शक्ति के 48 नियम : रॉबर्ट ग्रीन की किताब से जानें कैसे हासिल करें शक्ति

रॉबर्ट ग्रीन की किताब 'शक्ति के 48 नियम' शक्ति प्राप्ति की रणनीतियों का संग्रह है। यह किताब शक्ति के खेल को समझाती है और बताती है कि इसे कैसे हासिल किया जाए और बनाए रखा जाए।

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Anjali Dwivedi
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📘 किताब का नाम: शक्ति के 48 नियम
✍ लेखक: रॉबर्ट ग्रीन
📆 पहली पब्लिशिंग: 1998
🌍 भाषा: हिंदी- अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में उपलब्ध

5 प्वाइंट में जानें इस किताब के बारे में

  • 'शक्ति के 48 नियम' में ग्रीन ने शक्तिशाली व्यक्तियों के सफलता के राज बताए हैं।
  • यह किताब ऐतिहासिक उदाहरणों से शक्ति के खेल को समझाती है।
  • ग्रीन ने शक्ति की प्राप्ति के लिए चालाकी और रणनीति को अहम माना है।
  • पुस्तक में बताए गए नियम नैतिकता से परे हैं। ये प्रभावी रणनीतियों पर आधारित हैं।
  • किताब ने दुनियाभर में विवाद पैदा किया। यह सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली किताबों में से एक है।

'शक्ति के 48 नियम' का सारांश

क्या आपने कभी सोचा है कि यह सिर्फ भाग्य का खेल है? या फिर इसके पीछे गहरे रहस्य हैं? यही सवाल रॉबर्ट ग्रीन ने अपनी किताब 'शक्ति के 48 नियम' में उठाया है। यह किताब इतिहास से जुड़ी जानकारी देती है। यह शक्तिशाली व्यक्तियों के सफल होने की चालाकियों और रणनीतियों को उजागर करती है।

'शक्ति के 48 नियम' एक शक्ति-संघर्ष के सिद्धांतों का संग्रह है। यह नियम सिकंदर महान, नेपोलियन बोनापार्ट और महारानी एलिजाबेथ I जैसे व्यक्तित्वों द्वारा लागू किए गए थे। इन नियमों की मदद से वे अपनी शक्ति बनाए रखने में सफल रहे।

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किताब का उद्देश्य और इसके पीछे की सोच

रॉबर्ट ग्रीन का उद्देश्य यह नहीं है कि यह किताब नैतिकता सिखाए। बल्कि, यह बताती है कि शक्ति की दुनिया में क्या काम करता है। यदि आपको सुरक्षित रहना है, तो अपने इरादों को स्पष्ट नहीं करें। जब आप अपने इरादे छिपाते हैं, तो विरोधी आपकी रणनीति नहीं समझ पाते। इस तरह आप एक कदम आगे रहते हैं।

'शक्ति के 48 नियम' में ग्रीन ने शक्ति के संघर्ष और सफलता के रहस्यों को स्पष्ट किया है। इसमें कुछ नियम हैं, जो आपको प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने में मदद करेंगे। जैसे कि, कभी भी अपने से ऊपर के व्यक्ति को चुनौती मत दीजिए। अपनी प्रतिष्ठा को सुरक्षित रखने के लिए सोच-समझकर कदम उठाइए।

किताब के प्रभाव और आलोचनाएं

हालांकि 'शक्ति के 48 नियम' को साहित्य के बड़े पुरस्कारों से सम्मानित नहीं किया गया है, इसका प्रभाव बहुत गहरा है। यह किताब दुनिया भर में सबसे विवादित और सबसे अधिक बिकने वाली किताबों में से एक बन चुकी है। खासकर यह किताब राजनेताओं, कारोबारियों और नेताओं के बीच बहुत प्रसिद्ध है।

 ये किताबें इस बात का प्रमाण है कि शक्ति की रणनीतियां लोगों को आकर्षित करती हैं।

किताब में कुछ महत्वपूर्ण अंश

एक प्रमुख अंश जो इस किताब में आता है, वह है- "लोगों को अंधेरे में रखें। अपने इरादों को छुपाकर रखें।" यह पंक्ति बताती है कि कभी अपनी योजनाओं को पूरी तरह से जाहिर न करें। अपनी रणनीतियों को गुप्त रखें और लोगों को भ्रमित करने का प्रयास करें।

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