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इस्लामाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कश्मीर के नेताओं से मीटिंग को लेकर पाकिस्तान परेशान हो गया है। मोदी इस महीने की 24 तारीख को कश्मीर गए थे। वहां उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की थी। 8 दलों के 14 नेता मौजूद थे। इस मीटिंग को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ड्रामा बताया है। और कहा कि पब्लिक रिलेशन एक्सरसाइज बताया है। कुरैशी ने आगे कहा कि गुरुवार को जो मीटिंग हुई है, उससे कुछ हासिल नहीं होने वाला है। तीन घंटे चली इस मीटिंग में प्रधानमंत्री ने नेताओं की बात को सुना और अपनी बात रखी।
सिर्फ पब्लिक रिलेशन एक्सरसाइज थी
कुरैशी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई दिल्ली में हुई मीटिंग पर सवालों के जवाब दिए। कहा- मेरे हिसाब से तो यह मीटिंग एक ड्रामे से ज्यादा कुछ नहीं थी। बहुत ज्यादा कहें तो यह एक पब्लिक रिलेशन एक्सरसाइज थी। लेकिन, इन चीजों से कुछ हासिल नहीं होने वाला। यह नाकामयाब और बेकार की कवायद है, क्योंकि इस तरह की चीजों से कुछ हासिल होने वाला नहीं है।
कश्मीरियों को पहचान की तलाश
कुरैशी ने कहा- कश्मीरियों को अब भी अपनी पहचान की तलाश है। वो आजादी और स्वायत्तता चाहते हैं। उन्हें सुरक्षा भी चाहिए और भारत वहां जो आबादी में बदलाव की कोशिश कर रहा है, उसे वहां के लोग कभी स्वीकार नहीं करेंगे। कश्मीरी नेता पहले ही साफ कर चुके हैं कि भारत सरकार को 5 अगस्त 2019 को उठाए गए कदमों को वापस लेना होगा। आर्टिकल 370 और धारा 35ए को बहाल करना होगा। कश्मीर को फिर राज्य का दर्जा देना होगा। मोदी से मीटिंग में इन नेताओं को इस बारे में कोई ठोस जवाब या भरोसा नहीं दिलाया गया कि राज्य का दर्जा फिर कब बहाल किया जाएगा।
8 दलों के नेता शामिल हुए थे
प्रधानमंत्री ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पर 8 दलों के 14 नेताओं के साथ करीब 3 घंटे तक बैठक की थी। प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस मीटिंग में मोदी ने संदेश दिया कि जम्मू-कश्मीर से दिल्ली और दिल की दूरी कम होगी। उन्होंने परिसीमन के बाद जल्द विधानसभा चुनाव कराए जाने की बात भी कही थी और नेताओं से ये भी कहा कि वे इस प्रक्रिया में शामिल हों।