IAS अदिति गर्ग : विदेशी चमक-धमक छोड़कर चुनी देश सेवा की राह

मध्य प्रदेश के कटनी जिले की अदिति गर्ग ने विदेश में पढ़ाई और नौकरी के अवसरों को छोड़कर यूपीएससी परीक्षा में 54वीं रैंक हासिल की और 2015 बैच की आईएएस अधिकारी बनीं।

author-image
Abhilasha Saksena Chakraborty
New Update
IAS Aditi garg

IAS Aditi Garg

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

आज जब अधिकतर युवा पढ़ाई के बाद विदेश जाकर नौकरी के सपने को सच करने में जुटे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने करियर से पहले देश सेवा को महत्व देते हैं। इन्हीं में से एक हैं आईएएस अदिति गर्ग, जिन्होंने प्रशासनिक सेवा में आने के लिए विदेश की आकर्षक नौकरी को ठुकरा दिया।

मध्य प्रदेश के कटनी जिले की अदिति गर्ग का सफर उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करने का साहस रखते हैं। विदेश में पढ़ाई और शानदार करियर के अवसर छोड़कर उन्होंने मातृभूमि की सेवा का मार्ग चुना और  यूपीएससी परीक्षा में 54वीं रैंक प्राप्त कर वे 2015 बैच की आईएएस अधिकारी बनीं।

कटनी जिले के छोटे से गाँव धरवारा से निकलकर अदिति ने यह साबित कर दिया कि मजबूत संकल्प, निरंतर मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।

Mandsaur collector

पिता से मिली आईएएस बनने की प्रेरणा

अदिति के पिता ओपी गर्ग रिटायर्ड IPS अधिकारी हैं। वो मध्य प्रदेश में पुलिस महानिदेशक के पद पर रह चुके हैं। घर का प्रशासनिक माहौल बचपन से ही उनमें देश सेवा की भावना जगाता रहा। अदिति बताती हैं कि बचपन में जब वह पिता के संपर्क में आने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को देखती थीं, तभी उनके मन में यह ठान लिया था कि भविष्य में वे भी अपने पिता की तरह प्रशासनिक सेवा में योगदान देंगी। अदिति गर्ग दो बच्चों की माँ हैं और उनके पति सागर श्रीवास्तव IRS अधिकारी हैं। 

विदेश में पढ़ाई, फिर भी देश सेवा की राह पकड़ी

अदिति ने 2004 में मुंबई यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया और 2006 में लंदन यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरविक से पोस्ट ग्रेजुएशन। पीजी के बाद उन्होंने लंदन में मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर काम शुरू किया। लेकिन विदेश की नौकरी की चमक भी उनके मन में छिपे देश सेवा के जज्बे को दबा नहीं सकी। इंग्लैंड से लौटकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पहले उनका चयन इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस (IES) में हुआ। उसके बाद इंडियन रेवन्यू सर्विस (आईआरएस) और फिर  भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ। अदिति गर्ग को किताबें पढ़ने ख़ासतौर पर कविताओं में बहुत रुचि है। इसके अलावा संगीत और साहित्य से उन्हें ख़ासा लगाव है। 

aditi garg

मानसिकता की परख है यूपीएससी 

अदिति गर्ग कही हैं – यूपीएससी केवल परीक्षा नहीं है, यह आपकी मानसिकता की परख है। जीवन में जो विषम परिस्थितियाँ आती हैं, आप उनका सामना कैसे करते हैं, यह परीक्षा उसी का प्रतिबिंब है। यह ज्ञान के साथ ही आपके दृष्टिकोण और धैर्य की जाँच भी है। सफल होने के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी है सकारात्मक सोच क्योंकि कमियां निकालना बहुत आसान होता है। लेकिन सकारात्मक सोच के साथ परेशानियों का हल निकालना ही विजेता की पहचान है। परीक्षार्थियों को सफल होने की टिप्स देते हुए वो कहती हैं- जो भी प्रश्न आएं, उन्हें सकारात्मक नजरिये से लें। हताश न हों, अपने ज्ञान, हुनर और तैयारी को आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत करें। परिणाम की चिंता छोड़ अपना सर्वश्रेष्ठ दें।

ये भी पढ़ें:

IAS मोहनलाल मीणा को मणिपुर कैडर लौटने का निर्देश, जान के खतरे की दलील HC से खारिज

इंदौर को कार्बन क्रेडिट से 50 लाख रुपए अर्जित करने वाला पहला शहर बनाया

इंदौर स्मार्ट सिटी परियोजना की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में अदिति गर्ग ने तीन प्रमुख हरित परियोजनाओं की मदद से लगभग 1.70 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाकर अंतरराष्ट्रीय बाजार से 50 लाख रुपये से अधिक मूल्य के कार्बन क्रेडिट हासिल किए। गर्ग ने इन कार्बन क्रेडिट्स को बेचकर हरित परियोजनाओं को आर्थिक रूप से स्थायी बनाया और साथ ही अतिरिक्त राजस्व भी अर्जित किया। इस तरह इंदौर देश का पहला शहर बना जहां किसी स्मार्ट सिटी ने स्थायी हरित परियोजनाओं के जरिए इस तरह से कमाई की है।

नो वर्क ऑन हॉलिडे

अदिति गर्ग का छुट्टियों में काम को लेकर हुआ एक ट्वीट बहुत वायरल हुआ था। उन्होंने लिखा था कि सरकारी सेवा में छुट्टियों और वीकेंड के दौरान काम करवाने की परंपरा अस्वस्थ है। काम को जरुरी और तात्कालिक बताकर स्टाफ पर अनावश्यक दबाव बनाना गलत है। अदिति का मानना है कि गुणवत्तापूर्ण कार्य तभी संभव है जब कर्मचारियों के निजी समय का सम्मान हो। उनका कहना है कि अच्छा काम प्रोफेशनलिज्म से आता है, न कि झूठे तात्कालिक दबाव से।

IAS officer Aditi Garg

ये भी पढ़ें:

IAS बालागुरु के पिता करते थे मजदूरी, मजबूत इरादों से गरीबी को मात देकर बेटा बन गया कलेक्टर

मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार

आईएएस अदिति गर्ग को साल 2022-23 के दौरान आयुष्मान कार्ड बनाने में नवाचार लाने के लिए 2025 में मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

 

CM Excellence award to Aditi Garg
IAS Aditi Garg receiveing CM cecellence award from CM Mohan Yadav

 

करियर एक नज़र 

नाम: अदिति गर्ग 

जन्मदिनांक: 15-12-1983

जन्मस्थान: कटनी 

एजुकेशन: एमएससी (इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंस) यूके  

बैच: 2015

कैडर: मध्यप्रदेश 

पदस्थापना 

वर्तमान में अदिति गर्ग मंदसौर की कलेक्टर हैं। इसके पहले वो खंडवा में असिस्टेंट कलेक्टर और इंदौर में स्मार्ट सिटी की सीईओ रह चुकी हैं। वो सीएम ऑफिस में उप सचिव के पद पर भी तैनात रहीं हैं। इसके पहले भी महिला एवं बाल विभाग की पूर्व उप सचिव और महिला एवं वित्त विकास निगम के अलावा संचालक स्वास्थ्य सेवाएं की जवाबदारी संभाल चुकी हैं।  उनकी पहचान एक संवेदनशील और जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारी के रूप में है।

Social accounts: IAS Aditi Garg

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म लिंक
Twitter (X) https://x.com/AditiGargIAS
Facebook https://www.facebook.com/adtgarg

 

देखें अदिति गर्ग का सर्विस प्रोफाइल: Updated: July 28

Service profile IAS Aditi Garg

FAQ

अदिति गर्ग ने विदेश की नौकरी छोड़कर आईएएस बनने का फैसला क्यों लिया?
अदिति गर्ग का बचपन प्रशासनिक माहौल में बीता क्योंकि उनके पिता ओ.पी. गर्ग मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं। इसी माहौल ने उनमें देश सेवा का भाव पैदा किया। विदेश में पढ़ाई और नौकरी करने के बावजूद उन्होंने मातृभूमि की सेवा को प्राथमिकता दी और यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
अदिति गर्ग ने यूपीएससी में सफलता के लिए क्या टिप्स दी हैं?
उनका मानना है कि यूपीएससी केवल ज्ञान की परीक्षा नहीं है, बल्कि यह आपकी मानसिकता और दृष्टिकोण की भी परख करती है। विषम परिस्थितियों में सकारात्मक सोच बनाए रखना और अपना सर्वश्रेष्ठ देना ही सफलता की कुंजी है।
इंदौर को कार्बन क्रेडिट से कमाई करने वाला पहला शहर बनाने में अदिति गर्ग की क्या भूमिका रही?
इंदौर स्मार्ट सिटी की सीईओ के रूप में अदिति ने हरित परियोजनाओं के जरिए 1.70 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम किया और अंतरराष्ट्रीय बाजार से 50 लाख रुपये मूल्य के कार्बन क्रेडिट अर्जित किए। उन्होंने इन क्रेडिट्स को बेचकर परियोजनाओं को आर्थिक रूप से टिकाऊ बनाया।
छुट्टियों में काम न करने को लेकर अदिति गर्ग का वायरल ट्वीट क्यों चर्चा में आया?
अदिति का मानना है कि सरकारी सेवा में छुट्टियों और वीकेंड पर कर्मचारियों से काम करवाना अस्वस्थ परंपरा है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण काम तभी संभव है जब कर्मचारियों के निजी समय का सम्मान किया जाए। यह विचार सोशल मीडिया पर काफी सराहा गया।

अदिति की यात्रा हर लड़की और युवाओं को यह प्रेरणा देती है कि अगर सही सोच, मार्गदर्शन और दृण निश्चय के साथ आप काम करेंगे तो दुनिया की कोई भी ताक़त आपको ऊँचाइयों को छूने से नहीं रोक सकती। विदेश की सुविधाएँ छोड़कर मातृभूमि की सेवा का जो संकल्प उन्होंने लिया, वही उन्हें खास बनाता है। उनकी सोच बताती है कि प्रशासन में केवल पद नहीं, बल्कि संवेदनशील दृष्टिकोण और सकारात्मक मानसिकता ही असली ताकत है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें सरकारी योजनाएं 

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

 

IAS कार्बन क्रेडिट