संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के प्रभावशाली लोगों के क्लब यशवंत क्लब (वायसी) में साल 2000 के बाद नए सदस्य बनाने का प्रस्ताव गुरुवार को हुई एजीएम में पास हो गया। कुल सौ सदस्य बनेंगे, जो चार साल में 25-25 करके बनाए जाएंगे। इसके लिए 25 लाख रुपए फीस लगेगी और जीएसटी अलग देय होगा। इस तरह क्लब द्वारा चार साल में कुल 25 करोड़ की राशि जमा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि क्लब में अभी करीब पांच हजार सदस्य है। सदस्यों की अधिक संख्या के चलते साल 2000 के बाद से ही क्लब में सदस्यता को हर दो साल में प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव एजीएम में पास होता रहा, अब यह पहली बार खुली है।
एजीएम में पूर्व चेयरमैन पम्मी छाबड़ा ने भी दिया साथ
यह प्रस्ताव वर्तमान चेयरमैन टोनी सचदेवा और सचिव संजय गोरानी की टीम लेकर आई थी। कुछ साल पहले अपने चेयरमैन काल में पम्मी छाबड़ा भी यह प्रस्ताव लेकर आए थे जो पास नहीं हो सका था। एजीएम के दौरान पूर्व चेयरमैन छाबड़ा ने प्रस्ताव का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि केवल फंड जमा होने की योजना नहीं लाई जाना चाहिए। मैनेजिंग कमेटी को इसके साथ यह प्लान भी बताना चाहिए कि आखिर इस राशि का उपयोग किस तरह से क्लब सदस्यों के हित और क्लब के विकास कामों के लिए होगा। अभी जो प्रस्ताव आया उसका हम समर्थन करते हैं, लेकिन इसके साथ ही विकास प्लान भी रखा जाए।
एक साथ सौ सदस्य बनाने की नहीं दे सकते मंजूरी
वर्तमान कमेटी द्वारा यह भी प्रस्ताव रखा गया कि एक साथ सौ सदस्य कौन बनेंगे इसकी सूची फाइनल मैनेजिंग कमेटी कर लेगी और फिर इसमें से ही हर साल 25-25 को एप्रूवल देते जाएंगे। इस पर पम्मी छाबड़ा ने खासी आपत्ति ली और कहा कि यह गलत तरीका होगा, जल्दी किस बात की है, जब यह काम चार साल में करना है तो फिर जिसे आज चुना कल वह हमारे नार्म्स से फिट नहीं हुआ तो क्या हटा पाएंगे? इसलिए बेहतर होगा कि हर साल 25-25 को ही एप्रूवल दिया जाए और आने वाली जो भी कमेटी रहेगी वह हर साल इनको मंजूरी देती जाए। इसका पूरे क्लब ने भी समर्थन किया। साथ ही सदस्यता फंड जमा होने के साथ ही विकास प्लान भी रखने की बात कही गई। यह भी तय हुआ कि जो राशि जमा होगी इसमें 50 फीसदी एफडी में जाएगी और बाकी 50 फीसदी से विकास काम होंगे।
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पूर्व चेयरमैन मेहता ने मैनेजिंग कमेटी को दी सीख
एजीएम के दौरान पूर्व चयेयरमैन भोलू मेहता ने क्लब में अभी चल रहे काम (पुराने स्वीमिंग पुल को तोड़कर रेस्त्रां व अन्य निर्माण होने) को लेकर कहा कि हमारे पास जमीन लीज पर है, जो प्रशासन से ली हुई है, हम इसे सबलीज नहीं कर सकते हैं और विकास काम करने के लिए पहले मंजूरी भी चाहिए होती है। ऐसा नहीं करने पर आगे निर्माण अवैध माने जा सकते हैं और कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में क्लब को चाहिए कि शासन-प्रशासन से इस संबंध में सभी मंजूरियां लेकर ही आगे बढ़ें, नहीं तो भविष्य में दिक्कत आ सकती है। एजीएम करीब डेढ़ घंटे चली, इसकी अध्यक्ष अशोक बड़जात्या ने की।