/sootr/media/post_banners/f7b7bf6cffd8e2e0dfa5d4f04b81058d0296b5c353c7f91362d23e1a8e686f54.png)
वॉशिंगटन. ब्रिटिश ब्रिटिश रिचर्ड ब्रैन्सन रविवार यानी 11 जुलाई को अंतरिक्ष की सैर पर जाने वाले हैं। अगर उड़ान सफल रही तो उनकी कंपनी वर्जिन अंतरिक्ष के लिए कमर्शियल टूर शुरू करने की ओर सबसे बड़ा पड़ाव पार कर लेगी। ब्रैन्सन बतौर मिशन स्पेशलिस्ट स्पेसशिप-2 यूनिटी से जुड़ेंगे। उनके साथ भारतवंशी बांडला सिरीशा समेत 5 और लोग उड़ान भरेंगे। भारत में जन्मीं सिरीशा इस मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाली कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद तीसरी भारतवंशी महिला बन जाएंगी। 34 साल की सिरीशा एयरोनॉटिकल इंजीनियर हैं।उनके इस सफर को देखने के लिए एलन मस्क भी मौजूद रह सकते हैं। मस्क टेस्ला के CEO हैं और उनकी कंपनी स्पेसएक्स स्पेस टूरिज्म में बड़ी खिलाड़ी बनने की कोशिशों में लगी है। मस्क ने ब्रैन्सन को इस ऐतिहासिक यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि वह उनकी उड़ान देखने के लिए लॉन्च साइट पर मौजूद रहेंगे।
स्पेस टूरिज्म में इसी महीने 2 बड़ी घटनाएं होंगी
ब्रैन्सन के बाद 20 जुलाई को अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस ‘एज ऑफ स्पेस' यानी अंतरिक्ष के सिरे की यात्रा के लिए उड़ान भरेंगे। वहीं, महीने के आखिर में बोइंग अपने स्काइलाइनर की टेस्ट फ्लाइट उड़ाने वाला है।
2.5 घंटे की होगी उड़ान
एयरप्लेन की उड़ान भारतीय समयानुसार शाम 6 बजे होगी। यह न्यू मैक्सिको (अमेरिका) के स्पेसपोर्ट से टेक ऑफ करेगा। फ्लाइट की अवधि 2.5 घंटे होगी। यह अंतरिक्ष में करीब 100 किमी ऊपर जाएगा। इसे VirginGalactic.com, Twitter, YouTube और Facebook लाइव देखा जा सकेगा।
2022 से कमर्शियल टूर शुरू होंगे
रिचर्ड ब्रैन्सन की अपनी कंपनी है वर्जिन गैलेक्टिक। इसने अब तक तीन बार एज ऑफ स्पेस तक की यात्रा की है। पर यह अब तक टेस्ट फ्लाइट्स ही थी। 25 जून को कंपनी को औपचारिक तौर पर लाइसेंस मिला है। यानी अब कंपनी आम लोगों को बेसिक ट्रेनिंग के बाद स्पेस तक ले जा सकती है। ब्रैन्सन की उड़ान को इसका ट्रायल कहा जा सकता है। ब्रैन्सन और बेजोस की कंपनियों को क्रू के साथ मिशन की अनुमति मिल चुकी है।इसी वजह से ब्रैन्सन 11 जुलाई और बेजोस 20 जुलाई को अपनी कंपनियों के पहले मैन्ड-मिशन में साथ जाकर इतिहास रचने जा रहे हैं। ब्रैन्सन की कंपनी की तैयारी 2022 से हर हफ्ते लोगों को स्पेस तक ले जाने की है। इसके लिए वह 2.50 लाख डॉलर यानी करीब 1.90 करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी में है। इसी आधार पर रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक स्पेस टूरिज्म मार्केट 3 बिलियन डॉलर, यानी करीब 26 हजार करोड़ रुपए का होने जा रहा है।
बेजोस से आगे निकलना चाहते हैं ब्रैन्सन
ब्रैन्सन खुद फ्लाइट में जा रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि कितना वक्त लगेगा, टूरिस्ट का वेटलेसनेस का अनुभव कैसा रहेगा, इसे और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है। इस वजह से उन्हें मिशन स्पेशलिस्ट यानी चालक दल का सदस्य कहा जा रहा है।मजेदार बात यह है कि ब्रैन्सन का कोई प्लान था ही नहीं। हर तरफ बेजोस के स्पेस ट्रैवल की ही चर्चा थी। पर जब वर्जिन गैलेक्टिक को 25 जून को लाइसेंस मिल गया तो कंपनी ने 11 जुलाई के अपने मिशन की घोषणा कर दी। साफ है कि ब्रैन्सन स्पेस टूरिज्म की इस होड़ में बेजोस को पछाड़ना चाहते हैं।