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जापान में युवाओं की कम होती जनसंख्या की वजह से जापान सरकार ने बड़ा फैसला लिया। सरकार ने कंपनियों को सुझाव दिया है कि वे कर्मचारियों से 5 की जगह 4 दिन काम करवाए। कर्मचारियों को किन 4 दिनों में काम करना है इसका अधिकार उन्हें दिया जाएगा। दरअसल, जापान सरकार लोगों को इतना समय देना चाहती है कि जिससे वह नौकरी,परिवार और नए स्किल सीखने के बीच सामंजस्य बैठा सके। इससे जापान सरकार की आर्थिक नीति भी जुड़ी। लेकिन इस नीति को लेकर देश में बहस छिड़ गई है।
अर्थव्यवस्था पर जोड़
योजना को लेकर जापान सरकार को उम्मीद है कि ज्यादा छुट्टी मिलने से लोग बाहर जाएंगे और खर्च करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा। छुट्टी मिलने पर युवा कपल बाहर जाएंगे। एक दूसरे से मिलेंगे। शादी करेंगे और बच्चे पैदा करेंगे। जापान में युवाओं की संख्या लगातार गिर रही है। इससे उबरना चाहती है सरकार।रिसर्च फर्म फूजित्सू के अर्थशास्त्री मार्टिन शुल्ज बताते हैं कि इस बदलाव को लेकर सरकारी गंभीर है।
सरकारी योजना का लाभ
महामारी के दौरान कंपनियों ने काम करने के नए तौर-तरीके अपनाए। वे अपने कर्मचारियों को घरों, दफ्तर से दूर किसी छोटी जगह से या फिर ग्राहकों के पास से ही काम करने को कह रही हैं, जो कई कर्मचारियों के लिए आरामदायक और इससे उत्पादकता भी बढ़ती है। जापान की कुछ कंपनियों ने सरकार की योजना का लाभ उठा भी लिया है और अब वे अपनी जगह को कम कर रही हैं।
4 दिन काम करने की वजह से घटेगी आय
कुछ अर्थशास्त्री कहते हैं कि इस योजना में खामियां हैं। जापान पहले ही कामगारों की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को यह भी फिक्र है कि कम दिन काम करने से उनकी आय भी कम हो सकती है। अपनी पढ़ाई कर रहीं जुंको को कई कंपनियां नौकरी का ऑफर दे चुकी हैं। लेकिन उन्होंने एक छोटी कंपनी को चुना है। जुंको बताती हैं- बड़ी कंपनियों में काम और जिंदगी के संतुलन बिगड़ जाता है। इसलिए उन्होंने छोटी कंपनी को चुना।
कारोशी से बचने में योजना कारगर
जापान में आमतौर पर ऐसी खबरें आती हैं कि ज्यादा काम करने से लोग बीमार हो गए या फिर तनाव के कारण कर्मचारियों ने अपनी जान दे दी। इसके लिए जापानी भाषा में एक शब्द है कारोशी। इसका अर्थ है- जरूरत से ज्यादा काम से मौत। पिछले एक साल में लोगों ने दिखा दिया है कि काम करने के लिए उन्हें पांच दिन और देर रात तक दफ्तर में मौजूद होने की जरूरत नहीं है।