यूरोप में parrot fever से 5 लोगों की मौत, WHO बोला-4 देशों में 81 केस

पैरेट फीवर को सिटाकोसिस के नाम से भी जाना जाता है। साल 2023 की शुरुआत में भी इस बीमारी से लोग संक्रमित हुए थे, लेकिन अब इससे लोगों की जान जाने लगी है। WHO का कहना है कि ये बेहद खतरनाक है।

Advertisment
author-image
BP shrivastava
New Update
Thesootr

यूरोप के कई देशों में पैरेट फीवर फैल रहा है। इससे अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है।

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL.यूरोप के कई देशों में फैले पैरेट फीवर  ( parrot fever ) से लोग घबराए हुए हैं। इससे अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का कहना है कि ये बेहद खतरनाक है।

संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने से फैल रही बीमारी

US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक पैरेट फीवर पक्षियों में पाए जाने वाले एक बैक्टीरिया की वजह से फैल रहा है। अगर इस बैक्टीरिया से संक्रमित पक्षी किसी इंसान को काट लेता है या उसके संपर्क में आता है तो वो शख्स बीमार पड़ जाता है। 

ये खबर भी पढ़ें... फुटपाथ पर पकौड़े तल रहीं DU की पूर्व professor, जानिए क्या है मजबूरी

पैरट फीवर की शुरुआत 2023 से हुई

अमेरिकी मीडिया ने रिपोर्ट में WHO के हवाले से लिखा है कि पैरेट फीवर को सिटाकोसिस के नाम से भी जाना जाता है। इसने यूरोपीय देशों में रहने वाले लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है। साल 2023 की शुरुआत में भी इस बीमारी से लोग संक्रमित हुए थे, लेकिन अब इससे लोगों की जान जाने लगी है।'

ये खबर भी पढ़ें... INDIA को मिली पहली अंडर वॉटर मेट्रो, जानें कैसे बनी है नदी के अंदर सुरंग

डेनमार्क में 23 मामले सामने आए

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार WHO ने कहा, 'ऑस्ट्रिया में 2023 में 14 मामलों की पुष्टि हुई थी, लेकिन इस साल अब तक मार्च में ही 4 मामले सामने आ चुके हैं। कुल मामले 18 हो गए। वहीं, डेनमार्क में 27 फरवरी तक 23 मामलों की पुष्टि हुई थी।'

जर्मनी में 2023 में 14 मामले सामने आए थे। इस साल अब तक 5 मामले सामने आए हैं। कुल 19 मामले हो गए हैं। अब तक 3 देशों में कुल 60 लोग पैरेट फीवर से संक्रमित पाए गए हैं। नीदरलैंड में भी 21 मामले सामने आए हैं। WHO ने कहा कि हाल ही मिले अधिकांश मामले पालतू या जंगली पक्षियों के संपर्क में आने से सामने आए हैं।'

ये खबर भी पढ़ें... Facebook Instagram Down हुआ तो Elon Musk ने लिए मजे, जानिए कैसे

बीमारियां बढ़ने का कारण क्लाइमेट चेंज

कई रिसर्च में सामने आया है कि जलवायु परिवर्तन से बीमारियां फैल रही हैं। निचली और गर्म जगहों पर रहने वाले जानवर बढ़ते तापमान को झेल नहीं पा रहे हैं इसलिए ऊंची और ठंडी जगहों की तरफ माइग्रेट हो रहे हैं। इनके साथ बीमारियां भी उन इलाकों तक पहुंच रही हैं, जहां पहले नहीं थीं।

ऐसे समझें बीमारी कैसे फैल रही

एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक पोसम्स, ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला नेवले की तरह दिखने वाला जानवर बुरुली अल्सर नाम की बीमारी फैला रहा है। ये ऑस्ट्रेलिया के तापमान में ही रह सकता है, लेकिन अगर वहां के तापमान में बदलाव होता है तो पोसम्स अपने जीवन के अनुकूल परिस्थिति ढूंढने के लिए किसी और देश जा सकता है।

मान लीजिए पोसम्स अनुकूल परिस्थिति की तलाश में न्यूजीलैंड पहुंच जाए और वहां रहने लगे। ऐसी स्थिति में पोसम्स से फैलने वाली बुरुली अल्सर नामक बीमारी ऑस्ट्रेलिया के साथ न्यूजीलैंड में भी फैलने लगेगी।

इंसान के जानवरों-जीवों से संपर्क में आने से फैल रहीं बीमारियां

  • इंसानों ने डेवलपमेंट के नाम पर जंगलों को काटकर वहां घर और इंडस्ट्रीज बना लीं। इस कारण हमारा जानवरों, मच्छरों, बैक्टीरिया, फंगस से संपर्क बढ़ गया है। दूसरी तरफ ये सभी जीव-जंतु खुद को बदलती क्लाइमेट कंडीशन्स के अनुकूल बना रहे हैं और हमारे वातावरण में ही रह रहे हैं। इनसे कई बीमारियां फैल रही हैं, जो हमारे जीवन के लिए खतरनाक हैं।
  • इंसान अपने जीवन के लिए कई जीवों पर निर्भर करते हैं। वो सर्वाइवल के लिए इन्हें खा लेते हैं। इससे होता ये है कि इंसान इन जीवों में पनपने वाले बैक्टीरिया या इनसे फैलने वाली बीमारियों के डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आ जाते हैं।
  • इधर, बढ़ते तापमान का दंश झेलने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हर साल करीब 2 करोड़ लोग जलवायु परिवर्तन के चलते विस्थापित होते हैं।
  • ये सभी फैक्टर्स बीमारियों के फैलने के लिए उपयुक्त परिस्थितियां बना रहे हैं। पहले खत्म हुई और नई बीमारियां दोनों ही बढ़ती जा रही हैं। इससे डेथ रेट बढ़ रहे हैं। ऐसे में रिसर्चर्स इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि क्लाइमेट चेंज हमारी उम्र पर भी असर डाल रहा है।
  • वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, मौसम में होने बदलावों का असर तेजी से इंसानों के जीवन पर हो रहा है। 2030 से 2050 तक केवल मलेरिया या दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से ढाई लाख मौतें हो सकती हैं।

 

who parrot fever