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वेंकटेश कोरी, JABALPUR. अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर और उसमें होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के चलते हर देशवासी की इच्छा अयोध्या धाम जाने की है लेकिन राम की भक्ति में लीन एक भक्त इन दोनों अयोध्या से रामेश्वरम की यात्रा पर निकल पड़ी हैं। करीब 4000 किलोमीटर की इस यात्रा को शुरू करने वाली शिप्रा पाठक लगातार पदयात्रा करते हुए अपने मंजिल की ओर बढ़ रही हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा की रहने वाली शिप्रा पाठक ने इसके पहले कई नदियों की यात्रा पूरी की है, इस बार अयोध्या से रामेश्वरम जाने के लिए निकली शिप्रा पाठक इन दोनों जबलपुर आई हुई हैं।
1200 किलोमीटर की यात्रा कर चुकी है पूरी
अयोध्या से रामेश्वरम की पैदल यात्रा कर रही शिप्रा पाठक ने एक माह पहले ही अपनी यात्रा शुरू की थी इस दौरान उन्होंने करीब 1200 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है। शिप्रा पाठक के मुताबिक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने इन्हीं नदियों और जंगलों के बीच ही अपना जीवन व्यतीत किया था और वही देखने वे भी निकल पड़ी हैं।
जानकी तत्व की स्थापना है मुख्य मकसद
4000 किलोमीटर की पैदल पदयात्रा कर रही शिप्रा पाठक का कहना है कि आज के दौर में महिलाएं आधुनिक होती जा रही है इसी को देखते हुए उन्होंने अपनी पदयात्रा शुरू की है, उनका कहना है कि इस पैदल यात्रा का मकसद जानकी तत्व की स्थापना करना है।
आधा दर्जन नदियों की कर चुकी हैं यात्रा
शिप्रा पाठक ने अब तक देश के करीब आधा दर्जन नदियों की यात्रा भी पूरी कर ली है, उन्होंने बताया कि उन्होंने नर्मदा, शिप्रा, गोमती, सरयू और यमुना नदी की यात्रा पूरी की है जिसके बाद से लोगों ने उन्हें वाटर वूमेन का भी नाम दिया है। नदियों की यात्रा और विभिन्न परिक्रमाओं के दौरान शिप्रा पाठक करीब 10 लाख लोगों से भी जुड़ी है, उन्होंने बताया कि इन यात्राओं के दौरान उन्होंने 12 लाख से भी ज्यादा पौधे रोपे हैं जिनकी लगातार देखभाल भी की जा रही है।
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