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म्यांमार में सेना ने शासन को अपने हाथों में लिया है। हेल्थकेयर वर्कर्स पर इस साल अभी तक 508 हमले दर्ज किए गए। वहीं, 240 हमले अकेले म्यांमार में दर्ज किए गए।सेना और पुलिस अब हेल्थकेयर वर्कर्स को अपना निशाना बना रही है। उन्हें राजद्रोही या विद्रोही बताकर उनकी हत्या की जा रहा है। सेना किसी भी अस्पताल में बिना इजाजत के घुस जाती है और डॉक्टरों से मारपीट करती है।
देश में टीकाकरण रुका
सेना और पुलिस के जवान डॉक्टरों को बंदूक की बट से पीटते है। नर्सों को पीटा जा रहा है। दोनों को ही राजद्रोही बताया जा रहा है। हालत इतनी खराब है कि कुछ डॉक्टरों की हत्या भी कर दी गई है। देश में टीकाकरण रुक चुका है।
12 डॉक्टरों की हत्या
ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि हेल्थवर्कर्स ने सैन्य तख्तापलट के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी। सेना उन्हें विद्रोही मानती है। अब तक 400 डॉक्टरों और 180 नर्सों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दुनियाभर में संघर्षों का विश्लेषण करने वाली इनसिक्योरिटी इनसाइट के अनुसार अब तक 157 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। इनमे से 32 घायल है। वहीं, 12 की हत्या कर दी गई। सेना ने 51 अस्पतालों में कब्जा कर लिया हैं।
म्यांमार में 6.7 डॉक्टर
10 हजारा डॉक्टरों पर 6.7 डॉक्टर है, जबकि 2017 की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 15.6 का आंकड़ा है। म्यांमार की सरकार जानबुझकर डॉक्टरों को निशाने पर ले रही है। हेल्थवर्कर्स अपना नैतिक काम भी नहीं कर पा रहे है, क्योंकि सेना उन्हें मार रही है। सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है लोगों को इलाज करने की वजह से उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया ।