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भारतीय राजनीति के इतिहास में 3 अक्टूबर 1977 का दिन एक ऐसा मोड़ है, जो न केवल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के व्यक्तिगत संघर्ष की कहानी कहता है, बल्कि लोकतंत्र की नाजुकता, राजनीतिक प्रतिशोध और जनभावनाओं के उलटफेर को भी उजागर करता है। यह वह दिन था जब जनता पार्टी की सरकार ने इंदिरा गांधी को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया। लेकिन यह गिरफ्तारी मात्र 16 घंटे चली और फिर अदालत ने उन्हें बिना शर्त रिहा कर दिया।
इस घटना ने इंदिरा गांधी की छवि को एक शहीद नेता के रूप में स्थापित कर दिया और कांग्रेस पार्टी को 1980 के चुनावों में सत्ता वापसी का रास्ता साफ कर दिया। यह कहानी है सत्ता की ऊंचाइयों से गिरावट, आपातकाल के घावों से उबरने की, और राजनीतिक बदले की जो जनता के दिलों को छू गई। आइए, इस घटना को विस्तार से समझते हैं। साथ ही, इसके राजनीतिक प्रभाव क्या पड़े।
इंदिरा गांधी पर लगे ये आरोप
3 अक्टूबर 1977 को इंदिरा गांधी को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया। केंद्र में जनता पार्टी की सरकार ने यह कदम उठाया, लेकिन यह साबित हुआ कि यह उनकी बड़ी राजनीतिक भूल थी। आरोप था कि इंदिरा ने रायबरेली चुनाव प्रचार के लिए 100 जीपें खरीदीं, जो सरकारी पैसे और उद्योगपतियों के धन से खरीदी गई थीं।
गृह मंत्री चौधरी चरण सिंह ने एक अक्टूबर को गिरफ्तारी का प्रस्ताव रखा, लेकिन तारीख बदलकर 3 अक्टूबर तय की गई। सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की और इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया। उन्हें बड़कल लेक गेस्ट हाउस ले जाना था, लेकिन न जाते हुए उन्हें किंग्सवे कैंप पुलिस लाइन में रखा गया।
4 अक्टूबर को इंदिरा गांधी हुईं रिहा
4 अक्टूबर को मजिस्ट्रेट ने मामले में कोई ठोस सबूत न होने पर इंदिरा गांधी को रिहा कर दिया और यह घटना इंदिरा की राजनीतिक ताकत को और बढ़ा गई।
यह गिरफ्तारी आपातकाल की नाराजगी और सत्ता में बदलाव के कारण भी थी, लेकिन इसका उलटा असर हुआ। 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारी जीत दर्ज की, और इंदिरा गांधी फिर प्रधानमंत्री बनीं। इस राजनीतिक गलती को "ऑपरेशन ब्लंडर" कहा गया।
इंदिरा गांधी पर चुनावी धोखाधड़ी का लगा आरोप
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इंदिरा गांधी का राजनीतिक सफर एक रोमांचक कहानी जैसा था। उनका जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। उनका पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू था, जो बाद में इंदिरा गांधी के नाम से प्रसिद्ध हुईं। वे अपने पिता, पं. जवाहरलाल नेहरू की विरासत को आगे बढ़ाने वाली भारतीय राजनीति की महत्वपूर्ण शख्सियत बन गईं। 1966 में वे भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं, जैसे हरित क्रांति और बांग्लादेश मुक्ति युद्ध, जिनमें उन्हें सफलता मिली। हालांकि, 1971 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से जीतने के बाद एक चुनाव याचिका ने उनके राजनीतिक करियर को संकट में डाल दिया। विपक्षी नेता राज नारायण ने इंदिरा गांधी पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप लगाया, और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 जून 1975 को उनका चुनाव रद्द कर दिया और छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी।
25 जून को लागू हुआ आपातकाल
यह फैसला इंदिरा गांधी के लिए एक बड़ा राजनीतिक संकट बन गया, क्योंकि इससे उनकी सरकार गिरने का खतरा था। इस स्थिति से निपटने के लिए, 25 जून 1975 को उन्होंने आंतरिक अशांति के नाम पर आपातकाल लागू कर दिया। इस आपातकाल के दौरान संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस पर सेंसरशिप लगाई गई, और विपक्षी नेताओं, छात्रों, और पत्रकारों को जेलों में डाल दिया गया। इस दौरान कई प्रमुख नेता, जैसे जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई और अटल बिहारी वाजपेयी को गिरफ्तार कर लिया गया।
राजनारायण से हार गईं इंदिरा गांधी
आपातकाल के दौरान, संजय गांधी के नेतृत्व में एक विवादास्पद नसबंदी अभियान चलाया गया, जिसमें लाखों लोगों को मजबूरी में नसबंदी करवाई गई, जो बहुत ही दर्दनाक था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1.1 लाख से ज्यादा लोग बिना किसी मुकदमे के जेल में डाले गए।
लेकिन 1977 में इंदिरा गांधी ने चुनाव कराने का निर्णय लिया। उन्हें लगा था कि उनके विकास कार्यों के कारण लोग उनका समर्थन करेंगे। लेकिन मार्च 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा। जनता पार्टी गठबंधन ने 295 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 154 सीटें मिलीं। इंदिरा गांधी रायबरेली से राजनारायण से 55,000 वोटों से हार गईं।
इसके बाद, मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने, और चौधरी चरण सिंह गृह मंत्री। जनता पार्टी की सरकार का मुख्य उद्देश्य आपातकाल की जांच करना था, और इसके लिए शाह कमीशन का गठन किया गया। लेकिन इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी की योजना पहले से ही बन चुकी थी।
चुनावी हार के बाद, इंदिरा गांधी ने फिर से रैलियां शुरू कीं। बिहार के बेलछी गांव में दलितों की हत्या के बाद, इंदिरा गांधी हाथी पर सवार होकर वहां पहुंचीं, जिससे उनकी 'जन-नेत्री' की छवि और भी मजबूत हो गई।
चरण सिंह ने उठाए कड़े कदम
जनता पार्टी को यह डर था कि इंदिरा गांधी फिर से राजनीति में वापसी कर सकती हैं। इस कारण, गृह मंत्री चरण सिंह ने कड़े कदम उठाए। अगस्त 1977 में इंदिरा गांधी के करीबी सहयोगियों जैसे पी.सी. सेठी, यशपाल कपूर और आर.के. धवन को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
यह जनता पार्टी का पहला बड़ा कदम था, लेकिन इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने का फैसला अक्टूबर तक टल गया। इसका कारण था राजनीतिक जोखिम। मोरारजी देसाई कानून का पालन करना चाहते थे, जबकि चरण सिंह बदला लेना चाहते थे।
ऑपरेशन ब्लंडर दिया गया नाम
इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी की योजना को 'ऑपरेशन ब्लंडर' कहा गया, क्योंकि यह जनता पार्टी की सबसे बड़ी राजनीतिक गलती साबित हुई।
सीबीआई ने दो मामले तैयार किए। पहला मामला था 1971 के चुनाव प्रचार में 104 जीपें खरीदने का। आरोप था कि इंदिरा गांधी और उनके सहयोगी पी.सी. सेठी ने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए कंपनियों को दबाव डालकर जीपें दान करवाईं। यह भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आता था।
दूसरा मामला था ऑयल एंड नेचुरल गैस कमीशन (ONGC) द्वारा फ्रांसीसी कंपनी, फ्रांसेज़ दे पेट्रोल (CFP) को 17 मिलियन डॉलर का ठेका देने का। आरोप था कि इंदिरा गांधी और पेट्रोलियम मंत्री ने जानबूझकर अमेरिकी कंपनी, जियोमैन सर्विसेज को नजरअंदाज किया, जो 4 मिलियन डॉलर में काम करने को तैयार थी, और फ्रांसीसी कंपनी को अनुचित कारणों से चुना।
गांधी जयंती के अगले दिन गिरफ्तारी
इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी की योजना 1 अक्टूबर 1977 को तय थी, लेकिन चरण सिंह की पत्नी गायत्री देवी ने कहा कि शनिवार को समस्या हो सकती है, इसलिए 2 अक्टूबर गांधी जयंती थी, तो गिरफ्तारी 3 अक्टूबर को करने का निर्णय लिया गया। सीबीआई अधिकारी एन.के. सिंह को जिम्मेदारी दी गई, और डीआईजी राजपाल तथा एडिशनल एसपी किरण बेदी को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया। इंदिरा गांधी को हरियाणा के बड़कल लेक गेस्ट हाउस ले जाना था।
3 अक्टूबर 1977 को, शाम करीब 6 बजे, सीबीआई की टीम इंदिरा के घर, 12 विलिंगटन क्रिसेंट पहुंची। वहां इंदिरा के बेटे राजीव, संजय, बहुएं सोनिया और मेनका मौजूद थे। एन.के. सिंह ने गिरफ्तारी का वारंट दिखाया। इंदिरा ने कहा, "मुझे हथकड़ी लगाकर ले जाओ, ताकि दुनिया देखे कि लोकतंत्र के साथ क्या हो रहा है।" लेकिन पुलिस ने मना कर दिया।
बाहर हजारों समर्थक इंदिरा गांधी के समर्थन में इकट्ठा हो गए और नारे लगाने लगे- इंदिरा गांधी जिंदाबाद! पुलिस ने इंदिरा को गाड़ी में बैठाया, लेकिन रास्ते में जब भीड़ ने गाड़ी रोकी, तो इंदिरा को किंग्सवे कैंप की न्यू पुलिस लाइन्स ले जाना पड़ा, जहां उन्हें गजेटेड ऑफिसर्स मेस में रात बितानी पड़ी। उस रात, चार पूर्व मंत्रियों – के.डी. मालवीय, एच.आर. गोखले, पी.सी. सेठी और डी.पी. चट्टोपाध्याय – को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
इंदिरा ने एक बयान जारी किया: "यह गिरफ्तारी राजनीतिक है। मैं जनता के दुख-सुख से जुड़ी रहूंगी। शांत रहें, लेकिन हार न मानें।" न्यूयॉर्क टाइम्स ने इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी को "पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान" कहा।
अदालत का झटका और रिहाई
अगली सुबह, इंदिरा गांधी को अदालत में पेश किया गया। एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आर. दयाल यह देखकर हैरान हो गए कि आरोपों के लिए कोई ठोस सबूत नहीं थे। उन्होंने कहा, "इन आरोपों पर विश्वास करने का कोई आधार नहीं है।" इसके बाद इंदिरा गांधी को बिना शर्त रिहा कर दिया गया। यह केवल 16 घंटे की कैद थी, लेकिन इसका प्रभाव बहुत गहरा था। इंदिरा ने कहा, "यह मेरी जीत है, लोकतंत्र की जीत।"
जनता पार्टी की गलती, कांग्रेस को मिला खोया बल
यह गिरफ्तारी जनता पार्टी की पहली बड़ी गलती साबित हुई। मार्च 1977 में इंदिरा गांधी के खिलाफ गुस्सा बहुत बढ़ गया था, लेकिन अक्टूबर 1977 तक जनता पार्टी के अंदर विवाद (देसाई-चरण सिंह विवाद) होने से लोगों का विश्वास कमजोर हो गया। इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी ने उन्हें सहानुभूति दिलाई। उनके समर्थन में रैलियों में लाखों लोग उमड़ने लगे। वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा- यह गिरफ्तारी इंदिरा को हीरोइन बना देगी।
कांग्रेस में फिर से जोश आ गया। दिसंबर 1978 में इंदिरा गांधी को फिर गिरफ्तार किया गया, इस बार संसदीय विशेषाधिकार उल्लंघन के आरोप में। उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया, लेकिन 7 दिन बाद रिहा कर दिया गया।
इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी के बाद, कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने 353 सीटें जीतकर इंदिरा गांधी को फिर से प्रधानमंत्री बना दिया।
यह घटना यह दिखाती है कि राजनीतिक बदला जनता को जागरूक और सक्रिय कर सकता है। इंदिरा की गिरफ्तारी ने आपातकाल के दौरान हुए कष्टों को थोड़ा शांत किया।
लंबा असर: लोकतंत्र की सीख और इंदिरा की विरासत
इस घटना ने भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता को मजबूत किया। मजिस्ट्रेट दयाल का फैसला यह साबित करता है कि कानून, सत्ता से ऊपर है। इंदिरा गांधी की विरासत में उन्हें 'लौह महिला' के रूप में देखा जाता है- जो जेल में गईं, लेकिन उन्होंने कभी झुका नहीं। हालांकि कुछ आलोचक यह भी कहते हैं कि यह आपातकाल का बदला था।
3 अक्टूबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 3 अक्टूबर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 3 अक्टूबर को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व की महत्वपूर्ण घटनाएं
2014: स्वीडन की नई सरकार ने फिलिस्तीन को एक संप्रभु (आज़ाद) राज्य के रूप में औपचारिक रूप से मान्यता देने की घोषणा की।
2013: इटली के लैम्पेडुसा द्वीप के पास एक नाव डूबने से लगभग 134 प्रवासियों की मौत हो गई।
2013:नाइजीरिया के लागोस में एक यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें 13 लोगों की जान चली गई।
2013: एडोब (Adobe) कंपनी ने बताया कि एक सुरक्षा उल्लंघन के कारण 2.9 मिलियन ग्राहकों का डेटा चोरी हो गया, जिसमें क्रेडिट कार्ड की जानकारी भी शामिल थी।
2010: मिस्र-गाजा सीमा पर खुदाई कर रहे पुरातत्वविदों को एक संभावित दफन शहर के कुछ हिस्से मिले, जो उन्हें लगता है कि 2,000 साल से भी ज़्यादा पुराना है।
2009: पुरातत्वविदों ने स्टोनहेंज के पास एक छोटा, प्राचीन स्थल खोजा, जिसका नाम 27 पत्थरों के ढेर के कारण "ब्लूहेंज" रखा गया।
2008: अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अमेरिकी वित्तीय प्रणाली के लिए 700 अरब डॉलर के बेलआउट बिल पर हस्ताक्षर किए।
2003: पड़ोसी देश पाकिस्तान ने हल्फ़-III मिसाइल का परीक्षण किया।
2003: लास वेगास के एक कैसीनो में प्रदर्शन के दौरान, अमेरिकी मनोरंजन जोड़ी "सीगफ्रीड और रॉय" के सदस्य रॉय हॉर्न पर एक बाघ ने हमला कर दिया।
1999: परमाणु पदार्थों की आवाजाही को नियंत्रित करने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस ने संयुक्त संकट केंद्र की स्थापना की।
1995:चीन और इंग्लैंड के बीच हांगकांग के सुगम हस्तांतरण पर सहमति बनी।
1993: अमेरिकी सशस्त्र बलों ने मोगादिशु (सोमालिया) की लड़ाई में एक स्थानीय युद्ध सरदार मोहम्मद फराह एडिड के अधिकारियों को पकड़ने की कोशिश की।
1990:पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी आधिकारिक तौर पर मिलकर एक संपूर्ण संप्रभु जर्मनी बन गए। यह द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के बाद पहली बार हुआ था, और 45 वर्षों के बाद दोनों के एक होने की औपचारिक घोषणा की गई।
1989:दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
1985:अंतरिक्ष यान अटलांटिस को अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए अपने पहले अभियान पर लॉन्च किया गया, जिसमें दो सैन्य संचार उपग्रह ले जाए गए थे।
1981: बेलफास्ट की भूलभुलैया जेल में आयरिश रिपब्लिकन आर्मी के कैदियों द्वारा की गई भूख हड़ताल सात महीने और दस मौतों के बाद समाप्त हुई।
1975:बांग्लादेश के 1971 में पाकिस्तान से अलग होने के बाद, दोनों देशों ने पहली बार कूटनीतिक संबंध स्थापित किए।
1970:लेबनान के प्रधान मंत्री रशीद करमी की सरकार ने इस्तीफा दे दिया।
1963:ओसवाल्डो लोपेज़ अरेलानो ने एक हिंसक तख्तापलट में होंडुरास के राष्ट्रपति रामोन विल्डा मोरालेस को हटा दिया, जिसके बाद दो दशकों के सैन्य शासन की शुरुआत हुई।
1957: कैलिफ़ोर्निया की एक अदालत के न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि एलन गिन्सबर्ग की कविता 'हाउल' अश्लील नहीं है, बल्कि 'सामाजिक महत्व को दर्शाती' है।
1952:ग्रेट ब्रिटेन में 12 साल बाद चाय का राशन खत्म हुआ। हालांकि, मिठाई, मांस, अंडे, मक्खन और चीनी अभी भी राशन पर थे।
1942:जर्मनी ने पहली बार अपने नवीनतम रॉकेट V2 का परीक्षण किया।
1935:जनरल एमिलियो डी बोनो के नेतृत्व में इतालवी सेना ने दूसरे इटालो-एबिसिनियन युद्ध के दौरान एबिसिनिया (वर्तमान इथियोपिया) पर हमला किया।
1932:इराक, ग्रेट ब्रिटेन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करके एक संप्रभु राज्य बन गया।
1921:फसलों की विफलता के कारण रूस इतिहास के सबसे खराब अकालों में से एक का सामना कर रहा था।
1918:प्रथम विश्व युद्ध में मित्र देशों की शक्तियों के हाथों अपनी सेनाओं की हार के बाद, बुल्गारियाई ज़ार फ़र्डिनेंड प्रथम ने अपने बेटे बोरिस तृतीय के पक्ष में त्यागपत्र दे दिया।
1915: नेवादा की प्लेजेंट वैली में 7.8 रिक्टर पैमाने का भूकंप आया।
1901:मोटर साइकिल रेसिंग की शुरुआत जापान में हुई।
1863: अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने 'थैंक्सगिविंग डे' मनाए जाने की घोषणा की।
1835:जे. एस. एस. स्टैडटलेर द्वारा स्टैडटलेर कंपनी (पेंसिल निर्माता) की स्थापना जर्मनी के नूर्नबर्ग में की गई।
1783:पहला वाटरफोर्ड क्रिस्टल ग्लास बनाने वाला व्यवसाय आयरलैंड के वाटरफोर्ड में शुरू हुआ।
1735:फ्रांस और सम्राट कारेल छठे ने शांति समझौता किया।
1712: मॉन्ट्रो के राजकुमार रोब ने रॉय मैकग्रेगर की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया।
1657:फ्रांसीसी सैनिकों ने मैड्रिड पर कब्ज़ा कर लिया।
भारत की महत्वपूर्ण घटनाएं
2010:19वें राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत भारत के दिल्ली में हुई।
1984: भारत की सबसे लंबी दूरी की ट्रेन हिमसागर एक्सप्रेस, कन्याकुमारी से जम्मू तवी के लिए रवाना की गई।
1978: भारतीय राज्य कलकत्ता (अब कोलकाता) में भारत का पहला और दुनिया का दूसरा टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म हुआ।
1977: भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
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