आज का इतिहास: व्लादिमीर पुतिन का जन्मदिन आज, जानें KGB एजेंट से कैसे बने रूस के सबसे ताकतवर नेता

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का जन्मदिन है। उनका जन्म 7 अक्टूबर 1952 को हुआ। पुतिन ने अपनी मेहनत और ताकत से रूस की राजनीति को नया रूप दिया। साथ ही, पूरी दुनिया में रूस को एक अलग पहचान दी।

author-image
Dablu Kumar
New Update
putin
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

व्लादिमीर पुतिन रूस के सबसे प्रसिद्ध नेताओं में से एक हैं और पिछले 25 सालों से रूस के राष्ट्रपति रहे हैं। उनका जन्म 7 अक्टूबर 1952 को लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग) में हुआ था। पुतिन ने अपनी मेहनत और ताकत से रूस की राजनीति को नया रूप दिया। पहले वे KGB के जासूस थे, फिर प्रधानमंत्री बने और 2000 से राष्ट्रपति के रूप में सत्ता में हैं। उनकी कहानी किसी जासूसी फिल्म जैसी है। उन्होंने सख्त नीतियां अपनाई, अपनी राष्ट्रवादी छवि बनाई और विदेश नीति में आक्रामक रुख अपनाया। इसके कारण वे दुनिया भर में चर्चा में रहे। 2025 तक, पुतिन जोसेफ स्टालिन के बाद रूस के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले नेता बन गए हैं। आइए, अब हम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जिंदगी, करियर, नीतियां, विवाद और हाल की घटनाओं को आसान शब्दों में समझते हैं।

साधारण घर से सत्ता तक का सफर

पुतिन का बचपन लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग) में एक छोटे से अपार्टमेंट में बीता, जहां कई परिवार साथ रहते थे। उनके पिता, व्लादिमीर, द्वितीय विश्व युद्ध में लड़े और घायल हो गए थे, जबकि उनकी मां मारिया एक फैक्टरी में काम करती थीं। पुतिन तीन भाई थे, और वह सबसे छोटे थे, लेकिन उनके दो बड़े भाई छोटी उम्र में ही गुजर गए। उनके दादा स्पिरिडोन पुतिन सोवियत नेताओं लेनिन और स्टालिन के लिए खाना बनाते थे।

पुतिन का बचपन मुश्किलों भरा

पुतिन का बचपन मुश्किलों से भरा था। उन्होंने अपनी किताब फर्स्ट पर्सन में बताया कि उनके घर में चूहे थे, और एक बार एक चूहा उन पर हमला कर भाग गया। इससे उन्हें यह सीख मिली कि "कोने में फंसना खतरनाक होता है। स्कूल में वे औसत छात्र थे, लेकिन 12 साल की उम्र से उन्होंने जूडो और सांबो सीखा, जिससे वे शारीरिक रूप से मजबूत हो गए। यही उनकी "सख्त आदमी" वाली छवि की शुरुआत थी। हाई स्कूल में उन्होंने जर्मन भाषा सीखी, और आज भी वे इसमें धाराप्रवाह हैं।

पुतिन की निजी जिंदगी काफी रहस्यमयी रही है। 1983 में उनकी शादी ल्यूडमिला से हुई, जिनसे उनकी दो बेटियां, मारिया और एकाटेरिना हैं। हालांकि, 2013 में उनका तलाक हो गया। यह भी अफवाहें हैं कि उनका रिश्ता जिमनास्ट अलिना काबाएवा से है, लेकिन क्रेमलिन ने इसे खारिज किया है। उनकी संपत्ति भी अक्सर चर्चा में रहती है। आधिकारिक तौर पर उनके पास 4 लाख डॉलर हैं, लेकिन कुछ लोग दावा करते हैं कि उनकी असली संपत्ति 40 से 160 बिलियन डॉलर तक हो सकती है, जो पनामा पेपर्स में सामने आया था।

शिक्षा के जरिए KGB का रास्ता

1970 में पुतिन ने लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई शुरू की और 1975 में डिग्री हासिल की। उनकी थीसिस व्यापार नीतियों पर थी। वे कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने और प्रोफेसर अनाटोली सोबचाक के मार्गदर्शन में पढ़ाई की। 1997 में उन्होंने पीएचडी की, लेकिन उनकी थीसिस पर नकल करने का आरोप भी लगा।

1975 में पुतिन ने KGB (सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी) में काम करना शुरू किया। पहले उन्होंने काउंटर-इंटेलिजेंस में काम किया, फिर विदेशी नागरिकों की जासूसी की। 1985 से 1990 तक वे पूर्वी जर्मनी के ड्रेस्डेन में तैनात रहे, जहां उन्होंने स्टासी (जर्मन गुप्त पुलिस) के साथ काम किया। 1989 में जब बर्लिन दीवार गिरी, तो पुतिन ने KGB के दस्तावेजों को जला दिया। 1990 में उन्होंने KGB को छोड़ दिया, लेकिन रिजर्व में बने रहे। कुछ लोग मानते हैं कि उनका KGB करियर इतना खास नहीं था।

जब पुतिन ने रखा राजनीति में कदम

1990 में पुतिन सेंट पीटर्सबर्ग वापस लौटे और अपने पुराने मेंटर सोबचाक के साथ काम करना शुरू किया। 1994 में वे डिप्टी मेयर बने। 1996 में वे मॉस्को गए और राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के प्रशासन में शामिल हो गए। 1998 में उन्हें FSB (जो KGB का नया रूप था) का डायरेक्टर बना दिया गया। 1999 में येल्तसिन ने उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया। चेचन्या में सख्ती से काम करने के कारण उनकी लोकप्रियता बढ़ी। 31 दिसंबर 1999 को येल्तसिन के इस्तीफे के बाद पुतिन कार्यवाहक राष्ट्रपति बने।

राष्ट्रपति बनने की कहानी

2000 में पुतिन ने 53% वोटों से रूस के राष्ट्रपति के रूप में जीत हासिल की। उनके पहले कार्यकाल (2000-2004) में रूस की अर्थव्यवस्था स्थिर हुई और तेल-गैस सेक्टर मजबूत हुआ। 2004 में उन्होंने 71% वोटों से फिर से राष्ट्रपति पद पर जीत हासिल की। 2008 में संवैधानिक नियमों के कारण वे तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सके, इसलिए उनके करीबी दोस्त दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति बने और पुतिन प्रधानमंत्री रहे। 2012 में पुतिन फिर से राष्ट्रपति बने (63.6% वोट), और 2018 में चौथी बार (73.9% वोट) जीते। 2020 में संविधान में बदलाव हुआ, जिससे वे 2036 तक सत्ता में बने रह सकते हैं। 2024 में उन्होंने 88% वोटों से जीत दर्ज की, लेकिन चुनाव में धांधली के आरोप लगे।

रूस को दिया नया आकार

व्लादिमीर पुतिन का बचपन हम सभी को कैसे प्रभावित कर रहा है - ACEs Too High

पुतिन ने रूस में सारी सत्ता अपने हाथों में की, जिसे वर्टिकल पावर कहा जाता है। उन्होंने रूसी परंपराओं और रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च को बढ़ावा दिया। जनसंख्या बढ़ाने के लिए महिलाओं से 8 बच्चे पैदा करने की अपील की। LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों पर सख्ती दिखाई और समलैंगिक विवाह पर रोक लगा दी। आर्थिक दृष्टि से, उन्होंने यूरोएशियन इकोनॉमिक यूनियन की स्थापना की। चेचन्या में रामजान कादिरोव को समर्थन देकर वहां शांति स्थापित की।

विदेश नीति में पुतिन के दोस्त और दुश्मन

पुतिन की विदेश नीति का मकसद रूस को एक बड़ी वैश्विक ताकत बनाना है। शुरुआत में, अमेरिका से अच्छे रिश्ते थे, खासकर 9/11 के बाद। लेकिन 2008 के जॉर्जिया युद्ध और 2014 में क्रीमिया के रूस में शामिल होने के बाद पश्चिमी देशों से तनाव बढ़ गया। पुतिन ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को समर्थन दिया। चीन, भारत और उत्तर कोरिया के साथ उनके रिश्ते भी मजबूत हैं। 2025 में, जब ट्रंप फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बने, पुतिन ने उनकी सराहना की, लेकिन साथ ही यूक्रेन को टोमाहॉक मिसाइल देने पर चेतावनी दी।

पुतिन को दुनिया में तानाशाह कहा जाता है। फ्रीडम हाउस ने रूस को अस्वतंत्र देश बताया है। पुतिन पर विपक्षी नेताओं का दमन करने के बड़े आरोप हैं, जैसे 2015 में बोरिस नेम्त्सोव की हत्या और 2020 में एलेक्सी नवलनी को जहर देने का मामला, जिनकी 2024 में मौत हो गई। पुतिन का महल नामक 1 बिलियन डॉलर का महल भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है। 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, ICC ने पुतिन के खिलाफ युद्ध अपराधों का आरोप लगाते हुए वारंट जारी किया।

अब भी यूक्रेन से युद्ध जारी

2025 में यूक्रेन युद्ध जारी है, जिसमें रूस के 10 लाख सैनिक मारे गए हैं। मई में इस्तांबुल में शांति वार्ता हुई, लेकिन पुतिन ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर अपना दावा कायम रखा। अक्टूबर में वाल्डाई फोरम में पुतिन ने NATO को बकवास कहा और यूरोप में सैन्य ताकत बढ़ाने की आलोचना की। उन्होंने ट्रंप के ईरान पर हमलों की भी निंदा की। कुछ विशेषज्ञ, जैसे फ्रैंकलिन फोअर कहते हैं कि 21वीं सदी को पुतिन का युग कहा जा सकता है।

व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज का इतिहास आज की तारीख का इतिहास आज की यादगार घटनाएं आज के दिन की कहानी
Advertisment