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आज की तारीख का इतिहास:भारत के इतिहास में 18 सितंबर 2016 की सुबह एक ऐसी तारीख है जिसे कोई भी भारतीय भूलना नहीं चाहता। जम्मू-कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के बेस कैंप पर एक कायरतापूर्ण आतंकी हमला हुआ।
इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। लेकिन यह कहानी सिर्फ एक हमले की नहीं है। यह कहानी है भारतीय सेना के अदम्य साहस, जांबाजी और दुश्मन को उसी की मांद में घुसकर जवाब देने की।
यह कहानी है 'सर्जिकल स्ट्राइक' की, जिसने दुनिया को दिखा दिया कि भारत अपने जवानों के बलिदान का बदला लेना जानता है। आज हम आपको उस दर्दनाक सुबह से लेकर उसके बाद की गौरवशाली रात तक की पूरी कहानी बताएंगे। यह कहानी उन वीर जवानों के बलिदान और उनके परिवारों के अदम्य साहस की है।
उरी हमला: 18 सितंबर की सुबह
सुबह के करीब 5:30 बजे थे जब उरी (Uri) के आर्मी बेस कैंप में ड्यूटी पर तैनात जवानों को अचानक फायरिंग और धमाकों की आवाज सुनाई दी। अंधेरे और धुंध का फायदा उठाकर, जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के चार आतंकी बेस कैंप में घुस चुके थे।
वे पूरी तरह से हथियारों और गोला-बारूद से लैस थे। उनके पास AK-47 राइफलें, ग्रेनेड और ज्वलनशील पदार्थ थे। आतंकियों का पहला निशाना वो टेंट थे, जहां जवान सो रहे थे।
उन्होंने ग्रेनेड फेंके, जिससे टेंटों में आग लग गई। जवानों को संभलने का भी मौका नहीं मिला। कई जवान आग की चपेट में आ गए। इस ब्रूटल अटैक से भारतीय सेना को भारी नुकसान हुआ। हमारे 19 जांबाज जवान शहीद हो गए और कई घायल हुए। यह 20 सालों में भारतीय सेना पर हुआ सबसे घातक हमला था।
हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा
जैसे ही इस हमले की खबर पूरे देश में फैली, लोग गुस्से में भर गए। हर तरफ से सरकार पर दबाव था कि इसका कड़ा जवाब दिया जाए। देश की जनता ने अपने जवानों के बलिदान का बदला लेने की मांग की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा, "इस कायरतापूर्ण हमले के पीछे जो भी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।" रक्षा मंत्री और सेना के शीर्ष अधिकारियों ने तुरंत एक हाई -लेवल मीटिंग बुलाई।
यह सिर्फ एक सैन्य हमला नहीं था बल्कि भारत की संप्रभुता और नेशनल प्राइड पर एक हमला था। सरकार ने तय किया कि सिर्फ कंडेमन करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि एक ऐसा जवाब देना होगा जो दुश्मन को हमेशा के लिए एक सबक सिखाए।
सर्जिकल स्ट्राइक से बदला लेने की कहानी
उरी हमले के 10 दिन बाद 28-29 सितंबर की रात, भारत ने अपने इतिहास का सबसे बोल्ड और स्ट्रेटेजिक मिलिट्री ऑपरेशन लॉन्च किया। इसका नाम था 'सर्जिकल स्ट्राइक' (Surgical Strike)। यह सिर्फ एक मिलिट्री ऑपरेशन नहीं था, बल्कि एक मास्टर प्लान था जिसे बहुत ही सीक्रेट तरीके से अंजाम दिया गया था।
भारतीय सेना के स्पेशल फोर्सेज के कमांडो ने नियंत्रण रेखा (Line of Control - LOC) पार करके पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में घुसपैठ की। उनका लक्ष्य था उन टेररिस्ट लांच पैड्स को तबाह करना, जहां से ये आतंकी भारत में घुसपैठ की तैयारी करते थे।
प्लानिंग और एग्जीक्यूशन
सेना ने हमले से पहले सभी खुफिया जानकारी जुटाई।
रात के अंधेरे में, विशेष कमांडो टीमों ने LOC पार की।
उन्होंने 7 टेररिस्ट लांच पैड्स पर एक साथ हमला किया।
यह ऑपरेशन बेहद प्रिसिशन के साथ किया गया था, ताकि किसी भी सिविलियन को नुकसान न पहुंचे।
ऑपरेशन का नतीजा
भारतीय कमांडो ने सभी लांच पैड्स को पूरी तरह से तबाह कर दिया।
इस दौरान 38 से अधिक आतंकी मारे गए।
सबसे बड़ी बात, इस ऑपरेशन में भारत का कोई भी जवान घायल नहीं हुआ और सभी सुरक्षित वापस लौट आए।
अगली सुबह, जब भारत ने इस सर्जिकल स्ट्राइक की घोषणा की, तो पूरी दुनिया हैरान रह गई। यह पहली बार था जब भारत ने पाकिस्तान को उसकी सीमा में घुसकर सीधे जवाब दिया था। इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य ताकत और रेसोल्व को दुनिया के सामने रखा।
उरी हमले के बाद का भारत
उरी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति में एक बड़ा बदलाव किया।
कड़ा रुख: भारत ने दुनिया के सामने आतंकवाद के मुद्दे को मजबूती से रखा और पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश की।
सैन्य रणनीति में बदलाव: सर्जिकल स्ट्राइक ने दिखाया कि भारत अब defensive नहीं, बल्कि ओफ्फेंसीव मोड में आ गया है।
राष्ट्रवाद की भावना: इस घटना ने पूरे देश में एकता और देशभक्ति की एक लहर पैदा की।
उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक
इस घटना के बाद, बॉलीवुड ने भी 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' (Uri: The Surgical Strike) जैसी फिल्म बनाई, जिसने इस ऑपरेशन को आम लोगों तक पहुंचाया।
फिल्म में कहा गया डायलॉग 'How's the Josh?' युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ और एक तरह से देश की भावना का प्रतीक बन गया।
यह घटना हमें सिखाती है कि हमारे सैनिक देश की रक्षा के लिए हर पल तैयार रहते हैं, और उनके बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। यह कहानी है हमारे हीरोज की, जिन्होंने अपने खून से भारत की संप्रभुता की रक्षा की।
संदर्भ (References):
- रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की आधिकारिक विज्ञप्तियां
- भारतीय सेना के आधिकारिक बयान
- प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट्स (जैसे PTI, ANI, Reuters)
18 सितंबर का इतिहास
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 18 सितंबर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 18 सितंबर को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व में महत्वपूर्ण घटनाएं:
1180: फिलिप अगस्टस फ्रांस के राजा बने।
14: रोमन जनरल टिबेरियस ने अपने सौतेले पिता ऑगस्टस के बाद रोमन सम्राट का पद संभाला।
1717: लंदन में, जॉन टॉलंड ने पहला ज्ञात ड्र्यूड पुनरुद्धार समारोह आयोजित किया।
1769: मैसाचुसेट्स के जॉन हैरिस ने पहला स्पाइनेट पियानो बनाया।
1809: लंदन में रॉयल ओपेरा हाउस का दूसरा थियेटर खोला गया, जिसे एक साल पहले जलकर नष्ट हुए थिएटर की जगह बनाया गया था।
1810: चिली ने स्पेन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।
1812: मॉस्को में लगी भीषण आग से शहर का 75% हिस्सा जल गया और 12,000 लोगों की मौत हुई।
1821: मैसाचुसेट्स में एमहर्स्ट कॉलेज की स्थापना हुई।
1842: पिट्सबर्ग पोस्ट-गैजेट का पहला संस्करण प्रकाशित हुआ।
1851: अमेरिका के सबसे बड़े महानगरीय समाचार पत्रों में से एक, द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपना पहला प्रकाशन शुरू किया।
1873: अमेरिकी बैंक जे कुक एंड कंपनी के दिवालिया होने से 1873 का वित्तीय संकट शुरू हुआ।
1879: इंग्लैंड के ब्लैकपूल शहर में 'ब्लैकपूल इल्युमिनेशन' नाम का पहला लाइट शो शुरू हुआ, जिसे "पृथ्वी पर सबसे बड़ा मुफ्त प्रकाश शो" कहा जाता है।
1889: संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे प्रभावशाली घर, शिकागो में हॉल हाउस खोला गया।
1895: डैनियल डेविड पामर ने पहली बार चिरोप्रैक्टिक थेरेपी का सफल प्रयोग किया।
1910: चिली ने स्पेन से आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाई।
1918: प्रथम विश्व युद्ध में डोब्रो पोल की लड़ाई में सेंट्रल पावर्स की हार के बाद बुल्गारिया युद्ध से बाहर हो गया, जिससे वर्दार मैसेडोनिया की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हुआ।
1919: हॉलैंड में महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला।
1922: हंगरी लीग ऑफ नेशंस में शामिल हुआ।
1926: अमेरिका के मियामी में आए चक्रवाती तूफान से 250 लोगों की जान गई।
1939: नाजी जर्मनी का रेडियो कार्यक्रम 'जर्मनी कॉलिंग' यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए प्रसारण शुरू किया।
1942: अमेरिकी पनडुब्बियों ने प्रशांत महासागर में चार और जापानी जहाजों को डुबो दिया और चार अन्य को क्षतिग्रस्त कर दिया।
1947: अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लागू हुआ, जिसके तहत संयुक्त राज्य वायु सेना को सेना की एक अलग शाखा बनाया गया और केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) की स्थापना हुई।
1955: यूनाइटेड किंगडम ने रॉकॉल के निर्जन द्वीप को अपने क्षेत्र में शामिल किया।
1961: संयुक्त राष्ट्र महासचिव डैग हैमरस्कॉल्ड को ले जा रहा विमान रोडेशिया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें उनकी और 15 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई।
1961: तत्कालीन सोवियत संघ ने नोवाया जेमल्या में एक परमाणु परीक्षण किया।
1967: नागालैंड ने अंग्रेजी को अपनी आधिकारिक भाषा घोषित किया।
1973: भावी अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने दावा किया कि उन्होंने अक्टूबर में एक अज्ञात उड़ती वस्तु (UFO) देखी थी।
1974: होंडुरास में आए तूफान 'फ़िफी' ने 24 घंटों में 182 शहरों को नष्ट कर दिया, जिससे 8,000 से अधिक लोगों की मौत हुई।
1988: बर्मा ने अपना संविधान रद्द कर दिया।
1997: संयुक्त राज्य अमेरिका ने 'होलोग' नाम से एक भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
1998: इंटरनेट डोमेन नाम और IP पते के प्रबंधन के लिए गैर-लाभकारी संगठन ICANN की स्थापना हुई।
2003: ढाका और अगरतला के बीच बस सेवा शुरू हुई।
2005: वाइस एडमिरल थाड एलन ने चेतावनी दी कि न्यू ऑरलियन्स का पानी अभी भी पीने योग्य नहीं है।
2007: पेरू में एक कथित उल्कापिंड गिरने के बाद सैकड़ों ग्रामीण बीमार हो गए।
2008: सोमालिया के तट पर समुद्री लुटेरों ने 25 नाविकों के साथ एक ग्रीक जहाज का अपहरण कर लिया।
2009: पोलैंड में एक कोयला खदान में मीथेन गैस के विस्फोट से 12 खनिकों की मौत हो गई।
2010: न्यूजीलैंड में आए एक बड़े तूफान से 100,000 लोगों की बिजली गुल हो गई और एक स्टेडियम की छत उड़ गई।
2011: 16 साल की उम्र में लेक्सी थॉम्पसन LPGA क्लासिक जीतकर LPGA इवेंट जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं।
2013: Apple ने अपने मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम iOS 7 को लॉन्च किया, जिसमें नए यूजर इंटरफ़ेस और अपग्रेड शामिल थे।
2014: बौनी आकाशगंगा M60-UCD1 को सबसे छोटी आकाशगंगा के रूप में खोजा गया, जिसके केंद्र में एक सुपर विशाल ब्लैक होल है।
324: कॉन्स्टेंटाइन द ग्रेट ने लाइसिनियस को हराकर रोमन साम्राज्य पर अपना एकमात्र नियंत्रण स्थापित किया और टेट्रार्की को समाप्त कर दिया।
भारत में महत्वपूर्ण घटनाएं:
- 1891: रियर एडमिरल मैक्सवेल ने बताया कि पहली श्वेत महिला एक भारतीय प्रमुख बनी।