राजस्थान के नागौर जिले की 15 ग्राम पंचायतों में 674 से अधिक युवाओं ने अपने आधार कार्ड में जन्मतिथि बदलवाकर सरकारी बुजुर्ग पेंशन योजना ( Senior Pension Scheme ) का लाभ उठा लिया। ये सभी लोग हर महीने सरकार से 7 लाख 41 हजार 400 रुपए की पेंशन ले रहे हैं। पिछले पांच साल में ये पेंशनधारी कुल 4.44 करोड़ रुपए की पेंशन उठा चुके हैं। ( Pension Scam )
ई-केवाईसी की कमी
प्रदेश में अभी तक 7 लाख लोगों ने ई-केवाईसी नहीं कराई है, जिनमें गड़बड़ी की संभावना हो सकती है। सरकार लगातार ई-केवाईसी की प्रक्रिया को बढ़ावा दे रही है, लेकिन अभी तक पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई है।
फर्जी आधार कार्ड से हो रही पेंशन की लूट
इस घोटाले में युवाओं ने अपनी उम्र 30-40 साल से बढ़वाकर 55 साल या उससे अधिक दिखा दी है, जिससे वे बुजुर्ग पेंशन का लाभ उठा रहे हैं। कई मामलों में पेंशन कार्ड में भगवान शिव और बिजली के तारों की फोटो भी लगाई गई हैं, जिन्हें अधिकारियों ने वैरिफाई भी किया है।
फर्जीवाड़े के उदाहरण
- रामकिशोर: उनके पेंशन कार्ड में जन्मतिथि 1 जनवरी 1962 दिखाई गई है, जबकि वास्तविक जन्मतिथि 1 जनवरी 1980 है।
- बाबूलाल: इनके पेंशन कार्ड में 1 जनवरी 1958 की जन्मतिथि है, जबकि वास्तविक जन्मतिथि 1968 है।
- रेवंतराम: इनके पेंशन कार्ड में जन्मतिथि 24 नवंबर 1953 दर्ज है, जबकि वास्तविक जन्मतिथि 10 सितंबर 1975 है।
अधिकारियों की मिलीभगत और फर्जीवाड़े की चेन
यह घोटाला पिछले 15 साल से चल रहा है, जिसमें ई- मित्र केंद्रों पर आर्थिक लालच देकर स्वीकृतियां ली जा रही हैं। इस घोटाले में ग्राम विकास अधिकारी, विकास अधिकारी और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की मिलीभगत हो सकती है।
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ई-केवाईसी से फर्जीवाड़े का खुलासा
पेंशन विभाग के एडिशनल डायरेक्टर हरीश मीणा ने बताया कि ई-केवाईसी प्रक्रिया से फर्जीवाड़े को पकड़ा जाएगा और दोषियों से रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि 7 लाख लोग अभी भी ई-केवाईसी से वंचित हैं। उन पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
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