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dalit-girl-exam Photograph: (thesootr)
तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक निजी स्कूल में 8वीं क्लास की एक दलित छात्रा को पीरियड्स के दौरान एग्जाम में अलग बैठाया गया। यह घटना स्वामी चिद्भावनंद मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल की है, जो सेनगुट्टईपालयम स्थित है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें छात्रा को सीढ़ियों पर बैठकर परीक्षा देते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो के सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और स्कूल की प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है।
घटना 5 अप्रैल 2024 को हुई थी, जब छात्रा को पीरियड्स शुरू हो गए थे। इसके बाद, स्कूल की हेडमिस्ट्रेस ने छात्रा को क्लास के बाहर बैठकर परीक्षा देने के लिए कहा। इसके बाद, छात्रा ने 7 और 9 अप्रैल को भी साइंस और सोशल साइंस के एग्जाम बाहर बैठकर ही दिए। छात्रा ने वीडियो में बताया कि यह पहली बार नहीं हुआ, जब उसे अलग बैठने को कहा गया। वह पहले भी एग्जाम के लिए किसी अन्य जगह पर भेजी जा चुकी थी।
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वीडियो में बच्ची एक महिला से बात करती हुई सुनाई दे रही है, जो संभवतः उसकी मां हो सकती है। वीडियो में बच्ची ने बताया कि प्रिंसिपल ने उसे सीढ़ियों पर बैठकर परीक्षा देने को कहा था और यह पहला मौका नहीं था। बच्ची की मां ने पूछा, "क्या तुम जवान हो जाओगी तो क्या वे तुम्हें क्लास में परीक्षा नहीं देने देंगे?" इस सवाल का जवाब बच्ची ने अपनी मां को दिया और बताया कि ऐसा पहले भी हुआ था।
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स्कूल प्रशासन का दावा है कि बच्ची की मां ही चाहती थीं कि बच्ची को अलग बैठाकर परीक्षा दिलाई जाए। हालांकि, बच्ची की मां ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि वह केवल चाहती थीं कि बच्ची को थोड़ा अलग बैठाकर परीक्षा दी जाए, ताकि वह आराम से परीक्षा दे सके।
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तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री अनबिल महेश ने इस मामले पर सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि स्कूल के खिलाफ डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी (departmental inquiry) के आदेश दे दिए गए हैं। मंत्री ने कहा कि बच्चों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव या दबाव नहीं सहा जाएगा और राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। उन्होंने बच्ची को संबोधित करते हुए कहा, "बेटा, आपको अकेले नहीं बैठाया जाएगा। हम हैं और हमेशा रहेंगे।"
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शिक्षा मंत्री के आदेश पर, प्राइवेट स्कूल एजुकेशन के डायरेक्टर डॉ. एम पलामीसामी पर भी इन्क्वायरी बैठाई गई है। यदि जांच में कोई गलत कार्यवाही सामने आती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के बाद मेन्स्ट्रुअल हाइजीन (Menstrual Hygiene) को लेकर सरकार की नीतियां भी चर्चा में हैं। नवंबर 2024 में केंद्र सरकार ने मेन्स्ट्रुअल हाइजीन पॉलिसी को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य स्कूली छात्राओं में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस पॉलिसी के तहत, छात्राओं को मासिक धर्म के दौरान स्कूल आने में कोई रुकावट न हो, इसके लिए सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।