ब्राजील में वैक्सीन घोटाला: राष्ट्रपति फंसे, भारत की कोवैक्सिन डील मामले में गड़बड़ी का आरोप

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ब्राजील में वैक्सीन घोटाला: राष्ट्रपति फंसे, भारत की कोवैक्सिन डील मामले में गड़बड़ी का आरोप

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो कोरोना वैक्सीन खरीद में घोटाले के आरोपों में फंस गए हैं। यह मामला भारत बायोटेक की कोवैक्सिन डील से जुड़ा है। G1 वेबसाइट की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्राजील के सुप्रीम फेडरल कोर्ट ने भारत की कोवैक्सिन की खरीद में ज्यादा कीमत चुकाने पर राष्ट्रपति की जांच को मंजूरी दे दी है।ब्राजील की सरकार ने कोवैक्सिन के 2 करोड़ डोज के लिए एक समझौते पर दस्तखत किए हैं। एक डोज के लिए 15 डॉलर (1,117 रु.) कीमत तय की गई थी। दिल्ली में ब्राजील के दूतावास में बताया गया कि एक खुराक की सही कीमत 100 रुपए ($1.34) थी।

राष्ट्रपति ने क्या किया, इसकी होगी जांच

जस्टिस रोजा वेबर ने अटॉर्नी जनरल ऑफिस की गुजारिश पर सहमति जताते हुए 3 महीने की जांच को सहमति दे दी। बोल्सनारो को कथित तौर पर कई महीने पहले इस मामले बारे में बताया गया था। जांच में इस बारे में की जाएगी कि राष्ट्रपति कुछ कर रहे थे या नहीं। देश के लेफ्टिस्ट और सेंट्रिस्ट पार्टियों ने निचले सदन में महाभियोग की अपील दायर की है।

सरकार रद्द की डील

ब्राजील की सरकार ने कोवैक्सिन के 2 करोड़ डोज खरीदने का करार अस्थायी तौर पर रद्द कर दिया। यह सौदा 32.4 करोड़ डॉलर का है। भ्रष्टाचार के आरोपों पर भारत बायोटेक कंपनी ने कहा कि हमने समझौते, अप्रूवल और सप्लाई के लिए ब्राजील में उन्हीं नियमों का पालन किया, जिनका दूसरे देशों में किया गया। ब्राजील सरकार ने अब तक कोई एडवांस नहीं दिया है। भारत बायोटेक ने दूसरे देशों को सरकारी सप्लाई के लिए कोवैक्सिन की कीमत 1,115-1,487 रुपए प्रति डोज के बीच रखी है।

दुनिया का तीसरा प्रभावित देश

अमेरिका और भारत के बाद ब्राजील कोरोना से सबसे प्रभावित तीसरा देश है। यहां अब तक 1.86 करोड़ केस आ चुके हैं। मौत की बात की जाए तो ब्राजील दूसरे नंबर पर है। यहां संक्रमण से 5.22 लाख लोगों की जान जा चुकी है। इस समय ब्राजील में सबसे ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं।

वैक्सीन खरीद में घपला
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