उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में बसपा सुप्रीमो मायावती की भतीजी ने अपने पति और ससुराल पक्ष के सात लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला हापुड़ नगर कोतवाली में अदालत के आदेश पर दर्ज किया गया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न सहना पड़ा, जिससे उसका जीवन कठिन हो गया।
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शादी के बाद शुरू हुआ उत्पीड़न
पीड़िता की शादी 9 नवंबर 2023 को हापुड़ नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा देवी और बसपा से पूर्व विधायक प्रत्याशी रहे श्रीपाल सिंह के बेटे विशाल से हुई थी। शादी के बाद, पीड़िता के ससुराल पक्ष ने उससे 50 लाख रुपये नकद और गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक फ्लैट की मांग की। इन मांगों के कारण, उसके ससुराल वाले लगातार उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे।
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दहेज की मांग और मारपीट के आरोप
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके पति विशाल, सास पुष्पा देवी, ससुर श्रीपाल सिंह, जेठ भूपेन्द्र उर्फ मोनू, जेठानी निशा, ननद शिवानी और मौसा ससुर अखिलेश ने दहेज न देने पर उसे मारपीट का शिकार बनाया। उसे यह भी धमकी दी गई कि यदि दहेज की मांग पूरी नहीं की गई, तो उसे झूठे मामले में फंसाया जाएगा। इसके अलावा, पीड़िता ने अपने पति विशाल पर नपुंसक होने का भी आरोप लगाया।
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न्यायालय का आदेश और पुलिस की कार्रवाई
इस मामले में अदालत ने पीड़िता की शिकायत पर हापुड़ पुलिस को कार्रवाई करने का आदेश दिया। हापुड़ पुलिस ने महिला के आरोपों के आधार पर केस दर्ज किया। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है। इस मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है, जिनमें दहेज उत्पीड़न, शारीरिक हिंसा और झूठे आरोप लगाने जैसी धाराएं शामिल हैं।
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कानून और दहेज उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कार्रवाई
इस मामले में पुलिस द्वारा की जा रही जांच यह दर्शाती है कि भारत में दहेज उत्पीड़न के मामलों को लेकर कानून सख्त है। आईपीसी की धारा 498A, जो दहेज उत्पीड़न से संबंधित है, के तहत आरोपी पति और ससुराल पक्ष पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच तेज कर दी है, और जल्द ही आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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दहेज उत्पीड़न और समाज पर प्रभाव
यह घटना न केवल इस परिवार का मामला है, बल्कि समाज में दहेज की कुप्रथा और इसके परिणामस्वरूप होने वाले उत्पीड़न की ओर भी इशारा करती है। दहेज उत्पीड़न समाज में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बना देता है। देश भर में दहेज के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, और इससे निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इस मामले में भी पुलिस की कार्रवाई से यह साबित होता है कि कानून के दायरे में आकर ही महिलाओं को सुरक्षा दी जा सकती है।