इंटरनेशनल डेस्क. युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने देश में बेहद कड़े LGBTQ विरोधी कानूनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें समलैंगिकता को लेकर मौत की सजा का भी प्रावधान शामिल है। युगांडा की सरकार ने पश्चिमी देशों की निंदा और डोनर्स से पाबंदियों का जोखिम उठाते हुए यह फैसला लिया है। 30 से अधिक अफ्रीकी देशों की तरह युगांडा में भी समलैंगिक संबंध पहले से ही अवैध है। हालांकि, नया कानून इस पर रोक को लेकर और अधिक सख्त बनाया गया है।
समलैंगिकता को बढ़ावा देने वालों को 20 साल की सजा
रिपोर्ट के मुताबिक, समलैंगिकता विरोधी नए कानून में 'सीरियल अपराधियों' के लिए मृत्युदंड की सजा का प्रावधान शामिल है। साथ ही समलैंगिक यौन संबंध के जरिए एचआईवी/एड्स जैसी लाइलाज बीमारी फैलने पर भी सख्त कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा, समलैंगिकता को बढ़ावा देने वालों के लिए 20 साल की सजा की बात कही गई है। युगांडा के मानवाधिकार कार्यकर्ता क्लेयर ब्यारुगाबा ने सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह एलजीबीटीआईक्यू समुदाय, हमारे सहयोगियों और पूरे देश के लिए काला और दुखद दिन है।
समलैंगिकता पर क्या बोले राष्ट्रपति
ब्यारुगाबा ने और अन्य कार्यकर्ताओं ने नए कानून को चुनौती देने का फैसला लिया है। वहीं, 78 वर्षीय राष्ट्रपति मुसेवेनी ने समलैंगिकता को 'सामान्य से भटकाव' करार दिया है। उन्होंने सांसदों से 'साम्राज्यवादी दबाव' का विरोध करने की अपील की। मुसेवेनी ने मार्च में पारित मूल विधेयक को सांसदों के पास वापस भेज दिया था और उनसे कुछ प्रावधानों को नरम करने के लिए कहा था। हालांकि, जिस प्रस्ताव को राष्ट्रपति की ओर से अंतिम मंजूरी मिली है, उनमें समलैंगिकता के खिलाफ नरमी तो नजर नहीं आ रही।
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युगांडा पर लग सकते हैं प्रतिबंध
मालूम हो कि युगांडा को हर साल अरबों डॉलर की विदेशी सहायता मिलती है। अब जब उसने समलैंगिकता को लेकर इतना कड़ा कानून लागू किया है तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। विधेयक के प्रायोजक असुमन बसालिरवा ने बताया कि कानून पर हस्ताक्षर होने के बाद संसद अध्यक्ष अनीता अमंग का अमेरिकी वीजा रद्द कर दिया गया। युगांडा में अमेरिकी दूतावास की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मालूम हो कि व्हाइट हाउस ने मार्च में पारित विधेयक की भी निंदा की थी।