संजय गुप्ता @ INDORE
राज्य सेवा परीक्षा 2023 मेंस ( mppsc-mains-2023 ) की तारीख आगे बढ़ाने को लेकर सोमवार दोपहर 12:00 बजे से शुरू हुआ उम्मीदवारों का आंदोलन 22 घंटे बाद भी जारी है। कल दोपहर से ही यह सभी उम्मीदवार पीएससी ( mppsc-head-office ) दफ्तर के बाहर बैठे हैं। नारेबाजी कर रहे हैं और हाथों में तख्तिया लिए हुए हैं। पूरी रात यह उम्मीदवार वहीं बैठे रहे, अपने कमरों से जाकर गड्ढे चादर रजाई ले आए और दफ्तर के बाहर ही सोए। सुबह उठते ही फिर हाथों में तख्तियां लहराते हुए नारेबाजी कर रहे हैं और उनकी मांग है कि अध्यक्ष और सचिव उनसे जाकर मिले और तारीख बढ़ाने की घोषणा करें।
https://thesootr.com/education/mp-board-12th-exam-begins-more-than-7-lakh-students-appearing-3604181
क्या हैं उम्मीदवारों की मांगें
धरने पर बैठे उम्मीदवारों की अन्य मांगे हैं कि पदों की बढ़ोतरी की जाए और 13% प्रोविजनल रिजल्ट जो रोका गया है उसे भी जारी किया जाए। बता दें कि राज्य सेवा परीक्षा मेंस 2023, 11 मार्च से शुरू होना है। इसका प्री ( mppsc-pre-exam ) 17 दिसंबर को हुई थी और इसका रिजल्ट ( MPPSC 2023 PRE EXAM RESULT ) 18 जनवरी को आया था। उम्मीदवार रिजल्ट से कम से कम 90 दिन देने की मांग कर रहे हैं और अभी उन्हें केवल 50 दिन मिल रहे हैं।
https://thesootr.com/politics/nakulnath-declared-himself-candidate-chhindwara-seat-contest-lok-sabha-election-3589989
सिर्फ 60 पदों के लिए भर्ती बेरोजगारों के साथ मजाक
स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में 45 लाख लोग बेरोजगार हैं। चुनाव के पहले सरकार कहती है कि मोदी की गारंटी है और हम ढाई लाख सरकारी पदों को भरेंगे। इसके बाद मध्यप्रदेश सरकार 60 पदों के लिए विज्ञापन जारी करती है। यह बेरोजगारों के साथ मजाक है। यह सरकार डबल इंजन सरकार की बात करती हैं लेकिन बेरोजगारों की समस्या नहीं समझी जाती। हमारी मांग है कि 2024 में 500 पद किए जाएं। 13% का परिणाम अभी जो जारी नहीं किया गया है, उसे जारी किया जाए।
-
Feb 06, 2024 11:25 IST
पीएससी उम्मीदवारों को मिला नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का साथ
उम्मीदवारों के प्रदर्शन को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का साथ मिला है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों के पक्ष में बात उठाते हुए सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव राजनीति से हटकर इन युवाओं की तकलीफ भी सुन लीजिए !!! एमपीएससी के दफ्तर के सामने इकट्ठा हुए ये युवा कोई आंदोलनकारी नहीं देश और प्रदेश का भविष्य है! इनकी मांग भी वाजिब है। आखिर इन्हें मैन एग्जाम की तैयारी का समय तो दीजिए! प्रीलिम्स और मैन एग्जाम के बीच कम से कम 3 महीने का समय सही मांग है। 45 दिन बहुत कम हैं। मप्र सरकार बेरोजगारों को काम नहीं दे सकती तो कम से कम उन्हें उनकी योग्यता परखने का मौका तो दीजिए! वैसे भी एमपीएससी अपनी लापरवाहियों के लिए हमेशा चर्चा में रहती है! युवाओं को तो उसकी कुव्यवस्था का शिकार मत बनाइए! मैं उनकी 3 महीने का समय देने की सही मांग के पक्ष में हूं और उनके साथ हूं। एमपीएससी 2023 मुख्य परीक्षा तिथि बदलो एक अन्य मैसेज में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को भी घेरा और कहा कि उनकी गारंटी कहां गई? कहा गया था कि ढाई लाख पद भरेंगे लेकिन इस बार भर्ती के लिए केवल 60 पद निकाले गए। बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिल रही है।