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Photograph: (The Sootr)
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार, 18 सितंबर को हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप को क्लीनचिट दे दी। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग और शेयर बाजार में हेरफेर करने जैसे आरोप लगाए थे। इसके कारण अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट आई थी। हालांकि, SEBI की जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिले और अडाणी के खिलाफ आरोप गलत साबित हुए।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ क्या आरोप लगाए थे?
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग, शेयर मैनिपुलेशन और गलत फंड ट्रांसफर के आरोप लगाए थे। इस रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप की कंपनियों की मार्केट वैल्यू में 12 बिलियन डॉलर (लगभग 1 लाख करोड़ रुपए) की गिरावट आई थी। इसके परिणामस्वरूप, अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 59% तक गिर गए थे।
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SEBI की जांच में क्लीन चिट
SEBI ने अपनी जांच में यह पाया कि हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार थे। SEBI के अनुसार:
कोई शेयर मैनिपुलेशन नहीं: जांच में पाया गया कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों द्वारा शेयरों में कोई हेरफेर नहीं किया गया।
रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन: SEBI ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ कंपनियों के माध्यम से हुए फंड ट्रांसफर को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं माना जा सकता।
कर्ज का भुगतान: अडाणी ग्रुप ने समय पर कर्ज का भुगतान किया और किसी भी धोखाधड़ी का आरोप साबित नहीं हुआ।
कोई जुर्माना नहीं: चूंकि कोई भी गलती या धोखाधड़ी साबित नहीं हुई, SEBI ने अडाणी ग्रुप या उनके चेयरमैन गौतम अडाणी पर कोई जुर्माना या सजा नहीं लगाई।
पारदर्शी जांच: SEBI ने पूरे मामले की पारदर्शी जांच की और निष्कर्ष निकाला कि सभी लेन-देन वैध और पारदर्शी थे।
अडाणी ने कहा- सत्य की जीत हुई है
SEBI से क्लीनचिट मिलने के बाद अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा, "यह लंबे समय से हमारी स्थिति को सही ठहराता है। हिंडनबर्ग के आरोप पूरी तरह से झूठे थे। हमें उन निवेशकों के नुकसान का दुख है जिन्होंने इस फर्जी रिपोर्ट के कारण पैसा गंवाया। हम उन लोगों से माफी की मांग करते हैं जिन्होंने देश में झूठ फैलाया। हमारी प्रतिबद्धता भारत के विकास और इसकी जनता के प्रति हमेशा अटल रहेगी।"
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अडाणी हिंडनबर्ग विवाद मामले की टाइमलाइन
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SEBI की क्लीनचिट का अडाणी ग्रुप ने किया स्वागत
SEBI द्वारा क्लीनचिट मिलने के बाद, अडाणी ग्रुप ने इसे अपनी पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी का प्रमाण माना। अडाणी ने अपने बयान में कहा, "सत्यमेव जयते, हम हमेशा सत्य और न्याय के पक्ष में खड़े रहे हैं। हम इस क्लीनचिट के साथ आगे बढ़ेंगे और हमारे सभी निवेशक और स्टेकहोल्डर हमें पूरी उम्मीद और विश्वास के साथ आगे बढ़ने का अवसर देंगे।"
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क्या है हिंडनबर्ग-अडाणी मुद्दाः ये लगाए थे आरोपशेयर मूल्य मैनिपुलेशन: अडाणी ग्रुप की कंपनियों ने अपने शेयरों की कीमत को कृत्रिम रूप से बढ़ाया और इसे मैनिपुलेट किया। मनी लॉन्ड्रिंग और अकाउंटिंग फ्रॉड: पिछले 8 वर्षों के दौरान, अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग और अकाउंटिंग फ्रॉड के आरोप लगाए गए, जिसमें 5 CFO का परिवर्तन हुआ। अत्यधिक शेयर मूल्य: अडाणी ग्रुप की 7 कंपनियों के शेयरों की कीमत असामान्य रूप से बढ़ी, जो कि वास्तविक मूल्य से 85% ज्यादा थी। कर्ज की स्थिति: अडाणी ग्रुप पर 2.20 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है, जो उसकी कंपनियों की वास्तविक हैसियत से कहीं ज्यादा है। फंड ट्रांसफर और शेयर खरीदारी: अडाणी ग्रुप ने मॉरीशस और अन्य देशों में कंपनियों को पैसे भेजे और इन कंपनियों ने अडाणी के शेयर खरीदे। |
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था सेबी को जांच का आदेश
अडाणी ग्रुप ने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए SEBI को आदेश दिया था। SEBI ने अपनी जांच पूरी कर ली और हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज कर दिया। इसके बाद, अडाणी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह सत्य की जीत है। उन्होंने यह भी कहा, "हमें उन लोगों का धन्यवाद है जिन्होंने इस मुश्किल समय में हमारे साथ खड़ा रहा। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा।"
मार्केट पर पड़ा था यह असर
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। 24 जनवरी 2023 को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर प्राइस 3442 रुपये था, लेकिन 22 फरवरी 2023 तक यह गिरकर 1404 रुपये तक पहुंच गया था।