उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के अलग-अलग जिलों में चल रहे 513 मदरसों ने अपनी मान्यता यूपी मदरसा बोर्ड को लौटा दी है। इन मदरसों ने राज्य सरकार को मदरसों की मान्यता छोड़ने की अर्जी दी थी। जिसके बाद यूपी मदरसा शिक्षा परिषद ने इसे हरी झंडी दे दी है। इस संबंध में आगे की कार्रवाई के लिए एक रजिस्ट्रार को अधिकृत किया गया है।
बताया जा रहा है कि राज्य में पिछले कुछ समय में बिना मान्यता के चलने वाले मदरसों के फर्जीवाड़े पर सरकार की सख्ती के बाद मदरसा संचालकों ने ये फैसला लिया है।
513 मदरसा संचालकों ने दी थी अर्जी
यूपी मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य कमर अली का कहना है कि 513 मदरसों के संचालकों ने परिषद से मदरसों की मान्यता को छोड़ने का अवेदन दिया था। अली ने बताया कि सभी मदरसा संचालकों ने इसको लेकर अपने-अपने कारण बताए थे।
वहीं, इस मामले में मदरसों के संचालकों ने बताया कि पहले अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के स्तर से ही मदरसों की मान्यता और उसका इनोवेशन हो जाता था। उन्होंने कहा कि यह अधिकार अब रजिस्ट्रार को दे दिया गया है, जिससे उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मदरसा संचालकों ने यह भी बताया कि इनमें से कई मदरसों ने अब बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता ले ली है जो बेसिक शिक्षा अधिकारी से ही मिल जाती है।
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नए मदरसों को मान्यता देने को तैयार बोर्ड
मंगलवार को लखनऊ स्थित अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की बैठक हुई थी। इस बैठक में मान्यता छोड़ने वाले 513 मदरसों की मान्यताएं समाप्त करने समेत कुल 9 प्रस्तावों पर सहमति बनी। यह बैठक बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में अयोजित की गई थी।
बैठक में यूपी मदरसा बोर्ड राज्य में नए खुलने वाले मदरसों को तत्काल मान्यता देने तैयार हो गया है। आवेदकों को नवीन मान्यता के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
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8449 मदरसे नहीं थे मान्यता प्राप्त
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उत्तर प्रदेश में 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसों का संचालन हो रहा है। इनमें से 8,449 मदरसे ऐसे थे जो मान्यता के बिना ही संचालित हो रहे थे। जांच के बाद इन मदरसों को बंद कर दिया गया था। इसके अलावा 2021 में मदरसों को केंद्र सरकार से मिलने वाला बजट भी बंद हो गया था, जिससे मदरसों के सामने आर्थिक संकट भी खड़ा हो रहा था।
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