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इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अफगानिस्तान की बिगड़ते हालात के लिए बार-बार पाकिस्तान पर आरोप लगाना सही बात नही है। इमरान ने कहा कि इस्लामाबाद हमेशा शांति और अपने पड़ोसी के लिए एक समावेशी सरकार बनाना चाहता है। इससे दोनो देशों की भलाई होगी। इमरान खान ने कहा कि तालिबान जो कर रहा है या नहीं कर रहा है उसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है और हम इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं, न ही हम तालिबान के प्रवक्ता हैं। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान में शांति चाहता है।’ खान ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए हर संभव हद तक जाने को तैयार है और रहेगा।
अफगानिस्तान को बाहर से कंट्रोल नही किया जा सकता
इमरान खान ने कहा कि अफगानिस्तान को बाहर से नियंत्रित नहीं किया जा सकता। हमारी नीति अफगानिस्तान के लोगों के साथ सबसे अच्छे संबंध रखने की है। अफगानिस्तान में अभियान चलाने के लिए पाकिस्तानी ठिकानों का इस्तेमाल करने की अमेरिका की मांग का जिक्र करते हुए खान ने कहा, ‘मैं यह समझने में नाकाम रहा हूं कि अमेरिका बाहर बैठकर अफगानिस्तान में क्या हासिल कर सकता है, क्योंकि यह 20 साल तक अफगानिस्तान के अंदर रहने के दौरान बुरी तरह से विफल रहा है।
पीएम इमरान खान ने जताया खेद
पीएम खान ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में अशांति को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए उनके देश को दोषी ठहराया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान में चल रहे गृहयुद्ध से पाकिस्तान को भला क्या लाभ ? पाकिस्तान तालिबान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के अलावा सब कुछ करेगा। अगर अफगानिस्तान में गृहयुद्ध होता, तो इसका फैलाव पाकिस्तान के कबायली इलाकों में हो जाएगा। हम इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकते। पाकिस्तान पहले ही 70,000 से अधिक पाकिस्तानियों को खो चुका है जब देश ने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले युद्ध में हिस्सा लिया था।