IAS ऋषव गुप्ता: दिल की बात सुनी और सॉफ्टवेयर फील्ड छोड़कर पकड़ी प्रशासनिक सेवा की राह

साधारण परिवार से निकलकर ऋषव गुप्ता ने मेहनत और लगन के बल पर आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और सिविल सेवा में सफलता हासिल की। अपने दूसरे प्रयास में ऋषव गुप्ता अखिल भारतीय रैंक 37 पाकर IAS बने।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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IAS Rishav Gupta
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हर इंसान का सपना होता है कि वह जीवन में कुछ बड़ा करे, लेकिन कुछ ही लोग अपनी मेहनत और लगन से ऐसा मुकाम हासिल कर पाते हैं जो समाज के लिए प्रेरणा बन जाएं। ऋषव गुप्ता उन्हीं चुनिंदा लोगों में से एक हैं, जिन्होंने साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर अपनी शिक्षा और दृढ़ निश्चय के बल पर न सिर्फ अकादमिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि आगे चलकर सिविल सेवा में करियर बनाने का सपना भी साकार किया।

ऋषव गुप्ता की पारिवारिक पृष्ठभूमि

आईएएस ऋषव गुप्ता का संबंध एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से है। उनका जन्म हरियाणा के छोटे से कस्बे चंडीमंदिर में हुआ। उनके पिता केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) में इंजीनियर थे और माता एक गृहिणी हैं। उनकी पत्नी भव्या मित्तल भी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी हैं और वर्तमान में खरगोन कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।

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शैक्षणिक यात्रा

ऋषव गुप्ता ने वर्ष 2004 में सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, पंचकूला से हाई स्कूल की परीक्षा 95.8% अंकों के साथ उत्तीर्ण की। वर्ष 2006 में उन्होंने मोतीराम आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चंडीगढ़ से 89% अंकों के साथ इंटरमीडिएट पूरा किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), दिल्ली से विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में वर्ष 2010 में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.Tech) की डिग्री प्राप्त की। स्नातक के बाद उन्होंने रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड के ग्लोबल बैंकिंग एंड मार्केट्स डिवीजन में सॉफ़्टवेयर एनालिस्ट के रूप में कार्य किया।

सिविल सेवा की ओर रुझान

IAS  ऋषव गुप्ता बताते हैं— इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मेरा करियर तो आगे बढ़ रहा था, लेकिन मन हमेशा समाजसेवा की ओर खिंचता था। इसी कारण मैंने दिल की आवाज़ सुनी और सिविल सेवा की तैयारी आरंभ की।
वर्ष 2012 में वे अंतिम सूची में स्थान नहीं बना सके, किंतु हिम्मत नहीं हारी। 2013 में तीसरी बार प्रयास किया और अखिल भारतीय रैंक 37 हासिल कर IAS बने। इसी वर्ष उनका चयन भारतीय वन सेवा (IFS) में भी हुआ था, जहाँ उन्होंने सातवीं रैंक प्राप्त की, किंतु उन्होंने IAS सेवा को चुना।

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शतरंज खेलने के शौकीन हैं

IAS  ऋषव गुप्ता को शतरंज खेलना, किताबें पढ़ना और इंटरनेट सर्फिंग बेहद पसंद है। इसके अलावा उन्हें चारकोल पेंटिंग, फोटोग्राफी, फिल्में देखना, संगीत सुनना और हास्य चुटकुले साझा करना भी पसंद है। वे स्वामी विवेकानंद, इंफोसिस के संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति और “मेट्रो मैन” ई. श्रीधरन से प्रेरित हैं।

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अभ्यर्थियों के लिए सुझाव

कोचिंग अनिवार्य नहीं – ऋषव मानते हैं कि कोचिंग संस्थान सही दिशा दिखा सकते हैं, परंतु वास्तविक सफलता केवल आत्म-परिश्रम से मिलती है।
इंटरनेट का सही उपयोग – तैयारी में इंटरनेट उपयोगी है, लेकिन अति प्रयोग समय की बर्बादी है। अच्छे समाचार पत्र जैसे द हिंदू और द इंडियन एक्सप्रेस अवश्य पढ़ें और सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखें।
समय के अनुसार खुद को ढालें – उम्मीदवारों को यूपीएससी द्वारा होने वाले बदलावों के अनुरूप स्वयं को ढालने की क्षमता होनी चाहिए। उत्तर लेखन में प्रारूप, शब्द सीमा, समय सीमा और अंकन पद्धति को ध्यान में रखते हुए लचीलापन दिखाना चाहिए।
अध्ययन सामग्री सीमित रखें – अनेक किताबें व स्रोत इकट्ठा करने की बजाय आवश्यक सामग्री को चुनें और उसे बार-बार दोहराएं। विषय का चयन करते समय अच्छे से सोच-विचार कर लें। दूसरों को देखकर कोई भी विषय नहीं लें। 
सटीक उत्तर लिखें – परीक्षा में जितना पूछा जाए उतना ही लिखें, अतिरिक्त ज्ञान दिखाने से अंक नहीं मिलते।
लोगों से बात करें- भले ही पढ़ाई अकेले करें लेकिन बीच-बीच में साथ में तैयारी कर रहे दोस्तों से मिलते रहे, परीक्षा के बारे में चर्चा करते रहें। 
माइंड मैप का प्रयोग करें – यह पुनरावलोकन में अत्यंत सहायक होता है।

कोविड काल में अमेरिका में रह रहे दोस्तों से जुटाया फण्ड

ज़िला पंचायत सीईओ मंदसौर के रूप में सीईओ ऋषव गुप्ता ने अमेरिका में रह रहे मित्रों की मदद से 50 लाख रुपए  इकट्ठा किए और उससे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए।

स्मार्ट सिटी अवार्ड 

इंदौर स्मार्ट सिटी के सीईओ  रहते हुए, उनके कार्य को कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिंग मैकेनिज्म अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग

देवास कलेक्टर रहते हुए उन्होंने अमृत संचय योजना के तहत रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग द्वारा करोड़ों लीटर पानी बचाने का अभियान चलाया। इसके लिए इंडस्ट्री, स्कूल्स के साथ शुरुआत की गई, उसके बाद सरकारी बिल्डिंग में अनिवार्य किया गया। कुछ ही महीनों में 200 करोड़ लीटर से ज्यादा पानी बचाया। 

Rishav Gupta

करियर एक नजर में 

नाम: ऋषव गुप्ता
जन्म: 12 अक्टूबर 1988
बैच: 2014
जन्म स्थान: चंडी मंदिर, हरियाणा
वर्तमान पद: कलेक्टर, खंडवा

पदस्थापनाएँ

वर्तमान में ऋषव गुप्ता खंडवा कलेक्टर हैं। इसके पहले वो कलेक्टर देवास, सीईओ इंदौर स्मार्ट सिटी, जिला पंचायत सीईओ मंदसौर एवं राजगढ़, तथा एसडीएम धार रह चुके हैं। 

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देखें ऋषव गुप्ता का सर्विस प्रोफाइल: Updated: August 19

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FAQ

ऋषव गुप्ता IAS अभ्यर्थियों के लिए कौन-सी अध्ययन रणनीति सुझाते हैं?
वे सीमित अध्ययन सामग्री पर ध्यान देने, द हिंदू और द इंडियन एक्सप्रेस जैसे अखबार पढ़ने, और बार-बार संशोधन (revision) करने की सलाह देते हैं।
UPSC तैयारी में इंटरनेट का उपयोग ऋषव गुप्ता कैसे करने की सलाह देते हैं?
उनका कहना है कि इंटरनेट UPSC तैयारी में अनिवार्य है, लेकिन इसे विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना चाहिए। बेकार की सर्फिंग से बचना और केवल प्रमाणिक स्रोतों पर भरोसा करना जरूरी है।
UPSC अभ्यर्थियों के लिए ऋषव गुप्ता का मुख्य संदेश क्या है?
उनका संदेश है कि UPSC के बदलते पैटर्न के अनुसार खुद को ढालें, सीमित समय में गुणवत्तापूर्ण उत्तर लिखें और निरंतरता बनाए रखें।
लोग IAS ऋषव गुप्ता की कार्यशैली को कैसे देखते हैं?
आम जनता उन्हें सरल, ईमानदार और जनता से जुड़ा अधिकारी मानती है, जो सीधे संवाद पर भरोसा करते हैं।
वर्तमान में ऋषव गुप्ता किस पद पर कार्यरत हैं?
वर्तमान में वो खंडवा जिले के कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।
क्या ऋषव गुप्ता की पत्नी भी प्रशासनिक सेवा में हैं?
जी हाँ, उनकी पत्नी भव्या मित्तल ही IAS अधिकारी हैं और वर्तमान में खरगोन जिले की कलेक्टर हैं।

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IAS खरगोन कलेक्टर आईएएस ऋषव गुप्ता