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काठमांडू. नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को बड़ा झटका देते हुए नेपाल कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राष्ट्रपति के फैसले को भी पलट दिया है।
दो दिन के अंदर नए पीएम को करें नियुक्त
नेपाल के पीएम केपी शर्मा की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने पांच महीने में दूसरी बार संसद के निचले सदन को भंग कर मध्यावधि चुनाव कराने का ऐलान किया था। राष्ट्रपति के इस फैसले के विरोध में 30 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं। 12 जुलाई को इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राष्ट्रपति का फैसला पलट दिया। कोर्ट ने संसद को दोबारा बहाल कर दिया। 12 जुलाई को पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आदेश दिया कि दो दिन के अंदर नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाए।
वरिष्ठतम न्यायाधीश पीठ ने की पूरी सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछले हफ्ते इस मामले में सुनवाई पूरी की थी। पीठ में उच्चतम न्यायालय के चार और वरिष्ठतम न्यायाधीश- दीपक कुमार करकी, मीरा खडका, इश्वर प्रसाद खातीवाड़ा और डॉ.आनंद मोहन भट्टाराई शामिल थे। 22 मई को राष्ट्रपति ने पीएम ओली की 275 सदस्यीय निचली सदन को पांच महीने में दूसरी बार भंग कर दिया था। 12 और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी। चुनावों को लेकर अनिश्चितता के बीच निर्वाचन आयोग ने पिछले हफ्ते मध्यावधि चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा की थी।
विपक्षी दलों ने दायर की याचिका
विपक्षी दलों के गठबंधन की ओर से भी एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें संसद के निचले सदन की बहाली और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है। इस याचिका पर 146 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने 5 जुलाई को विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली थी। इस संबंध में चार सदस्यीय न्याय मित्र ने भी अपनी राय दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को अपना फैसला सुनाया है।