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नेपाल में नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति हो गयी। नेपाल के कांग्रेसी अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा आज शाम करीब 6 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के मुताबिक, देउबा की नियुक्ति को मंजूरी दी है। 12 जुलाई को नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2 दिन के भीतर प्रधानमंत्री बनाने का आदेश दिया था। साथ ही SC ने भंग पड़ी संसद को बहाल करने के लिए भी कहा।
भारत के लिए नरम रुख
नेपाल में पीएम पद पर 4 बार आसीन रह चुके देउबा को भारत समर्थक माना जाता है। 2017 में पीएम बनने के बाद वे दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे। देउबा भारत के साथ आर्थिक रिश्तों से लेकर मधेसियों के मामले में नरम रुख अपनाते रहे हैं। नेपाल के दक्षिणी क्षेत्र के तराई इलाके को मधेस कहा जाता है और यहां रहने वाले नेपाली मधेसी कहलाते है। मधेसी वो लोग है जो भारत से जाकर नेपाल में बस चुके हैं।
राष्ट्रपति ने 22 मई को संसद भंग कर दी थी
नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने पीएम केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर 22 मई को संसद को भंग कर दिया था। पिछले 5 महीने में नेपाली संसद को दूसरी बार भंग किया गया था। उन्होंने 12 और 19 नवंबर को चुनाव कराने की घोषणा की थी। विपक्षी पार्टियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में 30 से ज्यादा पिटीशन लगाई गई। याचिका में संसद को बहाल करने और नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री बनाने की मांग की गई।
आंतरिक कलह की वजह से नही चली सरकार
2020 के दिसंबर से नेपाल में सियासी संकट बना हुआ है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में आंतरिक कलह की वजह से सरकार नहीं चल पाई । राष्ट्रपति ने पीएम ओली की सलाह पर 20 दिसंबर को संसद भंग कर दी और 30 अप्रैल और 10 मई को चुनाव कराने की घोषणा की। लेकिन फरवरी में SC ने संसद को बहाल कर दिया।