आज का इतिहास: स्वर्ण मंदिर में हुई सिखों के पवित्र धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना

आज के दिन ही सिखों के पवित्र धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना अमृतसर के श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) में की गई। ऐसे में यह दिन सिख धर्म के लिए काफी खास माना जाता है।

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Dablu Kumar
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आज का इतिहास:27 अगस्त, 1604 को आज ही के दिन सिखों के पवित्र धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना अमृतसर के श्री हरमंदिर साहिब (जिसे स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है) में की गई थी।

यह दिन सिख धर्म के इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है। इस दिन पांचवें सिख गुरु, गुरु अर्जन देव जी ने इस पवित्र ग्रंथ को पहली बार हरमंदिर साहिब में स्थापित किया। आइए जानें इस मंंदिर के इतिहास के बारे में...

गुरु ग्रंथ साहिब के बारे में 

गुरु ग्रंथ साहिब पहले आदि ग्रंथ के नाम से जाना जाता था। इसका संकलन (इकट्ठा करना) गुरु अर्जन देव जी ने 1601 से 1604 के बीच किया। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती चार गुरुओं (गुरु नानक देव, गुरु अंगद देव, गुरु अमर दास, और गुरु राम दास) की वाणियों को एकत्र किया।

इसके अलावा उन्होंने इस ग्रंथ में हिंदू और मुस्लिम संतों जैसे भगत कबीर, भगत रविदास, बाबा फरीद और भगत नामदेव की रचनाओं को भी शामिल किया।

इस तरह यह ग्रंथ केवल सिख गुरुओं की शिक्षाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें उस समय के विभिन्न आध्यात्मिक विचारकों की शिक्षाएं भी समाहित हो गईं, जो मानवता और सार्वभौमिक मूल्यों पर जोर देती थीं।

गुरु अर्जन देव जी ने इस कार्य में भाई गुरदास जी को मुख्य लेखक के रूप में नियुक्त किया। उन्होंने पंजाब के रामसर सरोवर के किनारे बैठकर इस पवित्र ग्रंथ का संकलन पूरा किया।

इस ग्रंथ को बहुत ही व्यवस्थित तरीके से संकलित किया गया है, जिसमें सभी रचनाओं को उनके रागों (शास्त्रीय संगीत की धुन) के अनुसार अलग-अलग किया गया है। इसमें कुल 1430 पृष्ठ हैं और हर पृष्ठ को अंग कहा जाता है।

हरमंदिर साहिब में स्थापना

जैसे ही आदि ग्रंथ का संकलन पूरा हुआ, गुरु अर्जन देव जी ने इसे अमृतसर ले जाने का फैसला किया। 27 अगस्त, 1604 को इस पवित्र ग्रंथ को एक पालकी में रखकर बड़े सम्मान के साथ हरमंदिर साहिब ले जाया गया। बाबा बुद्ध जी, जो सिख धर्म के एक पूजनीय व्यक्ति थे। उनको हरमंदिर साहिब का पहला ग्रंथी (पवित्र ग्रंथ का संरक्षक और पाठक) नियुक्त किया गया।

इस दिन गुरु अर्जन देव जी ने हरमंदिर साहिब के अंदर स्वयं बैठने के बजाय आदि ग्रंथ को अपने आसन से ऊपर रखा। इस कार्य ने यह स्थापित कर दिया कि गुरु ग्रंथ साहिब, सिख धर्म में सर्वोच्च अधिकार है और गुरुओं की शिक्षाओं का प्रतीक है।

गुरु ग्रंथ साहिब सिखों के लिए क्यों है अहम

जीवित गुरु: 1708 में, सिखों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने आदि ग्रंथ को गुरु ग्रंथ साहिब नाम दिया और इसे सिखों का शाश्वत और जीवित गुरु घोषित किया।

 | अमृतसर स्वर्ण मंदिर

उन्होंने कहा कि उनके बाद कोई भी मानव गुरु नहीं होगा और सिख समुदाय को मार्गदर्शन के लिए गुरु ग्रंथ साहिब में निहित शिक्षाओं का पालन करना चाहिए।

सार्वभौमिक संदेश: गुरु ग्रंथ साहिब में प्रेम, समानता, निस्वार्थ सेवा और एक ही ईश्वर में विश्वास का संदेश निहित है। यह जाति, धर्म या लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव का विरोध करता है।

दैनिक जीवन का आधार: गुरु ग्रंथ साहिब की वाणियां सिखों के दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। "गुरबानी" के रूप में जानी जाने वाली ये रचनाएं सिखों को प्रार्थना, चिंतन और आध्यात्मिक विकास के लिए प्रेरित करती हैं।

ऐतिहासिक पुस्तकें:

  • "द सिख्स" (The Sikhs) - खुशवंत सिंह द्वारा: यह पुस्तक सिख इतिहास का एक प्रामाणिक और विस्तृत विवरण देती है, जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब के संकलन पर भी चर्चा की गई है।
  • "ए हिस्ट्री ऑफ द सिख्स" (A History of the Sikhs) - डॉ. हरि राम गुप्ता द्वारा: इस पुस्तक में सिख धर्म के विकास और प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं को गहराई से समझाया गया है।

आज की तारीख का इतिहास

27 अगस्त 1604: सिखों के पवित्र धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना अमृतसर के श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) में की गई।

27 अगस्त 1781: हैदर अली ने ब्रिटिश सेना के खिलाफ पल्लीलोर का युद्ध लड़ा।

27 अगस्त 1859: टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के पुत्र और प्रसिद्ध उद्योगपति सर दोराबजी टाटा का जन्म हुआ। उन्होंने ही टाटा स्टील की नींव रखी।

27 अगस्त 1870: भारत के पहले मजदूर संगठन के रूप में श्रमजीवी संघ की स्थापना की गई, जिसने देश में श्रमिक आंदोलन की नींव रखी।

27 अगस्त 1908: क्रिकेट के महान बल्लेबाज सर डॉन जॉर्ज ब्रैडमैन का जन्म हुआ। उन्हें क्रिकेट इतिहास के सबसे महानतम खिलाड़ियों में से एक माना जाता है।

27 अगस्त 1939: जेट ईंधन से चलने वाले दुनिया के पहले विमान ने जर्मनी से अपनी पहली उड़ान भरी।

27 अगस्त 1972: भारतीय पेशेवर पहलवान और लिफ्टर दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली का जन्म हुआ।

27 अगस्त 1976: भारतीय सशस्त्र सेना की पहली महिला जनरल मेजर जनरल जी. अली राम को मिलिट्री नर्सिंग सेवा का निदेशक नियुक्त किया गया।

27 अगस्त 1979: ब्रिटेन की महारानी के चचेरे भाई लॉर्ड लुईस माउंटबेटन की आयरलैंड में एक बम धमाके में हत्या कर दी गई।

27 अगस्त 1999: भारत ने कारगिल संघर्ष के दौरान बंदी बनाए गए पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा किया।

27 अगस्त को भारत और विश्व के नजरिए से क्यों याद रखा जाना चाहिए

भारत के नजरिए से:

  • धार्मिक महत्व: यह दिन सिख धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन उनके पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना हरमंदिर साहिब में हुई थी।
  • औद्योगिक और श्रम आंदोलन का इतिहास: 1859 में दोराबजी टाटा के जन्म और 1870 में भारत के पहले मजदूर संगठन 'श्रमजीवी संघ' की स्थापना ने भारत के औद्योगिक और श्रम इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा।
  • महिला सशक्तिकरण: भारतीय सशस्त्र सेना में पहली महिला जनरल मेजर जनरल जी. अली राम की नियुक्ति ने महिलाओं के लिए सैन्य क्षेत्र में नेतृत्व के दरवाजे खोले।
  • व्यक्तिगत उपलब्धियां: प्रसिद्ध पहलवान द ग्रेट खली का जन्म और पहली महिला मरीन इंजीनियर सोनाली बनर्जी जैसी उपलब्धियां इस दिन को खास बनाती हैं।

विश्व के नजरिए से:

  • क्रिकेट का इतिहास: महान क्रिकेटर सर डॉन ब्रैडमैन के जन्म ने इस दिन को खेल के इतिहास में अमर कर दिया।
  • तकनीकी प्रगति: दुनिया के पहले जेट ईंधन से चलने वाले विमान की सफल उड़ान ने विमानन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाई।
  • राजनीतिक घटनाएं: लॉर्ड माउंटबेटन की हत्या और नाइजीरिया में सैन्य तख्तापलट जैसी घटनाओं ने इस दिन को अंतरराष्ट्रीय राजनीति और इतिहास के संदर्भ में महत्वपूर्ण बना दिया।
  • ऐतिहासिक स्रोत और अनुसंधान: गुरु ग्रंथ साहिब के संकलन और हरमंदिर साहिब में इसकी स्थापना का विस्तृत विवरण सिख इतिहास और साहित्य में मिलता है। इस घटना की पुष्टि करने वाले कुछ प्रमुख स्रोत और वेबसाइटें निम्नलिखित हैं:

Reference:

  • सिख्स.ऑर्ग (Sikhs.org): यह वेबसाइट सिख धर्म के इतिहास और सिद्धांतों पर विश्वसनीय जानकारी प्रदान करती है।
  • लिंक: https://www.sikhs.org/
  • लिंक: http://www.sgpc.net/
  • एनसाइक्लोपीडिया ऑफ सिखिज्म (Encyclopedia of Sikhism)

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