात्रों को सरकार द्वारा किए गए ऑनलाइन इंटरेक्शन में अनिवार्य रूप से भाग लेना होगा।
  6. योजना का प्रचार-प्रसार: छात्रों को विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना का प्रचार-प्रसार करना होगा और दूसरों को गाइड भी करना होगा।

विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में छात्राओं के लिए कितना आरक्षण है?

राजस्थान सरकार ने इस बार योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब इस योजना में 30% सीटें विशेष रूप से छात्राओं (Female Students) के लिए आरक्षित की गई हैं। इसका उद्देश्य महिला शिक्षा (Female Education) को बढ़ावा देना और समान अवसर (Equal Opportunities) प्रदान करना है।

इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि महिलाएं भी अब अधिक संख्या में उच्च शिक्षा (Higher Education) प्राप्त कर सकेंगी और विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे सकेंगी।

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विदेश में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में की कटौती 

राजस्थान सरकार ने विदेश में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में 25% तक की कमी कर दी है। पहले यह संख्या 200 थी, लेकिन अब केवल 150 छात्र ही सरकारी खर्च पर विदेश में शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इस निर्णय का उद्देश्य राज्य के शिक्षा बजट (Education Budget) को संतुलित करना और देश में ही अधिक छात्रों को अवसर देना है।

हालांकि, इस कटौती के बावजूद, छात्र अब भी विदेशों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक छात्र देश में ही अध्ययन करें और अपनी शिक्षा का लाभ राज्य में लाकर उसे विकास में लगाएं।

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2024-25 में विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना का डेटा

वर्ष 2024-25 के लिए राजस्थान सरकार का लक्ष्य 500 छात्रों को स्कॉलरशिप देना था, जिसमें से 365 छात्रों का चयन किया गया था। इनमें से 308 छात्रों को विदेश में और 57 छात्रों को देश में पढ़ाई के लिए भेजा गया था। हालांकि, देश में अध्ययन करने वाली 145 सीटें खाली रह गई थीं, जिन्हें फिर से खोला गया।

इससे पहले, विदेश में अध्ययन करने के लिए 500 सीटों का प्रावधान था, जिसे घटाकर 300 किया गया और देश के संस्थानों में पढ़ाई करने के लिए 200 सीटों का प्रावधान किया गया।

विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में प्रमुख बदलाव क्या हैं?

  • E-2 कैटेगरी का विस्तार: E-2 कैटेगरी (Annual Income 8 Lakhs to 25 Lakhs) के छात्र अब देश के संस्थानों में भी आवेदन कर सकेंगे, जो पहले केवल विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए पात्र थे।
  • गलत दस्तावेजों पर वसूली: यदि कोई छात्र गलत दस्तावेजों के आधार पर स्कॉलरशिप प्राप्त करता है, तो सरकार उस पर 12% ब्याज सहित पूरी राशि की वसूली करेगी।
  • शिक्षा के बाद नौकरी की प्राथमिकता: अब सभी चयनित छात्रों को अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद सबसे पहले राजस्थान में नौकरी की तलाश करनी होगी। यदि नौकरी नहीं मिलती है तो सरकार का इस योजना से कोई सरोकार नहीं होगा।
  • यंग इंटर प्रोग्राम में प्राथमिकता: सरकार द्वारा शुरू किए गए यंग इंटर प्रोग्राम में स्कॉलरशिप प्राप्त छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।

राजस्थान में विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना के मुख्य बिंदु

  • उद्देश्य

    • इस योजना का मुख्य उद्देश्य मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

    • खासकर, यह योजना छात्रों को देश और विदेश में अध्ययन करने के अवसर प्रदान करती है।

  • पात्रता

    • इस योजना का लाभ केवल राजस्थान राज्य के मूल निवासी छात्रों को मिलेगा।

    • छात्र की आयु आवेदन करते समय 35 वर्ष से कम होनी चाहिए।

    • छात्रों के पास दुनिया के शीर्ष 1 से 150 विश्वविद्यालयों में से किसी एक से प्रस्ताव पत्र (Offer Letter) होना चाहिए।

  • वित्तीय सहायता

    • इस योजना के तहत छात्रों को ट्यूशन फीस, बेंच फीस (Bench Fees), और लिविंग एक्सपेंस (Living Expenses) के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।

    • इस वित्तीय सहायता के जरिए, छात्र अपने अध्ययन से जुड़ी हर जरूरी खर्च को कवर कर सकते हैं।

  • आवेदन प्रक्रिया

    • आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होती है और इसे उच्च शिक्षा विभाग राजस्थान (Department of Higher and Technical Education) के माध्यम से शुरू किया जाता है।

    • उम्मीदवारों को आवेदन के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों और तारीखों का पालन करना आवश्यक है।

FAQ

क्या विवेकानन्द स्कॉलरशिप योजना में छात्राओं के लिए आरक्षण है?
हां, राजस्थान में इस बार विवेकानन्द स्कॉलरशिप योजना में 30% सीटें विशेष रूप से छात्राओं के लिए आरक्षित की गई हैं।
विवेकानन्द स्कॉलरशिप योजना में विदेश में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में क्यों कटौती की गई?
सरकार ने विदेश में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में कटौती की है ताकि अधिक छात्रों को देश में ही अध्ययन करने का अवसर मिले और राज्य की शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाया जा सके।
क्या विवेकानन्द स्कॉलरशिप योजना में नौकरी की गारंटी है?
नहीं, स्कॉलरशिप प्राप्त करने के बाद यदि छात्रों को नौकरी नहीं मिलती है तो सरकार का इस योजना से कोई सरोकार नहीं होगा।
क्या परिवार में दो से अधिक बच्चों को विवेकानन्द स्कॉलरशिप मिल सकती है?
नहीं, अब एक परिवार में केवल दो बच्चों को ही स्कॉलरशिप दी जाएगी।
विवेकानन्द स्कॉलरशिप बीच में छोड़ने पर क्या होगा?
यदि कोई छात्र कोर्स छोड़ता है तो सरकार द्वारा खर्च की गई राशि की वसूली की जाएगी।

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