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काबुल. 24 जुलाई को लगभग पूरे अफगानिस्तान में कर्फ्यू लगा दिया है। राजधानी काबुल और दो अन्य राज्यों के अलावा रात 10 बजे से सुबह 4 बजे के बीच किसी भी तरह की आवाजाही की अनुमति नहीं होगी। कुछ अमेरिकी खुफिया विशेषज्ञों को इस बात का डर है कि तालिबान छह महीने के अंदर अफगानिस्तान पर अपना कब्जा न जमा ले।
तालिबान आतंकियों ने कई जगह जमाया कब्जा
अंर्तराष्ट्रीय सैनिकों के देश से वापस जाने की घोषणा के बाद से तालिबान और अफगान सरकारी बलों के बीच पिछले दो महीनों में लड़ाई तेज हो गई है। आतंकवादी समूह ने देश के कई हिस्सों पर अपना कब्जा जमा लिया है। अमेरिका सेना की वापसी के बीच तालिबान ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ा है और प्रमुख सड़कों पर कब्जा जमा लिया है। तालिबान एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है, जिसे लगभग 20 साल पहले अमेरिका ने सत्ता से बाहर कर दिया था।
आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमला
तालिबानी लड़ाके अभी तक किसी भी बड़े शहर पर कब्जा नहीं कर पाए हैं। हिंसा को रोकने और तालिबान की गतिविधियों को सीमित करने के लिए 31 प्रांतों में एक रात का कर्फ्यू लगाया गया है। आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि काबुल, पंजशीर और नंगरहार को कर्फ्यू से छूट दी गई है। जैसे-जैसे तालिबान आगे बढ़ रहा है, कंधार शहर के बाहरी इलाके में सुरक्षाबलों के साथ भीषण लड़ाई हो रही है। जवाब में अमेरिका ने 22 जुलाई को इलाके में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ हवाई हमले किए। अफगानिस्तान में अमेरिकी ऑपरेशन आधिकारिक तौर पर 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा।