पाली में जंजीरों में जकड़ी युवती का वीडियो वायरल, अवसाद के चलते तीन महीने से घर में कैद

राजस्थान के पाली जिले के अरटिया गांव में एक युवती को तीन महीने तक जंजीरों में जकड़े रखने का मामला सामने आया है, जिसके बाद वीडियो वायरल हुआ और प्रशासन ने कार्रवाई की।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के पाली जिले के रोहट के अरटिया गांव में एक युवती को पिछले तीन महीनों से पैरों में लोहे की जंजीर से बांध कर रखने का मामला सामने आया है। जब युवती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो चिकित्सा विभाग हरकत में आया और अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे।

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वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन की कार्रवाई

वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर युवती के पैरों से जंजीर को हटवाया और उसे एंबुलेंस से पाली के बांगड़ अस्पताल लाया गया। मनोरोग चिकित्सक डॉ. दलजीत सिंह राणावत ने युवती का इलाज शुरू किया। अतिरिक्त मुख्य चिकित्साधिकारी वेदांत गर्ग ने बताया कि युवती के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है और वे अशिक्षित हैं। इतना ही नहीं, युवती का आधार कार्ड भी अभी तक नहीं बनवाया गया था।

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पारिवारिक विवाद और मानसिक स्थिति का असर

युवती के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिलने पर यह सामने आया कि चार महीने पहले युवती के पिता और उनके भाइयों के बीच एक गंभीर विवाद हुआ था। इस विवाद के बाद युवती को भी मारा गया था, जिसके कारण वह मानसिक सदमे में चली गई और धीरे-धीरे गुमसुम रहने लगी। उसने बोलना भी बंद कर दिया था।

झाड़-फूंक से लेकर अस्पताल के चक्कर लगाए

परिजनों ने युवती के मानसिक स्वास्थ्य की समस्या को दूर करने के लिए कई स्थानों पर इलाज करवाया। वे उसे झाड़-फूंक के लिए ले गए और जोधपुर अस्पताल भी दिखाया, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद युवती ने बड़बड़ाना और चिल्लाना शुरू कर दिया। वह खुद के कपड़े फाड़ने और मिट्टी खाने जैसी असामान्य हरकतें करने लगी।

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पुलिस की लापरवाही और परिवार की समस्याएं

परिजनों ने इस मामले को पुलिस के पास भी पहुंचाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति और ज्यादा खराब हो गई और वे अपनी बेटी का ध्यान रखने में असमर्थ हो गए। घर की आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने युवती के पैरों में जंजीर बांध दी, ताकि वह घर से बाहर न जाए और उनका ध्यान रखा जा सके।

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प्रशासन से परिवार की मदद की अपील

यह मामला प्रशासन और पुलिस की लापरवाही को उजागर करता है। परिवार की स्थिति इतनी खराब थी कि उन्होंने अपनी बेटी को जंजीरों में बांधने का कदम उठाया। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करे और परिवार की मदद के लिए उचित कदम उठाए।

मुख्य बिंदु

  • जंजीरों में बंधी युवती का मामला
  • सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
  • पारिवारिक विवाद का असर मानसिक स्थिति पर
  • पुलिस और प्रशासन की लापरवाही

FAQ

1. पाली जिले में युवती को जंजीरों में क्यों बांधा गया?
युवती को मानसिक स्थिति बिगड़ने के बाद, परिजनों ने उसे ताले में बांधने का कदम उठाया, क्योंकि वे आर्थिक तंगी और अन्य समस्याओं के कारण उसे ठीक से देखभाल नहीं कर पा रहे थे।
2. युवती के मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्या कदम उठाए गए थे?
युवती के मानसिक स्वास्थ्य के लिए झाड़-फूंक और अस्पताल में इलाज करवाया गया था, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा और उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
3. पुलिस और प्रशासन ने इस मामले में क्या कदम उठाए?
पुलिस को इस मामले की सूचना दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन ने वीडियो वायरल होने के बाद ही मामले की गंभीरता को समझा और युवती को अस्पताल भेजा।

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